परामर्श केंद्र से 'जुड़कर' घर लौटे जोड़े
<परामर्श केंद्र से 'जुड़कर' घर लौटे जोड़े
BAREILLY:
BAREILLY:
अक्सर परिवार परामर्श केंद्र में देखने को मिलता रहा है कि आधा से अधिक केसेस में कोई परिणाम नहीं निकलता है, लेकिन सैटरडे को काउंसलर्स की मेहनत रंग लायी और तमाम जोड़े एक होकर घर लौटे। सैटरडे को कुल 32 केसेस आये, 20 केसेस में समझौते हुए। जबकि पांच केसों में जोड़ों को विचार कर अगली तारीख पर आने को कहा गया। लेकिन सात केसेस में काउंसलर्स की कोशिश बेकार रही और ये केसेस कोर्ट में चले गए।
ससुर पीटता है, बीवी को लेने ससुराल नही जाऊंगा
अक्सर ससुराल से प्रताडि़त होने की लाचारी औरतों के मुंह से सुनने को मिलती है, लेकिन परिवार परामर्श केंद्र में आये जफरूद्दीन की इस गुहार से काउंसलर भी भौंचक हो गए। महेश पुरा-सीबी गंज निवासी जफरूददीन के ससुर ने पिछले महीने अपनी बेटी को प्रताडि़त करने पर उसे पीट दिया। जिसके बाद से ये ससुराल नही जाने की जिद पकड़े है।
काउंसलर एसडी तिवारी व एमसी शर्मा को माथापच्ची करनी पड़ी। आखिर में परवीन को समझाया गया कि वो अकेले ही अपने ससुराल चली आये, और जब मियां-बीवी के बीच विश्वास पनपने लगे तो फिर जफरूददीन ससुराल आ सकता है।
पति के साथ नही रहूंगी
शराबी पति की मार से परेशान गुलशन ने आखिरकार पति की प्रताड़ना से परेशान हो अलग होने का फैसला कर लिया। हालांकि काउंसलर्स गुलशन से पति अफसर हुसैन को एक और मौका देने की बात कहते रहे। गुलशन का आरोप है कि शराबी पति उसे ससुराल में एक नही तीन-तीन बार तलाक दे चुका है। ऐसे में मेरा उसके साथ रहना नापाक है। पति शराब पीने की आदत से बाज नही आयेगा, इसलिए साथ नही रहूंगी। बता दें कि भमोरा का अफसर हुसैन एक टेलर है जिसकी शबनम से छह साल पहले शादी हुई।
सिंचाई विभाग में क्लर्क हूं और दहेज चाहिए
बदायूं का मोहित सक्सेना अपनी बीवी दिव्या को सिंचाई विभाग में क्लर्क होने का रौब जमा और दहेज की मांग करता है। बरेली की दिव्या पति के साथ रहना तो चाहती है लेकिन इन प्रताड़नाओं की शर्त पर नही। दहेज के लिए सास, ननद से भी लगातार प्रताडि़त हुई दिव्या का इस समय साइकोलाजिस्ट इलाज कर रहे हैं। इस संवेदनशील मामले पर काउंसलर दीपक कुमार अग्रवाल और कल्पना चतुर्वेदी ने बड़ी समझदारी से मोहित और दिव्या का समझौता करा दिया और परिवार को बिखरने से बचा लिया।
बिना फोन परिवार परामर्श केन्द्र
<अक्सर परिवार परामर्श केंद्र में देखने को मिलता रहा है कि आधा से अधिक केसेस में कोई परिणाम नहीं निकलता है, लेकिन सैटरडे को काउंसलर्स की मेहनत रंग लायी और तमाम जोड़े एक होकर घर लौटे। सैटरडे को कुल फ्ख् केसेस आये, ख्0 केसेस में समझौते हुए। जबकि पांच केसों में जोड़ों को विचार कर अगली तारीख पर आने को कहा गया। लेकिन सात केसेस में काउंसलर्स की कोशिश बेकार रही और ये केसेस कोर्ट में चले गए।
ससुर पीटता है, बीवी को लेने ससुराल नही जाऊंगा
अक्सर ससुराल से प्रताडि़त होने की लाचारी औरतों के मुंह से सुनने को मिलती है, लेकिन परिवार परामर्श केंद्र में आये जफरूद्दीन की इस गुहार से काउंसलर भी भौंचक हो गए। महेश पुरा-सीबी गंज निवासी जफरूददीन के ससुर ने पिछले महीने अपनी बेटी को प्रताडि़त करने पर उसे पीट दिया। जिसके बाद से ये ससुराल नही जाने की जिद पकड़े है।
काउंसलर एसडी तिवारी व एमसी शर्मा को माथापच्ची करनी पड़ी। आखिर में परवीन को समझाया गया कि वो अकेले ही अपने ससुराल चली आये, और जब मियां-बीवी के बीच विश्वास पनपने लगे तो फिर जफरूददीन ससुराल आ सकता है।
पति के साथ नही रहूंगी
शराबी पति की मार से परेशान गुलशन ने आखिरकार पति की प्रताड़ना से परेशान हो अलग होने का फैसला कर लिया। हालांकि काउंसलर्स गुलशन से पति अफसर हुसैन को एक और मौका देने की बात कहते रहे। गुलशन का आरोप है कि शराबी पति उसे ससुराल में एक नही तीन-तीन बार तलाक दे चुका है। ऐसे में मेरा उसके साथ रहना नापाक है। पति शराब पीने की आदत से बाज नही आयेगा, इसलिए साथ नही रहूंगी। बता दें कि भमोरा का अफसर हुसैन एक टेलर है जिसकी शबनम से छह साल पहले शादी हुई।
सिंचाई विभाग में क्लर्क हूं और दहेज चाहिए
बदायूं का मोहित सक्सेना अपनी बीवी दिव्या को सिंचाई विभाग में क्लर्क होने का रौब जमा और दहेज की मांग करता है। बरेली की दिव्या पति के साथ रहना तो चाहती है लेकिन इन प्रताड़नाओं की शर्त पर नही। दहेज के लिए सास, ननद से भी लगातार प्रताडि़त हुई दिव्या का इस समय साइकोलाजिस्ट इलाज कर रहे हैं। इस संवेदनशील मामले पर काउंसलर दीपक कुमार अग्रवाल और कल्पना चतुर्वेदी ने बड़ी समझदारी से मोहित और दिव्या का समझौता करा दिया और परिवार को बिखरने से बचा लिया।
बिना फोन परिवार परामर्श केन्द्र
BAREILLY: BAREILLY: परामर्श केंद्र में कोई पीएनटी फोन लगाया गया है और न ही कोई सीयूजी नंबर प्रोवाइड किया गया है। परामर्श केंद्र में तैनात पुलिसकर्मीे प्राइवेट फोन से शिकायतकर्ता और आरोपी को परामर्श के लिए बुलाते हैं।