बरेली (ब्यूरो)। शासन प्रशासन की ओर से लगातार कोविड सैंपलिंग बढ़ाने का आदेश दिया जा रहा है लेकिन जिले में किस प्रकार कोरोना जांच सैंपलिंग की जा रही है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पिछले 15 से 20 दिनों से 300 बेड कोविड हॉस्पिटल में बने एक कमरे में कोविड सैंपल धूल फांक रहे हैं, जब सैंपल ही जांच को नहीं भेजे जाएंगे तो जांच रिपोर्ट समय से मरीज को कैसे मिलेगी वहीं इस विभागीय उदासीनता का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ सकता है। 300 बेड कोविड हॉस्पिटल में बने कोरोना फ्लू कार्नर वाली बिल्डिंग के एक कमरे में जिले के शेरगढ़, क्यारा और आंवला समेत अन्य हेल्थ सेंटर्स से लिए गए कोरोना सैंपल बीती एक नंवबर से 14 तक के अभी तक जांच को नहीं भेजे गए हैं।
इतने दिन में सैंपल हो जाता है खराब
सर्विलांस सेल प्रभारी डॉ। अनुराग गौतम ने बताया कि जानकारी के अनुसार कोल्ड चेन मेटिनेंस अगर ठीक है तो माइनस 20 डिग्री सेल्सियस टेम्प्रेचर पर ही सैंपल को चार से पांच दिन तक रोका जा सकता है लेकिन इसके बिना अगर सैंपल बॉक्स नहीं रखा गया है तो सैंपल तीन दिन में ही खराब हो जाता है।
शेरगढ़ और क्यारा सीएचसी से लिए गए सैंपल का रजिस्ट्रेशन ठीक से नहीं हुआ था जिस कारण सैंपल नहीं भेजे जा सके थे, मामला ठीक है अब दोबारा टीम भेजकर सैंपलिंग कराई जाएगी।
डॉ। सीपी सिंह, प्रभारी, कोरोना सैंपलिंग