बरेली(ब्यूरो)। शहर मेें बढ़ते कुत्तों के आतंक से सभी परेशान है, कुत्तों के हमले में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है, साथ ही हमले में हजारों लोग अब तक घायल भी हो चुके है। आमजन की समस्या का संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार ने अब कुत्तों की नसबंदी को लेकर आदर्श कार्रवाई प्रक्रिया जारी की गई है, इसे तत्काल प्रभाव से नगर निगम ने लागू भी कर दिया है। अब तीन माह के पेट का रजिस्ट्रेशन व एक वर्ष की आयु पूरी करने पर नसबंदी कराना अनिवार्य होगा। वहीं नसबंदी व रजिस्ट्रेशन न कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी योजना बनाई जा रही है।
बिना नसबंदी नहीं होगा रजिस्ट्रेशन
प्रदेश सरकार की नई गाइड लाइन के मुताबिक एक वर्ष के पेट डॉग का वैक्सीनेशन व नसबंदी कराना आवश्यक होगा, वहीं बिना नसबंदी वाले पेट का निगम में रजिस्ट्रेशन भी नहीं किया जाएगा। हालांकि तीन माह के पेट का रजिस्ट्रेशन बिना नसबंदी के ही किया जाएगा। ऐसा नहीं करने वालों पर निगम की ओर से कार्रवाई करने की योजना बनाई जाएगी, फिलहाल अब तक रजिस्ट्रेशन न करानेे वालों पर कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। पेट ओनर आवासीय क्षेत्र में 200 वर्ग गज तक के घर में दो पेट (प्रति परिवार) से ज्यादा का पंजीकरण नहीं करवा सकेगा।
ब्रीडर को लेनी होगी परमिशन
गाइड लाइन के अनुसार ब्रीडिंग केवल कमर्शियल एरिया में ही अनुमन्य होगी। साथ ही ब्रीडिंग नियमों के पालन का शपथ पत्र के साथ ब्रीडिंग के लिए प्रादेशिक जीव जंतु पशु कल्याण बोर्ड से प्राप्त पंजीकरण की प्रति प्रस्तुत करनी होगी। ब्रीडिंग के लिए भी पेट का नियमित टीकाकरण का सर्टिफिकेट भी प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। कमर्शियल कार्यो के लिए कुत्तों की संख्या व क्षेत्र नियमानुसार हैं।
40 पेट रजिस्टर्ड
नगर निगम भले ही योजना बनाकर पेट रजिस्ट्रेशन न कराने वालों के खिलाफ योजना बनाकर कार्रवाई करने का दम भर रहा हो। लेकिन, इससे इतर इस समय पेट रजिस्ट्रेशन की स्थिति काफी दयनीय है। निगम में करीब 40 पेट ही रजिस्टर्ड हैैं। इसमें भी खतरनाक ब्रीड का माने जाने वाला पिटबुल की संख्या शून्य है। वहीं कुत्तों के आतंक का आलम यह है कि अस्पतालों में रेबीज की वैक्सीन लगवाने के लिए ओपीडी खुलते ही मरीजों की लंबी कतारें लग जाती हैैं।
बोले अधिकारी
एक वर्ष की आयु पूरी करने के बाद पेट डॉग की नसबंदी कराना अनिवार्य होगा, उसके बाद ही निगम में रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। वहीं स्ट्रीट डॉग पालने पर नगर निगम नसबंदी व वैक्सीनेशन का खर्च उठाएगा।
डॉ। आदित्य तिवारी, पशु कल्याण एवं चिकित्सा अधिकारी