- ट्यूजडे को भी सुबह से जारी रहा प्रदर्शन, हुआ कार्य बहिष्कार
- देर शाम मुख्यालय से प्रदर्शन रोक, कार्य पर वापस लौटने के आदेश
बरेली : निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का प्रदर्शन टयूजडे को भी जारी रहा। चीफ इंजीनियर कार्यालय पर बिजली कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। दिनभर कार्य बहिष्कार पर रहने के बाद देर शाम मुख्यालय स्तर पर समझौता होने के बाद कर्मचारियों ने आंदोलन वापस ले लिया। वेडनसडे को सभी कर्मचारी पहले की तरह कार्य करेंगे। आंदोलन समाप्त होने से लाखों उपभोक्ताओं ने राहत की सांस ली है।
मायूस हुए उपभोक्ता
हालांकि ट्यूजडे को दिनभर विभागीय कार्य ना होने से जरूरी काम से पहुंचे उपभोक्ताओं को मायूस हो वापस लौटना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी बिजली बिल जमा करने की रही। लोकल फाल्ट भी मुसीबत बने रहे। अधिकांश बिल संग्रह केंद्र और एसईए एक्सईएन कार्यालयों में पूरी तरह तालाबंदी रही।
चीफ इंजीनियर कार्यालय पर हल्ला बोल
आंदोलन के दूसरे दिन भी चीफ इंजीनियर कार्यालय पर जिलेभर के बिजली कर्मचारी और अधिकारी जुटे। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए फैसला वापस लेने की मांग की गई। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने जोशीले भाषणों से उपस्थित लोगों में जोश भरा। राजेंद्र प्रसाद घिल्डियाल ने कहा फैसला वापस लेने तक हमारा आंदोलन चलता रहेगा। गौरव शुक्ला ने कहा निजीकरण के नाम पर सरकार उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के साथ खिलवाड़ कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सत्यार्थ गंगवार ने कहा कि सुधार की प्रक्रिया पर जोर देने की बजाय सरकार बिजली निगम को बेचना चाह रही है। इस मंशा को कभी पूरा नहीं होने दिया जाएगा। इस दौरान विशाल गौतम, नीरज यादव, रजित कुमार, नकुल रावत, साजिद अली, तनवीर, अभय सिंह, मनोज सिंह, मनोज कुमार शर्मा, करन सिंह, वैभव दीप, अकांक्षा राज, निखिल कुमार, राखी सक्सेना आदि लोग मौजूद रहे।
स्थाई समाधान खोजे सरकार
निजीकरण का फैसला तीन महीने तक टालने के फैसले का बिजली कर्मियों ने स्वागत किया। इस दौरान देर रात बैठक बुला आंदोलन समाप्त करने की घोषणा भी की गई। इसके साथ ही कर्मचारियों ने सरकार से स्थाई समाधान निकालने की मांग की। एक्सईएन अनुज गुप्ता ने बताया उम्मीद है इन तीन महीनों में स्थाई समाधान खोज लिया जाएगा।