- डॉ। सोमेश छह वर्ष तक रहे आयोग के मेंबर
- सीनियरिटी का विवाद खत्म, विवेक के आधार पर फैसला
BAREILLY: बरेली कॉलेज के नए प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव को बनाया गया है। अग्रिम आदेशों तक वे प्रिंसिपल बने रहेंगे। हालांकि उनके पास यह पद कार्यकारी के रूप में होगा। मंडे को प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह के रिटायर होने के बाद बोर्ड की अर्जेट मीटिंग में यह ऐलान किया गया। बोर्ड और मैनेजमेंट कमेटी के सेक्रेट्री देवमूर्ति ने उनके नाम का ऐलान किया। इससे पहले भी डॉ। सोमेश फ् सितम्बर ख्00ख् से फ् अक्टूबर ख्00ब् तक कॉलेज के कार्यकारी प्रिंसिपल रह चुके हैं। तब डॉ। आरपी सिंह मेरठ यूनिवर्सिटी के वीसी का पद संभाल रहे थे। वहीं डॉ। सोमेश ख्0 दिसम्बर ख्00ब् से ख्0 दिसम्बर ख्0क्0 तक आयोग के मेंबर रहे हैं। इसके अलावा उन्हें क्99म् में आयोग द्वारा फैजाबाद स्थित साकेत कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। वे फ् सितम्बर क्97ब् में बीसीबी में टीचर नियुक्त किए गए थे।
सीनियरिटी के आधार पर नहीं हुआ सेलेक्शन
प्रिंसिपल को लेकर चले आ रहे तमाम विवादों पर सेक्रेट्री देव मूर्ति ने विराम लगा दिया। सीनियरिटी के विवाद को खत्म करते हुए उन्होंने बताया कि यह डिसीजन विवेक के आधार पर लिया गया है। सीनियर मोस्ट टीचर डॉ। अंजू महेंद्रू दो वीक के बाद रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में उन्होंने चार्ज लेने से मना कर दिया, जिसके बाद मैनेजमेंट कमेटी की इस मंथ में हुई मीटिंग में सभी मेंबर्स ने सेक्रेट्री पर डिसीजन लेने का अधिकार छोड़ दिया, जबकि सीनियरिटी में डॉ। आरबी सिंह डॉ। सोमेश से पहले आते हैं। सीनियरिटी की लिस्ट में टोटल भ् टीचर्स शामिल थे। इस दौरान वरिष्ठ मेंबर वीर बहादुर सक्सेना, डॉ। आरपी सिंह डॉ। डीके गुप्ता, प्रिंसिपल पद के दावेदार डॉ। अंजू महेंद्रू, डॉ। आरबी सिंह, डॉ। नसीम अख्तर समेत कई मौजूद रहे।
अब तक चैन की नींद सो रहा था
कार्यकारी प्रिंसिपल नियुक्त होने के बाद डॉ। सोमेश यादव ने कहा कि वे अब तक चैन की नींद सो रहे थे, लेकिन जो जिम्मेदारी उनको सौंपी गई है उसका हर संभव निर्वहन करेंगे। उन्होंने प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि अब तक किसी भी लेवल पर जो खामियां रही हैं उनको दूर करने की कोशिश करूंगा। स्टूडेंट्स के 7भ् परसेंट अटेंडेंस के मुद्दे पर कहा कि जो कोर्सेज यहां पढ़ाए जाते हैं वह स्टूडेंट्स के करियर में कोई योगदान नहीं करते। इसलिए स्टूडेंट्स क्लास अटेंड करना जरूरी नहीं समझते। फिर भी स्टूडेंट्स को क्लास तक लाने की हर संभव प्रयास करने की बात कही। इससे पहले डॉ। आरपी सिंह उन्हें अपना छोटा भाई कहते हुए यह आशा की ग्रेडिंग के बाद जो ग्रांट कॉलेज को नहीं मिल पाई है समेत ऐसे अधूरे काम पूरा कराएंगे। देव मूर्ति ने डॉ। आरपी सिंह के कार्यकाल में मिली उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि कॉलेज में लेक्चर के माहौल की कमी है। करीब ख्0 लेक्चर हॉल होने चाहिए।