-जीआईसी में पकड़े गए महिला समेत 6 कैंडीडेट्स

-सबके पास पेपर कोड वाइड आंसर की थी मौजूद

-सभी नकलची हरियाणा, दिल्ली व बागपत जिले के

-हरियाणा की कोचिंग का संचालक है मास्टरमाइंड

BAREILLY: एसएससी परीक्षा में एक बार फिर सेंध लगी है। तीन नवंबर को एग्जाम का पेपर लीक कराने वालों ने एक बार फिर वही कहानी दोहराई है। मॉडस अपरेंडी कमोबेश एक जैसी। संडे को सिटी के गर्वनमेंट इंटर कालेज में एक महिला समेत म् कैंडीडेट्स को चेकिंग के दौरान पकड़ा गया। इनके पास एग्जाम स्टार्ट होने से पहले ही पेपर के सेट वाइज आंसर की पहुंच गई थी। आंसर मोबाइल में बल्क एसएमएस से भेजे गए थे और प्रिंट निकालकर पर्ची बांटी गई थीं। पकड़े गए चार कैंडीडेट हरियाणा, एक दिल्ली और एक बागपत डिस्ट्रिक्ट का है। परीक्षा से पहले गैंग का सरगना भी बरेली में आया था। पूरे गैंग को हरियाणा की कोचिंग सेंटर से चलाया जा रहा है। बता दें कि कुछ दिनों पहले जीजीआईसी में पकड़े गए कैंडीडेट्स को भी इसी कोचिंग से पेपर लीक किया गया था।

दोनों पाली में पकड़े गए कैंडीडेट

संडे को पूरे देश में एसएससी, सीएचएसएल की परीक्षा थी। एग्जाम दो शिफ्ट में था। जीआईसी में भी दोनों पालियों में ब्फ्ख् कैंडीडेट्स को एग्जाम देना था लेकिन पहली पाली में सिर्फ क्7म् और दूसरी पाली में क्7ब् कैंडीडेट ही एग्जाम देने पहुंचे। एग्जाम के दौरान पहली पाली में चार कैंडीडट्स पर्ची से नकल करते पकड़े गए। गिरफ्त में आए कैंडीडेट्स में बराना, बेरी, ओपी डींगल झझर हरियाणा निवासी पवन पुत्र रामलाल व प्रवीन पुत्र सत्यवीर, लुहारा छपरौली बागपत निवासी प्रवीन पुत्र विजयपाल, और नालौन, महेंद्रगढ़, हरियाणा निवासी ज्योति पत्‍‌नी रवींद्र हैं। दूसरी शिफ्ट में पकड़े गए कैंडीडेट्स की पहचान सांगी, गिलौर, रोहतक हरियाणा निवासी विकास पुत्र बलजीत और नरेला दिल्ली निवासी इंद्रजीत पुत्र रमेश हैं।

फ्00 कैंडीडेट्स थे आयोग के राडार पर

पेपर लीक कराने में हरियाणा और उसके आसपास के लोगों का नाम उजागर होने के बाद आयोग ने इस इलाके के कैंडीडेट्स पर खास नजर रखी थी। असल में हरियाणा के सोनीपत, झझर, यहां से सटे बागपत व आसपास के इलाकों के ऐसे कैंडीडेट्स जो अपना सेंटर दूर दराज के इलाकों को चुनते हैं, कर्मचारी आयोग ने योजना के तहत इनका सेंटर बरेली में जीआईसी को बनाया था। इसकी जानकारी प्रशासन को भी पहले से दी गई थी। आयोग ने इलाके के फ्00 कैंडीडेट्स को संवेदनशील की श्रेणी में रखा था। पहली शिफ्ट में इनमें से क्भ्फ् कैंडीडेट का एग्जाम था। इसीलिए जीआईसी में पहले से ही जैमर लगाया गया था। इसके अलावा सभी कमरे सीसीटीवी कैमरों से भी लैस थे। यही नहीं एग्जाम के लिए इलाहाबाद से पर्यवेक्षक नीलेश श्रीवास्तव और दिल्ली से पुरुषोत्तम को भेजा गया था। चेकिंग के दौरान दोनों शिफ्ट में कैंडीडेट के पास उनके पेपर सेट कोड के अनुसार आंसर की पर्चियां मिल गई तो तुरंत क्राइम ब्रांच और कोतवाली की टीम को भी बुला लिया गया।

पहले ही ऑउट हो चुका था पेपर

क्राइम ब्रांच की मानें तो पेपर पहले ही लीक हो गया था, क्योंकि गैंग को पता था कि किस कैंडीडेट का क्या सिटिंग प्लान है और उसे कौन से सेट कोड यानी ए, बी, सी, डी का पेपर मिलेगा। इसी के आधार पर पेपर सेट कोड वाइज अंसर कोड भेजे गए थे। ये अंसर कोड बल्क एसएमएस के जरिए भेजे गऐ थे। बरेली में एग्जाम से पहले ही सभी सेट के आंसर कोड पहुंच चुके थे। मोबाइल में आंसर आने के बाद कोड की प्रिंट भी निकाल दिए गए थे और प्रिंट की पर्चियां कैंडीडेट्स को पकड़ायी गई थीं। पुलिस ने एक मोबाइल भी जब्त किया है।

पांच-पांच लाख में तय था सौदा

चेकिंग के दौरान एक कैंडीडेट प्रवीन को पकड़ा गया तो उसने पर्ची को निगल लिया। लेकिन इससे पहले स्टेटिक मजिस्ट्रेट पंकज कुदेशिया ने उसकी पर्ची की मोबाइल में पिक खींच ली थी। प्रवीन पहले भी एसएससी का एग्जाम दे चुका है। प्रवीन ने पुलिस को बताया कि आंसर कोड देने के लिए पांच-पांच लाख रुपये देने की बात तय हुई थी लेकिन रुपये दिए नहीं गए थे। सुत्रों के अनुसार, कम से कम तीन सौ से चार सौ कैंडीडेट्स के पास आंसर भेजे गए थे। पुलिस की मानें तो प्रवीण ही पेपर लीक करने वाली कोचिंग का एजेंट है। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ में जुटी हुई है।

बरेली में आया था सरगना

शुरुआती जांच के अनुसार गैंग का सरगना सोमवीर अहलावत है। वह सापला बहादुर गढ़ में राइजिंग कंप्यूटर सेंटर चलाता है। वह ही हरियाणा व आसपास के कैंडीडेट को एग्जाम में पास कराने का नेटवर्क चलाता है। ज्यादातर कैंडीडेट का सेंटर एक ही जगह पड़ने से वह बरेली भी आया था। बताया जा रहा है कि वह बरेली के एक होटल में रुका था और एग्जाम से पहले कुछ कैंडीडेट्स से उसने मुलाकात भी की थी।

आयोग ने हरियाणा के संवेदनशील कैंडीडेट का सेंटर जीआईसी में ही डाला था। क्राइम ब्रांच की टीम पहले से लगी थी। महिला समेत म् कैंडीडेट पर्ची के द्वारा नकल करते पकड़े गए हैं। मैसेज के जरिए आंसर कोड भेजे गए थे। मेन सरगना को पकड़ने के लिए टीम हरियाणा भेज दी गई है।

-डॉ एसपी सिंह, एसपी क्राइम बरेली