-टेंपो से बाहर गिरकर पहिए के नीचे आया स्टूडेंट

-प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए पर नहीं बची जान

BAREILLY: पुलिस-प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद भी बच्चों की जिंदगी से वाहन चालक खिलवाड़ कर रहे हैं। हाफिजगंज में बिना जाली के ओवरलोडेड ऑटो में बेंच पर बैठा बच्चा बाहर गिर गया और ऑटो के नीचे आ गया,जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे सिटी के प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने ऑटो ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

भाई के साथ जाता था स्कूल

8 वर्षीय प्रियांशु गोशलपुर हाफिजगंज में रहता था। उसके पिता प्रेमपाल किसान हैं और मां अर्चना देवी प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं। प्रियांशु रिठौरा स्थित जीएलवी पब्लिक स्कूल में थर्ड क्लास में पढ़ता था। उसका छोटा भाई प्रांजल भी इसी स्कूल में सेकेंड क्लास में पढ़ता है। दोनों ऑटो से ही रिठौरा जाते थे।

बेंच सहित गिरा बाहर

फ्राइडे को दोनों स्कूल से घर वापस आ रहे थे। प्रियांशु ऑटो में बीच में रखी बेंच पर बैठा हुआ था। ऑटो में ख्क् बच्चे भूसे की तरह भरे गए थे। उदनपुर गांव के पास गड्ढे में ऑटो का पहिया आ गया, जिससे प्रियांशु बेंच सहित बाहर गिर गया और वह ऑटो के पिछले पहिए के नीचे आ गया। एक्सीडेंट में प्रिंयाशु गंभीर रूप से घायल हो गया। परिवार वाले उसे इज्जतनगर स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने आटो कब्जे में ले लिया है।

मां का रो-रोकर बुरा हाल

बड़े बेटे की मौत की खबर जैसे ही मां अर्चना को लगी तो वह बेहोश हो गई। किसी तरह परिजन उसे होश में लाए लेकिन उसके बाद से अर्चना का रो-रोकर बुरा हाल हो है। इस हादसे बाद परिजनों के साथ-साथ अन्य पेरेंट्स भी खफा हैं। लोग डग्गामारी से चल रहे स्कूली वाहनों को बंद कराने की बात कह रहे हैं।

नियमों को रख्ा ताक पर

डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने ऑटो में म् बच्चे बैठने की परमीशन दी है, लेकिन ऑटो में ख्क् बच्चे बैठे हुए थे। यही नहीं ऑटो के गेट के दोनों और जाली भी नहीं लगी थी। स्कूल प्रशासन को भी सिर्फ अपनी फीस से मतलब है न कि बच्चों की जिंदगी की।

टेंपो से गिरकर बच्चे की मौत हो गई। परिजनों की तहरीर पर टेंपो ड्राइवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

अमर सिंह, एसओ हाफिजगंज

स्कूल में सोलह टेंपो लगे हैं, जिस टेंपो से हादसा हुआ है, वह स्कूल में दस साल से चल रहा है। टेंपो के दरवाजों के लिए ऑर्डर दे दिया गया था, लेकिन बने नहीं थे।

मयंक, कोआर्डिनेटर, जीएलवी कान्वेंट स्कूल रिठौरा