ट्रैफिक पुलिस व चौकी इंचार्ज को दिए जाएंगे स्मार्टफोंस

रूल्स तोड़ने वाले लोगों और कामचोर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर लगेगी लगाम

43 मोबाइल खरीदे गए, मतगणना के बाद होंगे डिस्ट्रिब्यूट

BAREILLY: आजकल टीवी पर एक टेलीकॉम कंपनी का एड बहुत फेमस हो रहा है, जिसकी टैग लाइन हैनो उल्लू बनाविंग। कुछ इस तरह की स्ट्रैटजी के तहत सिटी के एसएसपी जे रविंद्र गौड ट्रैफिक प्रॉब्लम को कंट्रोल करने में जुट गए हैं। उन्होंने एसपी ट्रैफिक ब्रजेश श्रीवास्तव के साथ ट्रैफिक प्रॉब्लम का एक 'स्मार्ट' सॉल्यूशन निकाल लिया है। इससे रूल्स वॉयलेशन कर झूठ बोलने वाली पब्लिक और कामचोर पुलिसकर्मियों पर लगाम लगाई जाएगी। ना तो रूल तोड़कर भागने वाले लोग पुलिस को उल्लू बना पाएंगे, वहीं ओवरस्मार्ट पुलिसकर्मचारी भी आला अफसरों को बेवकूफ नहीं बना सकेंगे। कैसे होगा ये सब पॉसिबल चलिए आपको बताते हैं।

Never ending problem

सिटी में ट्रैफिक प्रॉब्लम यहां लगने वाले जाम की तरह ही नेवर एंडिंग होती जा रही है। काफी वक्त से चली आ रही इस जाम की मुसीबत को दूर करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने कई एफ‌र्ट्स किए, पर नतीजा सिफर ही निकला है। अब एक बार फिर एसएसपी जे रविंद्र गौड के निर्देशन में एसपी ट्रैफिक बृजेश श्रीवास्तव ने ट्रैफिक प्रॉब्लम को जड़ से उखाड़ने की ठानी है। इसके लिए उन्होंने कई तरीके अपनाए हैं। सिटी में जगह-जगह साइन बोर्ड, ट्रैफिक बूथ, फ्लैक्स बूथ लगाने व फेसबुक पर पेज बनाकर पब्लिक से सजेशन मांगने का काम पहले ही शुरू हो गया है, लेकिन अब पुलिस इस हाईटेक कोशिश में एक और स्मार्ट मूव लेनी जा रही है। सिटी के सभी ट्रैफिक पुलिसकमिर्यो को स्मार्ट वर्किंग कराने की तैयारी हो रही है।

WhatsApp X FB connect

एसएसपी ने सरकारी खाते से 43 स्मार्टफोन खरीदे हैं। ये स्मार्टफोंस सारी हाईटेक फैसिलिटी से लैस हैं। वहीं इनमें लेटेस्ट एंड्रायड वर्जन और जीपीएस इलेबल्ड है। फोंस की कैमरा क्वालिटी भी काफी अच्छी है। इसके अलावा 43 मोबाइल सिम भी खरीदे गए हैं। ये स्मार्टफोन ट्रैफिक पुलिस में तैनात सभी टीएसआई व एचसीपी को दिए जाएंगे। इसके अलावा जिन चौकी एरिया में ट्रैफिक प्रॉब्लम ज्यादा रहती है, उनके चौकी इंचार्ज को भी फोन प्रोवाइड कराए जाएंगे। इन सभी फोन यूजर्स को ट्रैफिक पुलिस के फेसबुक पेज से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा वाट्सएप पर ट्रैफिक पुलिस का पेज क्रिएट किया जाएगा, जिसमें सभी पुलिस यूजर्स को हर समय जुड़े रहना होगा।

चालान भी पहुंचेगा smartly

ट्रैफिक पुलिस को 'स्मार्ट' बनाने के पीछे एसएसपी का एक तीर से दो निशाने करने का मकसद है। पहला मकसद तो साफ है सिटी से ट्रैफिक प्रॉब्लम को जड़ से खत्म करना। दरअसल अक्सर देखने में आता है कि पब्लिक ही ट्रैफिक रूल्स वॉयलेशन करती है, जिससे जाम लग जाता है। वहीं जब रूल्स तोड़ने पर उन्हें रोका जाता है तो वह रुकते नहीं। कई बार रुक भी जाते हैं तो अपना रौब झाड़ने लगते हैं। इसके अलावा लोगों के बीच रोड पर गाड़ी पार्क करने से भी जाम की सिचुएशन बन जाती है। ऐसे सभी रूलब्रेकर्स पर लगाम कसने के लिए स्मार्टफोन यूजर पुलिसकर्मी व्हीकल व उसके ड्राइवर का फोटो फोन से ले लेंगे। इस फोटो को फेसबुक और वाट्सएप पर अपलोड कर दिया जाएगा। इससे वे लोग इंबैरस फील करेंगे। साथ ही उन्हें फोटो के जरिए चालान भी भेज दिया जाएगा। अगर कोई कहेगा कि उसने रूल नहीं तोड़ा है तो फोटो प्रूफ के तौर पर यूज की जाएगी। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिसकर्मी वीडियो भी बना सकते हैं।

No ullu banawing

इस स्मार्ट मूव का दूसरा मकसद खुद पुलिसकर्मियों ही हैं। अक्सर कामचोर पुलिसकर्मी चालाकी कर सीनियर पुलिस अधिकारियों को बेवकूफ बनाते हैं। जैसे कहीं से जाम की सूचना मिलती है तो मौके पर तैनात पुलिसकर्मी को जाम खुलवाने के लिए कहा जाता है, लेकिन वह झूठ बोल देता है कि वह मौके पर मौजूद है और जाम नहीं लगा है। ऐसी कई शिकायते अधिकारियों के पास लगातार पहुंचती हैं। वहीं पुलिसकर्मी अपना प्राइवेट फोन कभी-कभी बंद भी कर लेते हैं, इसलिए पुलिसकर्मियों को सरकारी स्मार्टफोन व सिम दिए जाएंगे, जिससे वे फोन भी ऑफ न कर सकें। अगर कहीं जाम लगने की सूचना मिलेगी तो इसे सभी पुलिसकर्मियों को वाट्सएप पर बता दिया जाएगा। वहीं जाम लगने से लेकर खुलने तक की फोटो अपलोड करनी होगी। इसके अलावा कई बार वायरलेस सेट काम नहीं करता है तो इससे भी सूचना सभी जगह फ्लैश कर दी जाएगी। इससे पुलिस का आपसी कम्युनिकेशन स्ट्रांग होगा।

Crime control में भी फायदा

एसएसपी का मानना है कि स्मार्टफोन से क्राइम कंट्रोल करने में भी फायदा मिलेगा। जैसे कि अगर कहीं किसी की चैन छीनकर या लूट की वारदात को अंजाम देकर बाइकर भाग रहे होंगे तो बाइक का नंबर वाट्स एप और फेसबुक पर फ्लैश कर दिया जाएगा। इससे दूसरी जगह तैनात पुलिसकर्मी उसे पकड़ने का प्रयास करेंगे। एक्सीडेंट के मामले में भी भाग रहे व्हीकल को पकड़ने में आसानी रहेगी। इसके अलावा भी कई तरह की जरूरी इंफॉर्मेशन पुलिसकर्मी एक-दूसरे से शेयर कर सकेंगे।

ट्रैफिक प्रॉब्लम दूर करने के लिए स्मार्टफोन खरीदे गए हैं। जल्द ही इन्हें ट्रैफिक पुलिस व चौकी इंचार्ज को बांट दिया जाएगा।

जे रविंद्र गौड, एसएसपी बरेली

ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वाली पब्लिक पर लगाम कसने के लिए स्मार्टफोन का यूज किया जाएगा। फोटो खींचकर घर ही चालान भेजा जाएगा। लापरवाह पुलिसकर्मियों पर भी इससे लगाम कसी जाएगी।

-बृजेश श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक बरेली