-यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम प्रिलिम्स में उमड़ी कंडिडेट्स की भीड़
-कैंडिडेट्स ने क्वेशचन पेपर को बताया अन्य सालों से डिफरेंट
बरेली। यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम प्रिलिम्स संडे को शहर के 41 सेंटर्स पर बिना किसी व्यवधान के निपटी। कोरोना काल में आयोजित इस एग्जाम में मात्र 42 परसेंट कंडिडेट्स ने ही पार्टिसिपेट किया। एग्जाम में कुल 18,367 कंडिडेट्स रजिस्टर्ड थे, जिनमें से 10,653 कंडिडेट्स ने एग्जाम से पहले ही अपने सिविल सर्विस में जाने का इरादा छोड़ दिया। एग्जाम में मात्र 7714 कंडिडेट्स ही प्रजेंट रहे। कोराना के खतरे को देखते हुए अधिकतर कंडिडेट्स अपने-अपने व्हीकल्स से एग्जाम सेंटर्स तक पहुंचे। बरेली कॉलेज के एग्जाम सेंटर्स पर कंडिडेट्स की भीड़ अधिक होने से यहां फोर व्हीलर्स की भी भीड़ रही। भीड़ के चलते कोविड-19 की गाइड लाइन की भी धज्जियां उड़ी। पेपर छूटने के बाद बाहर निकले कंडिडेट्स ने इस पेपर को पुराने पैटर्न से बदला हुआ बताया। किसी ने पेपर में करेंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चंस को टिपिकल बताया तो किसी टेक्नोलॉजी और साइंस बेस्ड क्वेश्चंस को उलझाने वाला बताया। अधिकतर कंडिडेट्स ने क्वेश्चन पेपर को टाइम टेकिंग भी बताया। एक कंडिडेट ने बताया कि पेपर में एक क्वेश्चन था कि क्या पानी से बाहर व्हेल की ब्रिथिंग को कांउट किया जा सकता है। एक अन्य कंडिडेट्स ने बताया कि पेपर में एक क्वेशचन ड्रोन के टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ पूछा था। इन क्वेश्चंस के आनसर साइंस के स्टूडेंट्स ही बता सकते हैं।
एग्जाम सेंटर्स के भीतर फॉलो हुई कोविड गाइड लाइन, बाहर नहीं
यूपीएससी एग्जाम में कोविड-19 की गाइड लाइन को पूरी तरह फॉलो कराने के निर्देश पहले ही जारी किए गए थे। संडे को यूपीएससी का यह निर्देश भले ही एग्जाम सेंटर्स के भीतर फॉलो हो सका हो, पर सेंटर्स के बाहर यह पॉसिबल नहीं हुआ। कोविड-19 गाइड लाइन की सबसे अधिक धज्जियां बरेली कॉलेज कंपाउंड के एग्जाम सेंटस पर उड़ी। इस कंपाउंड के पांच सेंटर्स पर ढाई हजार के करीब कंडिडेट्स रजिस्टर्ड थे। यहां भले ही कुल रजिस्टर्ड कंडिडेट्स के 50 परसेंट से कम ही एग्जाम देने पहुंचे हों, पर अधिकतर कंडिडेट्स अपने परिजनों के साथ पहुंचे थे। फोर व्हीलर्स से पहुंचे कंडिडेट्स के साथ तो दो से अधिक परिजन भी आए थे। इससे यहां सबसे अधिक भीड़ रही और इस भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग की बात बेमानी साबित हुई।
ट्रेन व बस से ज्यादा अपने व्हीकल्स पर किया भरोसा
कोराना काल में कराई गई यूपीएससी एग्जाम में शामिल होने वाले कंडिडेट्स के लिए भले ही रेलवे की ओर से एग्जाम स्पेशल ट्रेन्स चलाई गई हों, पर कंडिडेट्स ने कोरोना का खतरा भांपते हुए इन ट्रेन्स में सफर करना मुनासिब नहीं समझा। सटरडे लेट नाइट बरेली जंक्शन से गुजरी एग्जाम स्पेशल ट्रेन से मात्र दो कंडिडेट्स के पहुंचने की जानकारी हुई। यही स्थिति रोडवेज बसेस को लेकर भी रही। इसी का नतीजा रहा कि परीक्षा छूटने के बाद भी शहर के दोनों बस स्टेशंस पर कंडिडेट्स की भीड़ पहले की तरह नहीं दिखाई दी।
बरेली कॉलेज स्टैंड से कंडिडेट का गायब हुआ पर्स व मोबाइल
यूपीएससी सीईएस प्रिलिम्स के लिए बरेली कॉलेज सेंटर पर आए एक कंडिडेट का स्टैंड पर खड़ी उसकी स्कूटी से पर्स व मोबाइल चोरी हो गया। पेपर देकर निकले दातांगज के विनय कुमार जब स्टैंड पर अपनी स्कूटी लेने पहुंचे तो उन्हें स्कूटी की सीट का लॉक खुला हुआ मिला। विनय कुमार ने बताया कि एग्जाम में पर्स व मोबाइल ले जाने की परमिशन नहीं होने से वह इनको स्कूटी की डिग्गी में ही रखकर गया था। विनय ने स्टैंड संचालक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। हंगामा होने पर यहां ड्यूटी में तैनात पुलिस भी पहुंच गई, पर उसने भी इस मामले विनय की मदद नहीं की। इस पर विनय कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही।
कंडिडेट्स की बात
कंडिडेट्स के लिए आसान नहीं रहा पेपर
मैं फर्स्ट टाइम इस एग्जाम में शामिल हुआ हूं। इस बार पेपर का पैंटर्न बदला हुआ है। कुल मिलाकर इस बार का पेपर अधिकतर कंडिडेट्स के लिए आसान नहीं रहा होगा।
अक्षय अरोड़ा, मुरादाबाद
पेपर पहले की अपेक्षा टिपिकल जरूर था, पर प्रश्न ऐसे भी नहीं थे कि जो समझ से परे हों। मेरा पेपर ठीक गया है।
बलविन्द्र सिंह, बेसिक टीचर
पेपर टाइम टेकिंग रहा। कई प्रश्नों को समझने और हल करने में काफी समय खर्च हो गया। इससे कुछ प्रश्न छूट भी गए। माइनेस मार्किंग होने से भी प्रश्न छोड़ने पड़े।
अजय शर्मा, बंडा
इस बार पेपर हिस्ट्री और साइंस से जुड़े प्रश्न ज्यादा रहे। जिसकी तैयारी बेहतर रही होगी, उसका पेपर भी अच्छा रहा होगा। फिलहाल मेरा पेपर ठीक गया है।
दुर्गेश, बरेली
फैक्ट फाइल
- 18,367 : कुल रजिस्टर्ड कंडिडेट्स
- 10,653 : कंडिडेट्स रहे अबसेंट
- 7,741 : कंडिडेट्स रहे प्रेजेंट