बरेली (ब्यूरो)। कोहरा दस्तक दे चुका है। ट्रेनों की रफ्तार थम गई है। घंटों लेट चल रही हैं, अत्यधिक विलंब होने वाली ट्रेनें निरस्त हो जा रही हैं। सर्द रातों में ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों को प्लेटफार्म पर ठिठुरना पड़ रहा है। प्लेटफार्म पर स्थित प्रतीक्षालय में समय गुजारने के लिए 30 रुपये घंटे खर्च करने पड़ रहे हैं। रेलवे प्रशासन की ओर से सर्दी से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।

इंतजाम किए जाएंगे

शुक्रवार रात 11:30 बजे जागरण आई नेक्स्ट टीम बरेली जंक्शन पर यात्रियों की सुविधाओं का जायजा लेने पहुंची तो मुख्य गेट पर पूछताछ काउंटर के बाहर कंबल ओढ़े यात्री ठिठुर रहे थे। परिवार के साथ ट्रेन से सफर करने निकले लोग ओढऩे का सामान भी लिए थे। जिसको जहां जगह मिली थी, वहीं पर कंबल ओढ़कर दुबका हुआ था। कुछ लोग आड़ देखकर मोबाइल चला रहे थे। बार-बार उनकी नजर ट्रेन का समय अपडेट करने वाली स्क्रीन पर जा रही थी। प्लेटफार्म नंबर एक पर जिन्हें कुर्सी पर जगह मिल गई थी वह उसी पर शाल और कंबल ओढ़कर बैठे थे, लेकिन जिन्हें बैठने की जगह नहीं मिली थी वह फर्श पर चादर बिछाकर लेटे हुए थे। एक छोर से दूसरे छोर तक इसी तरह के हालात दिखाई दिए, लेकिन अधिकारियों के कार्यालयों के सामने भीड़ अधिक दिखाई पड़ी। प्लेटफार्म पर प्रतीक्षा रूम में जाने के लिए रजिस्टर में इंट्री करानी पड़ रही थी। यह पेड प्रतीक्षालय है, इसमें समय गुजारने के लिए 30 रुपये घंटे शुल्क लिया जा रहा है। प्लेटफार्म नंबर दो और पांच पर यात्री कम दिखाई दिए। रिजर्वेशन काउंटर के निकट यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय है, लेकिन इसमें भी सर्दी से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं दिखी। अभी कोहरा बढऩे के साथ बर्फीली हवा चलने से यात्रियों को स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करना और मुश्किल होगा। यात्रियों को सुझाव है कि रात में ट्रेन पकडऩे निकलें तो मोबाइल पर ही अपने ट्रेन की लोकेशन ले लें। गर्म कपड़े पहनकर निकलें और ओढऩे के लिए कंबल जरूर साथ रखें। स्टेशन अधीक्षक भानु प्रताप ङ्क्षसह का कहना है कि स्टेशन पर यात्री आते-जाते रहते हैं। ट्रेन लेट होने पर उन्हें इंतजार करना पड़ता है। सर्दी से बचाव के लिए स्थानीय स्तर पर अलाव जलवाए जाएंगे। प्रतीक्षालय में भी बचाव के इंतजाम किए जाएंगे।



बरेली जंक्शन से होकर गुजरीं 15 विशेष गाडिय़ां
ट्रेनों में यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए शनिवार को रेलवे प्रशासन की ओर से 17 विशेष ट्रेनों का संचालन किया गया जिनमें से 15 बरेली जंक्शन से होकर गुजरीं। इसके बाद भी स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बनी रही।