(बरेली ब्यूरो)। प्लाईवुड कारोबारी की हत्या मामले में पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर वीडियो में जिनके चेहरे साफतौर पर दिखे, जारी फोटो में भी जो आसानी से पहचाने जा सकते हैं। ऐसे में उनके स्केच जारी करने का तमाशा क्यों।
जबकि आमतौर पर स्केच उनके जारी कराए जाते हैं जिन संदिग्धों के सिर्फ हुलिए की जानकारी होती है। साफ है कि आइआइए (इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) के तीन दिन के अल्टीमेटम के बाद पुलिस ने महज कार्रवाई जारी दिखाने के लिए आनन-फानन में स्केच जारी कर दिया गया।

आनन फानन में स्केच जारी
मामला प्लाइवुड कारोबारी संजीव गर्ग हत्याकांड से जुड़ा है। 20 जनवरी को कारोबारी संजीव गर्ग की फतेहगंज पश्चिमी के अगरास रोड पर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने 48 घंटे के भीतर हत्याकांड के राजफाश का दावा किया लेकिन, 15 दिन बीतने के बाद भी हत्याकांड की गुत्थी को पुलिस सुलझा नहीं सकी। हत्याकांड का राजफाश न होने पर इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त की। गुरुवार को आइआइए के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने एसीएस होम और एडीजी को फोन कर कहा कि एक उद्यमी के हत्याकांड के राजफाश के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। राजफाश न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। इसी के बाद पुलिस ने शुक्रवार को दो संदिग्धों के स्केच जारी किये। बताया गया कि फोटो पहचान कराने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। फोटो के बाद भी स्केच के सवाल पर बताया गया कि एक का फोटो साफ नहीं था। इसी के चलते स्केच बनवाया गया। स्केच जारी होते ही एक बार फिर अहम सुराग का दावा किया गया है।

वर्जन
वीडियो में एक संदिग्ध का फोटो साफ नहीं था इसलिए स्केच जारी कराया गया है। स्केच से संदिग्धों का सुराग जुटाया जा रहा है।
- राजकुमार अग्रवाल, एसपी देहात