सिपाही की करतूत के चलते बारहवीं के एग्जाम देना होगा मुश्किल
हॉस्पिटल में जिंदगी से जूझ रही है छात्रा
BAREILLY: बचपन से ही पढ़ने में काफी होनहार है। टेंथ क्लास में सीबीएससी से उसने 92 परसेंट मार्क्स पाने के बाद उसके सपनों को मानो पंख लग गया। यही वजह है कि 12वीं क्लास में उसने और भी ज्यादा मार्क्स लाने की ठानी है। ताकि, वह टीचर और पिता का नाम रौशन कर सके, लेकिन उसके सपनों पर ब्रेक लगने का खतरा मंडरा रहा है। बात कर रहे हैं, बदायूं के उझानी की उस छात्रा की, जिसे उझानी थाना के सिपाही ने रेप के प्रयास में नाकाम होने पर छत से फेंक दिया था। फिलहाल वह बरेली के हास्पिटल में जिंदगी से जूझ रही है।
पिता का नाम रौशन करना चाहती थी
हॉस्पिटल में एडमिट छात्रा की हालत अभी गंभीर बनी हुई है। छात्रा की देखरेख में उसकी मां लगी हुई है। वह ज्यादा कुछ बोल नहीं पा रही है, लेकिन काफी डरी-डरी लग रही है। छात्रा की मां ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ने में काफी होनहार है। उसके हमेशा से अच्छे मार्क्स आए हैं। वह उझानी कस्बे के ही सीबीएसई स्कूल में पढ़ती है। टेंथ क्लास में भी उसने 92 परसेंट मार्क्स से परीक्षा पास की थी। वह अपने पिता का नाम रौशन करना चाहती है। इसलिए वह दिन-रात पढ़ाई के लिए मेहनत करती है।
एक साल में दूसरी बार गमों का पहाड़
छात्रा की मां ने बताया कि उनके पति की ठीक एक साल पहले 11 जनवरी 2014 को कैंसर की बीमारी से मौत हो गई। पति इंटर कालेज में सरकारी टीचर थे। वह मूल रूप से सरधाना मेरठ के रहने वाले हैं। उन्हें अभी तक जॉब भी नहीं मिली है। उनके दो बच्चे हैं। एक बेटी और एक बेटा। बेटा छोटा है और वह आठवीं क्लास में पढ़ता है। वह अपने दोनों बच्चों को पढ़ा लिखाकर काबिल बनाना चाहती हैं। मां कहती हैं कि उन्हें क्या पता था कि एक साल में उन्हें दूसरी बार इतना बड़ा दर्द मिलेगा।
पहले सीओ का ड्राइवर था गौरव
गौरव पहले पूर्व सीओ उझानी का ड्राइवर था। सीओ इस वक्त दूसरे डिस्ट्रिक्ट में तैनात हैं। सीओ छात्रा के रिश्ते में मौसा हैं। मौसा का छात्रा के घर आना जाना था। सीओ के साथ ही गौरव की भी उनके घर के बाहर तक आया था। मां का आरोप है कि इसी लालच में गौरव ने उनकी बेटी को अपने जाल में फंसाया होगा। वह उनकी बेटी को ब्लैकमेल कर रहा था लेकिन बेटी ने कभी उन्हें इस बारे में नहीं बताया था। छत से फेंकने के बाद भी बेटी ने उन्हें कुछ नहीं बताया लेकिन अपने मौसा और मौसी को पूरी कहानी बतायी।
हो सकता है देवर सिपाही से मिले हों
मां का आरोप है कि पति की मौत के बाद उनके देवर उनकी प्रापर्टी हड़पना चाहते हैं और दोनों बच्चों की जान लेना चाहते हैं। एक देवर उनकी पांच लाख की पॉलिसी भी गलत तरह से हड़प चुका है। इसके अलावा देहरादून में भी लाखों का मकान देवर हड़पना चाहते हैं। इसी शक के चलते उन्होंने पहले देवरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी थी। तहरीर उसने थाना पुलिस के कहने पर ही एक्सीडेंट की लिखकर दी थी। हो सकता है कि देवरों ने प्लानिंग के तहत ही गौरव सिपाही से मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया हो।
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