स्ट्राइक खत्म करने की आखिरी कोशिश भी नाकाम
स्टूडेंट्स लीडर्स ने मढ़ा प्रिंसिपल के सिर पर दोष
BAREILLY: कर्मचारियों की स्ट्राइक खत्म करने की प्रिंसिपल की आखिरी कोशिश भी मंडे को नाकाम हो गई। कर्मचारियों ने अपनी आम सभा कर स्ट्राइक तब तक जारी रखने का डिसीजन लिया जब तक मैनेजमेंट कमेटी की मीटिंग में उनकी मांगों पर मुहर नहीं लग जाती। फिर भी छात्रनेता ऑफिस का ताला ना खुलवाने के लिए प्रिंसिपल को ही दोष देने लगे। इससे खिसिया कर उन्होंने अपने पद से रिजाइन करने की बात तक कह दी। उन्होंने कहा कि अपने स्तर से कर्मचारियों की मांगे मान ली गई हैं। मैनेजमेंट कमेटी में डिसीजन होने की उम्मीद है। इस पर भी ताला ना खुलने का आरोप उन पर लगता है तो वे अपने पद से त्यागपत्र देने को तैयार हैं।
लिखित में की अपील
स्ट्राइक की वजह से स्टूडेंट्स लीडर्स भी अराजकता पर उतर आए। उन्होंने तोड़फोड़ करते हुए कॉलेज बंद करा दिया। इस पर कॉलेज ने ख्7 तक कैंपस बंद करने का एलान कर दिया। मंडे को हृदेश यादव, विशाल यादव, अवनीश चौबे समेत कई छात्रनेताओं ने प्रिंसिपल से कर्मचारियों से आखिरी अपील करने का जोर दिया। इस पर उन्होंने छात्रनेताओं के हाथ लिखित में अपना संदेशा भिजवाते हुए स्ट्राइक खत्म करने की अपील की। लेकिन कर्मचारी सिर्फ इस बिनाह पर स्ट्राइक खत्म करने को तैयार हैं अगर प्रिंसिपल उन्हें लिखकर दें कि मैनेजमेंट कमेटी में उनका वेतन बढ़ गया। प्रिंसिपल ने यह आश्वासन देने से मना कर दिया और कर्मचारियों ने स्ट्राइक जारी रखने का डिसीजन लिया।
'दबाव बढ़ा तो दे दूंगा रिजाइन'
कर्मचारियों द्वारा स्ट्राइक पर अड़े रहने पर छात्रनेता प्रिंसिपल पर ताला खुलवाने का दबाव बना रहे हैं। छात्रनेताओं का कहना है कि प्रिंसिपल के आश्वासन पर स्ट्राइक खत्म हो सकती है। इस पर प्रिंसिपल ने कहा कि उन्होंने अपने स्तर से वित्त समिति में मंजूरी दे दी है। इस पर अनुमोदन मैनेजमेंट कमेटी को करना है, लेकिन छात्रनेता स्ट्राइक लंबी खींचने पर प्रिंसिपल पर ही आरोप मढ़ रहे हैं। इससे प्रिंसिपल ने कहा कि स्ट्राइक के लिए आरोप का दबाव बढ़ा तो वे अपने पद से रिजाइन देने से तैयार हैं।