- घरों में , सड़कों और हॉस्पिटल्स में दिखा ग्रहण का प्रभाव
<- घरों में , सड़कों और हॉस्पिटल्स में दिखा ग्रहण का प्रभाव
BAREILLY: BAREILLY: चंद्रग्रहण के दुष्प्रभाव की सोच से लोग अभी भी बंधे हुए हैं। सैटरडे को हनुमान जयंती पर पड़ने वाले चंद्रग्रहण के प्रभाव की संभावनाओं के कारण मंदिरों के कपाट बंद रहे। वहीं नए कार्यो की शुरुआत करने से भी लोग हिचकते रहे। आई नेक्स्ट ने शहर का जायजा लिया तो नुक्कड़ से लेकर मॉल्स, गवर्नमेंट और प्राइवेट ऑफिसेस के अधिकारियों और कर्मचारियों की मानसिकता पर भी आंशिक रूप से ग्रहण का प्रभाव दिखाइर्1 दिया।
ऑटोमोबाइल सेक्टर में शनि का 'ग्रहण'
ग्रहण के प्रभाव का असर ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी दिखाई दिया। यूं तो लोग शनिवार को लौह धातु खरीदने से परहेज करते हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े फोर व्हीलर शोरूम ओनर सचिन भसीन ने बताया कि अक्सर शनि के प्रकोप की वजह से शोरूम में कम भीड़ रहती है। ऐसे में ग्रहण के डर ने तादाद और भी कम कर दी।
बेबी को नहीं लग सकी ग्रहण की नजर
ज्योतिषाचार्यो के अनुसार ग्रहण के मौके पर चली आ रही मान्यताओं को बरेलियंस नजरअंदाज नहीं कर सके। इसलिए प्रेग्नेंट लेडीज ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलीं। गायनोकोलॉजिस्ट भारती सरन ने बताया कि ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट लेडीज रूटीन चेकअप के लिए हॉस्पिटल नहीं पहुंची। वहीं हॉस्पिटल में एडमिट प्रेग्नेंट ने ग्रहण के पहले ही ऑपरेशन से बेबी को जन्म देने की रिक्वेस्ट कर रहीं थीं।
पूजा और ईष्ट आराधना का दौर
ज्योतिषाचार्य पं। संजय सिंह ने बताया कि सूतक लगते ही सभी मंदिरों के पट बंद हो गए। ज्यादातर फैमिली के मेंबर्स को गोबर का स्पर्श कराकर दोषमुक्त किया गया। वहीं दोपहर ग्रहण स्पर्श के बाद खानपान से भी लोगों ने किनारा कर लिया। ऐसे में घरों में बुजुर्ग और प्रेग्नेंट लेडीज ने ग्रहण के प्रभाव से फैमिली को बचाने के लिए ईष्ट आराधना की।