-विकास कार्यो में लापरवाही पर चढ़ा नवनीत सहगल का पारा, सीमेंट, ईट के भरवाए नमूने
-रिपोर्ट आने तक निर्माण कार्य पर रोक लगाने के निर्देश भी
क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ: शहर के विकास कार्यो का का सच देख प्रमुख सचिव नवनीत सहगल का पारा चढ़ गया। घटिया सामग्री के प्रयोग पर बिफरने के साथ उन्होंने राजस्व कर और बिजली चोरी रोकने के लिए छापेमारी के निर्देश दिए। अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सामग्रियों के नमूने भरवाए और रिपोर्ट आने तक निर्माण कार्य पर रोक लगाने के निर्देश भी दे डाले। वेडनसडे को धर्मार्थ और सूचना विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने करीब चार घंटों तक शहर के सभी विभागों के कार्यो की समीक्षा बैठक की।
बिजली विभाग के अफसरों को किया बाहर
बिजली चोरों के खिलाफ अब हुई कार्रवाई का ब्यौरा न देने पर प्रमुख सचिव ने विद्युत विभाग के अफसरों को बैठक से बाहर निकाल दिया। प्रमुख सचिव ने शहर और आसपास में महज डेढ़ लाख बिजली कनेक्शन होने पर अफसरों से जवाब तलब किया। संतोषजनक जवाब न दे पाने और विद्युत चोरी के मामलों में दर्ज 414 एफआइआर दर्ज होने के बावजूद कड़ी कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई। प्रमुख सचिव ने अफसरों को 25 केवी से ज्यादा के कनेक्शन वालों के यहा छापे मारने और बिजली चोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। यहां तक तो ठीक था, लेकिन जब आइटीआइ फरीदपुर और डीडीओ कॉलेज में बिजली सप्लाई न होने के कारण निर्माण कार्य रुक जाने की बात सामने आई तो प्रमुख सचिव ने विद्युत विभाग के अफसरों को बैठक से बाहर निकाल दिया।
'टॉयलेट लेकर क्या अपने साथ भाग गए'
इसके बाद गाज गिरी कृषि विभाग के उप निदेशक पर। प्रमुख सचिव ने उनसे पूछा कि उनके विभाग में कितने भवनों का निर्माण हो चुका है और कितना बाकी है। उप निदेशक कोई जवाब नहीं दे सके तो उन्हें बैठक से बाहर निकाल दिया। डेढ़ हजार से ज्यादा शौचालय लापता होने पर प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने जिला पंचायत राज अधिकारी टीसी पांडेय से सीधे-सीधे पूछ डाला कि आखिर इतने सारे शौचालय कहां चले गए। एक गांव में पचास लोग शौचालय लेकर क्या अपने साथ भाग गए। उन्होंने सीडीओ को जांच कर रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए।
'दफ्तर में ऊंची आवाज पर यहां क्यों नहीं'
'दफ्तर में ऊंची आवाज निकलती है, यहां क्यों आवाज नहीं निकलती' कुछ इसी अंदाज में विकासभवन सभागार में नवनीत सहगल ने विकास कार्यो की रिपोर्ट सौंप रहे अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। प्रमुख सचिव के सवालों के जबाव देने में अधिकारियों के पसीने छूट गए। सहगल ने आबकारी विभाग से शराब की धरपकड़ के बाबत रिपोर्ट मांगी। जिस पर आबकारी विभाग से कार्यो का ब्यौरा देने आए इंस्पेक्टर ने पितृपक्ष में शराब की कम खपत होने का हवाला दिया। बोले, 'नवरात्र में शराब नहीं पी जाती सुना था, पितृपक्ष बताकर कार्यो की इतिश्री मत कीजिए'।
फरियादियों की लगी रही भीड़
प्रमुख सचिव के आने की सूचना पर भारी संख्या में सभागार के बाहर फरियादियों की भीड़ लगी रही। इस बाबत नबावगंज के बसैरा ग्राम के निवासियों ने सचिव से विभाग पर लेटलतीफी ओर कार्यो में हीलाहवाली करने के आरोप लगाए। मौके पर सहगल को फरियादियों ने करीब 20 से ज्यादा ज्ञापन सौंपकर मांगों को जल्द पूरे करने की अपील की।
ईट को पटकते ही खुली पोल
प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने मेंटल हॉस्पिटल के निर्माणाधीन सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का दौरा किया। शाम 4.10 बजे 300 बेड वाले हॉस्पिटल के निर्माण कार्यो की गुणवत्ता को देखकर वे सकते में आ गए। इस दौरान उन्होंने हॉस्पिटल के निर्माण में इस्तेमाल हुई फ्लाईऐश ईंट को उठाकर पटका, तो वह बिखर गई। यह देख प्रमुख सचिव ने कार्यदायी एजेंसी उप्र राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को फटकार लगाई।
निर्माण पर लगी रोक
प्रमुख सचिव के दौरे को देखते ही मौके पर मौजूद कामगार व मजदूर भाग खड़े हुए। प्रमुख सचिव ने इस घटिया ईट के इस्तेमाल के लिए सरकार की अनुमति मिलने तक निर्माणकार्य पर रोक लगा दी है। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्माण में इस्तेमाल ईट व सीमेंट के नमूने लेकर जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए। इसके अलावा फीमेल हॉस्पिटल में प्रस्तावित मेटरनिटी विंग को मेंटल हॉस्पिटल की खाली जमीन पर ही बनवाने के निर्देश दिए।
और नदारद मिले निदेशक
मेंटल हॉस्पिटल में मरीजों के इलाज और कामकाज की व्यवस्था का सच एक बार फिर आला सेहत महकमे के आला अफसरान ने देखा। सीएमओ डॉ। विजय यादव ने वेडनसडे को मेंटल हॉस्पिटल में सुबह 10.20 बजे औचक दौरा किया। इस दौरान सीएमओ ने आधे से ज्यादा स्टाफ को ड्यूटी पर नदारद पाया। सीएमओ के दौरे के दौरान हॉस्पिटल के निदेशक डॉ। एसके श्रीवास्तव भी गायब दिखे। सुबह 8 बजे से मरीजों को देखने की जिम्मेदारी होने के बावजूद निदेशक ड्यूटी से नदारद मिले। हॉस्पिटल के निदेशक डॉ। एसके श्रीवास्तव की पहले भी मरीजों को न देखने के चलते किरकिरी हुई है। सीएमओ ने ओपीडी का हाल देखा जहां सिर्फ डॉ। अनुराधा और डॉ। मांगलिक ही दिखे। वहीं क्लर्क समेत 4 स्टाफ नर्स भी ड्यूटी पर मौजूद नहीं दिखी। सीएमओ ने ड्यूटी पर न मिले सभी स्टाफ व अधिकारियों को ड्यूटी रजिस्टर पर गैरहाजिर दिखाया।