-एसएसपी ऑफिस में रजिस्ट्री डाक से भेजी जा रही हैं कोरी अप्लीकेशन

-कानून के साथ किया जा रहा खिलवाड़, अप्रैल-मई में सामने आई 15 अप्लीकेशन

<-एसएसपी ऑफिस में रजिस्ट्री डाक से भेजी जा रही हैं कोरी अप्लीकेशन

-कानून के साथ किया जा रहा खिलवाड़, अप्रैल-मई में सामने आई क्भ् अप्लीकेशन

BAREILLY:

BAREILLY: अभी तक आपने सुना और देखा होगा कि पब्लिक अपनी शिकायत पुलिस से करती है तो उस पर प्रॉब्लम जरूर लिखी होती है। लेकिन ऐसा नहीं होगा कि शिकायत कोरे कागज पर की गई हो, यानी उसमें कुछ लिखा ही नहीं गया हो। बरेली एसएसपी के शिकायत प्रकोष्ठ में ऐसे एक दो नहीं बल्कि 15 मामले सामने आए हैं। इन कोरे कागजों की कंप्लेन के पीछे बड़ी साजिश नजर आ रही है जो सीधे-सीधे कानून के साथ खिलवाड़ करना है। इस तरह के बढ़ते मामलों पर शिकायत प्रकोष्ठ गंभीर है।

केस 1- फराज अहमद पुत्र रफत अहमद, निवासी स्वाले नगर बरेली ने एसएसपी को रजिस्ट्री से कंपलेन की है। इस कंप्लेन को 11 मई को एसएसपी आफिस की डिस्पैच शाखा द्वारा ओपन किया गया तो उसमें कोरा कागज निकला। इस कागज की रजिस्ट्री का नंबर <अभी तक आपने सुना और देखा होगा कि पब्लिक अपनी शिकायत पुलिस से करती है तो उस पर प्रॉब्लम जरूर लिखी होती है। लेकिन ऐसा नहीं होगा कि शिकायत कोरे कागज पर की गई हो, यानी उसमें कुछ लिखा ही नहीं गया हो। बरेली एसएसपी के शिकायत प्रकोष्ठ में ऐसे एक दो नहीं बल्कि क्भ् मामले सामने आए हैं। इन कोरे कागजों की कंप्लेन के पीछे बड़ी साजिश नजर आ रही है जो सीधे-सीधे कानून के साथ खिलवाड़ करना है। इस तरह के बढ़ते मामलों पर शिकायत प्रकोष्ठ गंभीर है।

केस क्- फराज अहमद पुत्र रफत अहमद, निवासी स्वाले नगर बरेली ने एसएसपी को रजिस्ट्री से कंपलेन की है। इस कंप्लेन को क्क् मई को एसएसपी आफिस की डिस्पैच शाखा द्वारा ओपन किया गया तो उसमें कोरा कागज निकला। इस कागज की रजिस्ट्री का नंबर EU118434209IN EU118434209IN है। शिकायत को शिकायत प्रकोष्ठ में भेज दिया गया है।

केस 2- 5 मई को एसएसपी आफिस में <है। शिकायत को शिकायत प्रकोष्ठ में भेज दिया गया है।

केस ख्- भ् मई को एसएसपी आफिस में RU083647627IN RU083647627IN रजिस्ट्री नंबर से को डाक से अप्लीकेशन आई। अप्लीकेशन ओपन की गई तो उसके अंदर कोरा कागज निकला। इस रजिस्ट्री के लिफाफे पर एजाज हुसैन पुत्र इकराम, निवासी अलमोनी गंज थाना भुता लिखा हुआ है।

केस 3- इसी तरह से फरीदपुर के पचौमी की रहने वाली सुखरानी पत्‍‌नी सुनील कुमार की भी कोरी अप्लीकेशन एसएसपी आफिस में पहुंची है। यह अप्लीकेशन 14 मई को ओपन की गई है। सुखरानी की अप्लीकेशन जिस रजिस्ट्री से आई है उसका नंबर <रजिस्ट्री नंबर से को डाक से अप्लीकेशन आई। अप्लीकेशन ओपन की गई तो उसके अंदर कोरा कागज निकला। इस रजिस्ट्री के लिफाफे पर एजाज हुसैन पुत्र इकराम, निवासी अलमोनी गंज थाना भुता लिखा हुआ है।

केस फ्- इसी तरह से फरीदपुर के पचौमी की रहने वाली सुखरानी पत्‍‌नी सुनील कुमार की भी कोरी अप्लीकेशन एसएसपी आफिस में पहुंची है। यह अप्लीकेशन क्ब् मई को ओपन की गई है। सुखरानी की अप्लीकेशन जिस रजिस्ट्री से आई है उसका नंबर RU093287025IN RU093287025IN है।

केस 4- रजिस्ट्री नंबर <है।

केस ब्- रजिस्ट्री नंबर RU093287034IN RU093287034IN से भी एक कोरी अप्लीकेशन भेजी गई है। इस अप्लीकेशन के लिफाफे पर जो नाम पता लिखा है वह मधुवाला पत्‍‌नी मनोज कुमार निवासी परा मोहल्ला फरीदपुर है। इस अप्लीकेशन को 14 मई को एसएसपी आफिस में आेपन किया गया है।

लिफाफा ओपन कोरी अप्लीकेशन बाहर

इन चार केसेस की तरह अप्रैल और मई माह में अब तक 15 कंप्लेन पहुंच चुकी हैं। एसएसपी ऑफिस में पहुंचने वाली सभी रजिस्ट्री डाक को डिस्पैच शाखा के द्वारा ओपन किया जाता है। जैसे ही अप्लीकेशन ओपन होती है वैसे ही उसमें कोरा कागज निकलता है। इन अप्लीकेशन को एसएसपी ऑफिस में बने शिकायत प्रकोष्ठ में भेजा जाता है। शिकायत प्रकोष्ठ के द्वारा ही अप्लीकेशन एसएसपी के सामने पेश की जाती हैं। बड़ी संख्या में कोरी अप्लीकेशन देखकर शिकायत प्रकाेष्ठ भी हैरत में है।

कोर्ट में पेश की जाती है रसीद

पुलिस सोर्सेस की मानें तो इस तरह से कोरी अप्लीकेशन भेजने के पीछे का मकसद काफी बड़ा है। ऐसा करने के पीछे कोर्ट के जरिए एफआईआर दर्ज कराए जाने की बात सामने आई हैं। एसएसपी ऑफिस में अप्लीकेशन भेजने की रसीद कोर्ट में पेश की जाती है। कोर्ट में अप्लीकेशन लगाकर कहा जाता है कि शिकायतकर्ता ने एसएसपी ऑफिस में रजिस्ट्री डाक से शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके आधार पर कोर्ट से 156<से भी एक कोरी अप्लीकेशन भेजी गई है। इस अप्लीकेशन के लिफाफे पर जो नाम पता लिखा है वह मधुवाला पत्‍‌नी मनोज कुमार निवासी परा मोहल्ला फरीदपुर है। इस अप्लीकेशन को क्ब् मई को एसएसपी आफिस में आेपन किया गया है।

लिफाफा ओपन कोरी अप्लीकेशन बाहर

इन चार केसेस की तरह अप्रैल और मई माह में अब तक क्भ् कंप्लेन पहुंच चुकी हैं। एसएसपी ऑफिस में पहुंचने वाली सभी रजिस्ट्री डाक को डिस्पैच शाखा के द्वारा ओपन किया जाता है। जैसे ही अप्लीकेशन ओपन होती है वैसे ही उसमें कोरा कागज निकलता है। इन अप्लीकेशन को एसएसपी ऑफिस में बने शिकायत प्रकोष्ठ में भेजा जाता है। शिकायत प्रकोष्ठ के द्वारा ही अप्लीकेशन एसएसपी के सामने पेश की जाती हैं। बड़ी संख्या में कोरी अप्लीकेशन देखकर शिकायत प्रकाेष्ठ भी हैरत में है।

कोर्ट में पेश की जाती है रसीद

पुलिस सोर्सेस की मानें तो इस तरह से कोरी अप्लीकेशन भेजने के पीछे का मकसद काफी बड़ा है। ऐसा करने के पीछे कोर्ट के जरिए एफआईआर दर्ज कराए जाने की बात सामने आई हैं। एसएसपी ऑफिस में अप्लीकेशन भेजने की रसीद कोर्ट में पेश की जाती है। कोर्ट में अप्लीकेशन लगाकर कहा जाता है कि शिकायतकर्ता ने एसएसपी ऑफिस में रजिस्ट्री डाक से शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके आधार पर कोर्ट से क्भ्म्//3 में आदेश करा लिया जाता है। रजिस्ट्री को कोटर् में प्रूफ के तौर पर पेश किया जाता है।

फर्जी लोग करते हैं खेल

इस तरह का खेल कहीं न कहीं झूठे लोग ही करते होंगे क्योंकि उन्हें पता है कि एसएसपी के यहां शिकायत करने पर उनकी पोल न खुल जाए। इसलिए कोरी अप्लीकेशन की रजिस्ट्री का सहारा लेकर एफआईआर दर्ज करा ली जाती है। कई लोग एफआईआर दर्ज कराने के बाद आरोपियों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का भी खेल ख्ोलने की बात है।

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इन्होंने भी एड्रेस में किया खेल

कोरी अप्लीकेशन के अलावा रजिस्ट्री का एक और खेल सामने आया है। 11 मई 2015 को एसीजेएम 6 की कोर्ट में कुलवीर सिंह बनाम साहबजादे मोइनुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ प्रार्थना पत्र डाला गया। इसमें भी उसने एसएसपी आफिस में रजिस्ट्री से शिकायत करने की रसीद लगाई। अप्लीकेशन में उसने अपना एड्रेस कुलवीर सिंह पुत्र नत्थू सिंह निवासी महिमा पट्टी भोजीपुरा और हाल निवासी 11<फ् में आदेश करा लिया जाता है। रजिस्ट्री को कोटर् में प्रूफ के तौर पर पेश किया जाता है।

फर्जी लोग करते हैं खेल

इस तरह का खेल कहीं न कहीं झूठे लोग ही करते होंगे क्योंकि उन्हें पता है कि एसएसपी के यहां शिकायत करने पर उनकी पोल न खुल जाए। इसलिए कोरी अप्लीकेशन की रजिस्ट्री का सहारा लेकर एफआईआर दर्ज करा ली जाती है। कई लोग एफआईआर दर्ज कराने के बाद आरोपियों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का भी खेल ख्ोलने की बात है।

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इन्होंने भी एड्रेस में किया खेल

कोरी अप्लीकेशन के अलावा रजिस्ट्री का एक और खेल सामने आया है। क्क् मई ख्0क्भ् को एसीजेएम म् की कोर्ट में कुलवीर सिंह बनाम साहबजादे मोइनुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ प्रार्थना पत्र डाला गया। इसमें भी उसने एसएसपी आफिस में रजिस्ट्री से शिकायत करने की रसीद लगाई। अप्लीकेशन में उसने अपना एड्रेस कुलवीर सिंह पुत्र नत्थू सिंह निवासी महिमा पट्टी भोजीपुरा और हाल निवासी क्क्//1-2 पीडब्ल्यूडी कालोनी राजेंद्र नगर प्रेमनगर दिखाया। उसने कोर्ट में रजिस्ट्री नंबर <क्-ख् पीडब्ल्यूडी कालोनी राजेंद्र नगर प्रेमनगर दिखाया। उसने कोर्ट में रजिस्ट्री नंबर EU216807373IN EU216807373IN दिया। जबकि इस रजिस्ट्री नंबर से एसएसपी ऑफिस में जो अप्लीकेशन आई है उस पर कुलवीर सिंह पुत्र अहिवरन फ्ब्-बी माडल टाउन बारादरी लिखा मिला। जब पुलिस ने इस एड्रेस के बारे में पता किया तो सामने आया कि इस एड्रेस पर कुलवीर नाम का कोई शख्स रहता ही नहीं है। एसएसपी आफिस से इस मामले में कोर्ट में रिपोर्ट भेजी जा रही है।

कोरी अप्लीकेशन के कई केसेस सामने आए हैं। ऐसी अप्लीकेशन की रजिस्ट्री का मिसयूज कर कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराने की बात सामने आई है। जरुरत पड़ने पर फर्जी अप्लीकेशन भेजने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

धर्मवीर सिंह यादव, एसएसपी बरेली