फैक्ट एंड फिगर
07 दिन चला बालश्रम में लिप्त बच्चों का रेस्क्यू अभियान
17 बच्चे शहर से किए गए रेस्क्यू
11 बच्चे नवाबगंज में दुकानों पर काम करते मिले
04 बच्चे रिठौरा से कराए मुक्त
14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का किया रेस्क्यू

बरेली (ब्यूरो)। साहब! मजदूरी नहीं मजबूरी है जी हां कुछ इसी तरह की समस्या बाल श्रम करते पकड़े जाने पर बाल श्रमिकों ने सुनाई। दरअसल शासन के निर्देश पर श्रम विभाग, चाइल्ड लाइन, बाल कल्याण समिति और एएचटीयू ने संयुक्त रूप से अभियान चलाया जिसमें टीम ने 32 बाल श्रमिकों का रेस्क्यू कर उन्हें मुक्त कराया। हालांकि बाल श्रम कर रहे बच्चों ने भी अपनी पकड़े जाने पर बाल श्रम करने की पीड़ा सुनाई।

मजबूरी कर रहे हैं काम
जिले में अभियान के दौरान दुकानों पर काम करने वाले बाल श्रमिकों ने टीम को अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि साहब, काम करना उनका मजबूरी है। कोई गरीबी के चलते तो कोई बच्चा अनाथ होने के बावजूद कम आयु में ही काम करने के लिए मजबूर है। टीम ने जिले में रेस्क्यू किए गए सभी बच्चों को मुख्यधारा से जोडऩे का काम शुरू कर दिया।

शहर से 17 बच्चे किए चिह्नित
संयुक्त टीम ने शहर में अय्यूब खान चौराहा, मिशन मार्केट, पंजाबी मार्केट, इस्लामिया मार्केट, कुतुबखाना मार्केट, बड़ा बाजार, कोहड़पीर, राजेंद्रनगर व 100 फीटा रोड पर अभियान चलाया और 17 बच्चों को रेस्क्यू किया। इसके अलावा नवाबगंज में 11 और रिठौरा में चार बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया।

नोटिस होंगे जारी
एएचटीयू प्रभारी गोविंद सिंह ने बताया कि जिन दुकानों पर 14 वर्ष की आयु से कम के बच्चे काम करते पाए गए हैं। उन्हें रेस्क्यू किया गया है। साथ ही दुकानदारों को चेतावनी दी गई है कि दोबारा बच्चों से काम कराया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बताया कि श्रम विभाग की ओर से उन दुकानदारों को नोटिस जारी किए जाएंगे और जुर्माना वसूला जाएगा।

50 हजार जुर्माना व दो साल की कैद का प्रावधान
बालश्रम के अंतर्गत यदि कोई नियोक्ता 14 वर्ष से कम आयुक के बच्चे को कार्य पर लगाता है तो ऐसा करने पर उसे दो वर्ष की कैद और अधिकतम 50 हजार रुपए का जुर्माने का प्रावधान है। डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि जो बच्चे बालश्रम करते मिले, उन्हें आवश्यकतानुसार सरकार की ओर से चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाए।

रेलवे स्टेशन पर भीख मांगते बच्चे भागे
एएचटीयू प्रभारी गोविंद सिंह ने बताया कि टीम बालश्रम, बाल भिक्षा में चाइल्ड तस्करी रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। बताया कि रेलवे स्टेशन पर बच्चों द्वारा भीख मांगने की कई बार शिकायत मिल चुकी है। शिकायत के आधार पर टीम रेलवे स्टेशन पहुंची तो भीख मांगने वाले बच्चे भाग गए।

वर्जन
32 बालश्रमिकों को रेस्क्यू किया गया है। दुकानदारों को श्रम विभाग की ओर से जल्द ही नोटिस जारी किए जाएंगे और जुर्माना वसूला जाएगा। दोबारा चिह्नित दुकानदारों ने 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को काम पर रखा तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गोविंद सिंह, एएचटीयू प्रभारी
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