- 2016 में स्टेशन पर लगने के लिए आया एस्केलेटर
बरेली :
रेलवे जंक्शन पर पैसेंजर्स के लिए लगाया गया एस्केलेटर अब सीढि़यां बनकर ही रह गई हैं। जिससे रेलवे प्लेटफार्म क्रास करने वाले पैसेंजर्स और दिव्यांग के लिए सीढि़यों की तरह एस्केलेटर से होकर जाना पड़ता है। एस्केलेटर लगवाने में रेलवे का करोड़ों रुपए खर्च भी हो गया। अब रेलवे ने एस्केलेटर के पास ही लिफ्ट लगाने का काम और शुरू कर दिया है। हालांकि एस्केलेटर वर्ष 2016 में बरेली लगाने के लिए मंगवाया गया था। बरेली जंक्शन पर आने के बाद उसे ओपन एरिया में डाल दिया। जिससे बारिश और धूप के चलते वह चार वर्ष में कबाड़ हो गया। इसके बाद रेलवे ने मरम्मत कराने के बाद एस्केलेटर को जंक्शन पर लगवा दिया। जिस कारण कंडम एस्केलेटर इनॉग्रेशन के बाद सप्ताह भर ठीक से नहीं चल सका।
जगह को लेकर हुई थी राजनीति
जंक्शन पर वर्ष 2016 में एस्केलेटर के पार्ट्स आए। लेकिन इसे लगाया कहां जाएगा, इस पर राजनीति शुरू हो गई। जगह को लेकर चल रहे विवाद के बीच एस्केलेटर को टिकट घर प्रांगण में रखवा दिया गया। कई महीने टुकड़ों में रखा रहा एस्केलेटर वहां कबाड़ होने लगा। समाचारों की सुर्खियां बनीं तो अधिकारियों को भी इसका होश आया। एस्केलेटर पर तिरपाल डाला गया। लेकिन मौसम की मार और फिर इंसानी फितरत ने एस्केलेटर को कबाड़ बना ही दिया। करीब तीन साल पहले एस्केलेटर लगाने की जगह तय हो पाई। काम शुरू हुआ। एस्केलेटर इंस्टॉल किया गया। देखा, इसमें कई सीढि़यां टूट चुकी थीं। वहीं, कई वायर चूहे कुतर चुके थे। एस्केलेटर लगाने वाली कंपनी ने दोबारा मरम्मत का काम शुरू किया। 28 नवंबर को उत्तर रेलवे महाप्रबंधक दौरे पर पहुंचे तो एस्केलेटर शुरू हो चुका था। लेकिन चार दिन में ही एक्सेलेटर खराब हो गया। अब एस्केलेटर डिस्प्ले बोर्ड पर एरर दिख रहा है।