केंद्र सरकार ने गजट में वेंडिंग पॉलिसी को स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट का दिया रूप
पटरी दुकानदारों को बेहतर बिजनेस करने के गुर भी सिखाएगा नगर निगम
BAREILLY: सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगा रोजी-रोटी कमाने वाले वेंडर्स जल्द ही अपने बिजनेस का दायरा बढ़ाने के गुर भी सीखेंगे। शहर के स्ट्रीट वेंडर्स को उनकी दुकान के लिए जगह देने के साथ ही नगर निगम स्किल्स डेवलपमेंट की बारीकियां भी सिखाएगा, जिससे बेहतर जगह मिलने के साथ ही अपने बिजनेस को बढ़ाने और बेहतर लिविंग स्टैंडर्ड में आने का मौका मिल सकें। सेंट्रल गवर्नमेंट ने वेंडिंग पॉलिसी को स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट बनाकर यह बड़ा बदलाव किया है। गवर्नमेंट की ओर से 5 मार्च 2014 को गजट में वेंडिंग पॉलिसी को स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट का रूप दे दिया गया है। बरेली में करीब 15 हजार और पूरे प्रदेश में लगभग 60 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को इस एक्ट से जल्द फायदा मिलेगा।
कमेटी के जिम्मे होगा भार
स्ट्रीट वेंडर्स को बेहतर बिजनेस के गुर सिखाने की जिम्मेदारी स्टेट गवर्नमेंट और लोकल अथॉरिटी यानि नगर निगम के जिम्मे होगी। निगम शहर में स्ट्रीट वेंडर्स का रजिस्ट्रेशन करने और लाइसेंस जारी करने की कवायद के साथ ही इस नई जिम्मेदारी के लिए एक कमेटी का गठन करेगा। टाउन वेंडिंग कमेटी से इतर यह नई कमेटी वेंडर्स को उनके पेशे में नए इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट के तौर तरीकों की जानकारी देगी। साथ ही अपने बिजनेस और सामान की क्वालिटी बढ़ाने के भी गुर बताएगी। जिससे स्किल्स डेवलेपमेंट के जरिए वेंडर्स अपने बिजनेस में क्वालिटी लाने के साथ ही बेहतर इनकम कमाने का जरिया ढूंढ सकें।
एक जोन में 2.5 फीसद वेंडर्स
शहर में वेंडिंग जोन का चिन्हीकरण करने के साथ ही उनमें सीमित संख्या में ही वेंडर्स को बिजनेस करने की मंजूरी दी जाएगी। एक्ट के तहत शहर के किसी भी वॉर्ड, जोन या सेक्टर में वहां की कुल आबादी के 2.5 परसेंट से ज्यादा वेंडर्स को दुकान चलाने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। इससे किसी भी वेंडिंग जोन में जरूरत से ज्यादा वेंडर्स नहीं होंगे और न ही ट्रैफिक या एनक्रोचमेंट की प्रॉब्लम फेस करनी पड़ेगी। वेंडिंग जोन में कैटेगरीवाइज वेंडर्स क्लासीफाइड किया जाएगा। उसी के मुताबिक वेंडर्स को लाइसेंस दिए जाएंगे।
No vending zone से बाहर
स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट में वेंडिंग और नो वेंडिंग जोन का चिन्हीकरण करते समय शहर के पुराने बाजारों का ध्यान रखा जाएगा। शहर के ऐसे बाजार जो करीब 50 सालों से मौजूद हैं और वहां पक्के दुकानदारों के साथ ही कई साल से वेंडर्स भी अपनी रोजी रोटी कमा रहे हैं, वह नो वेंडिंग जोन के दायरे में नहीं आएंगे। ऐसे हेरिटेज बाजारों को नो वेंडिंग जोन से बाहर ही रखा जाएगा। इसके अलावा एक्ट के तहत निगम पॉपुलेशन या साफ सफाई के आधार पर भी किसी बाजार को नो वेंडिंग जोन के दायरे में नहीं ला पाएगा।
Non-transferable रहेंगे lisence
स्ट्रीट वेंडर्स को जारी किए जाने वाले लाइसेंस पूरी तरह नॉन ट्रांसफेरेबल रहेंगे। एक बार जारी होने के बाद लाइसेंस को किसी और को नहीं दिया जा सकेगा। साथ ही वेंडर्स को जारी किए जाने वाले लाइसेंस की भी एक मियाद होगी। इसके पूरा होने के बाद वेंडर्स को इसे फिर से रिन्यू कराना होगा। अगर किसी वेंडर की मौत हो जाती है तो उसकी वाइफ या उसके बच्चे अपने पिता के लाइसेंस पर दुकान चला सकेंगे। लाइसेंस की मियाद पूरी हो जाने पर उन्हें यह लाइसेंस अपने नाम से जारी कराना होगा।
ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी भी बनेगी
एक्ट में वेंडर्स को अपना हक मिलने के दौरान होने वाली किसी भी दिक्कत पर सुनवाई भी होगी। वेंडर्स की दिक्कतों को सॉल्व करने के लिए एक ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी का भी गठन होना है। कमेटी में चेयरपर्सन के तौर पर सिविल जज या ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट रहेंगे। साथ ही ऐसे अनुभव वाले दो और प्रोफेशनल भी इस कमेटी के मेंबर होंगे। वेंडर्स लिखित में अपनी अप्लीकेशन कमेटी को देंगे। वहीं किसी वेंडर को रिलोकेट करने की कंडीशन में इस कमेटी से कंसल्ट करना जरूरी होगा।