रांग नंबरों से परेशान
एक सुबह शोभित अपने नए मोबाइल कनेक्शन पर मैसेज को देखकर हैरान हो गए। मैसेज में लिखा था 'मन्ना टीक्का फोन करा मामाÓ । यह मैसेज उनके सिर से बाउंस कर गया। उस वक्त उन्होंने मैसेज को इग्नोर किया और अपने शेड्यूल में व्यस्त हो गए। जब ऐसे मैसेज रोज आने लगे तो उन्होंने उस नम्बर से सम्पर्क किया। पता चला कि एक लड़की अपने मामा से बात करना चाहती थी। कुछ दिनों में तो उनके नम्बर पर मैसेज और फोन कॉल की बाढ़ सी आ गई। मोबाइल पर आने वाला हर फोन किसी अजय के लिए होता था। मोबाइल कम्पनी ऑफिस से बाद में उन्हें पता चला कि उन्हे किसी अजय का नम्बर एलॉट कर दिया गया है। रोज-रोज आते इन अंजान नम्बरों से शोभित इतना परेशान हो गए कि उन्होंने अपना नम्बर ही बदलने का फैसला कर लिया।
बात करते-करते नंबर बंद
बीटेक स्टूडेंट ताबिश टेलीफोनिक कनेक्टिविटी पर बहुत डिपेंड रहते हैं। रिलेटीव हों या फ्रेंड्स सब उनके मोबाइल पर ही ऑनलाइन रहते हैं। आजकल वो काफी परेशान चल रहे हंै। उनका नम्बर एक दिन अचानक ही बंद हो गया। ताबिश ने तुरंत कम्टमरकेयर से सम्पर्क किया। कस्टमरकेयर पर बैठी लड़की ने उन्हे सांत्वना दे कर उनकी कम्पलेंट नोट कर ली। कई दिन बीतने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। एक दिन खेल-खेल में ताबिश ने अपना ही नम्बर डायल किया। नम्बर पर रिंग जाते देखकर वे हैरान रह गए क्योंकि सिम उनकी जेब में था। नम्बर को वर्किंग कंडीशन में देखकर हैरान ताबिश ने जब मोबाइल पर बात कि तो पता चला कि वो नम्बर किसी दूसरे पर्सन को एलॉट कर दिया गया था।
वैस एक्टिवेट कर काट लिए पैसे
प्रेमनगर निवासी आरुषि ने बताया कि उसने जब नया कनेक्शन लिया तो फस्र्ट मंथ तो सर्विसेज ठीक रही। सेकेंड मंथ में 100 रुपए का रिचार्ज करवाया। वैल्यू न आने पर शॉप कीपर से कम्पलेंट की तो उसने हाथ खड़े कर दिए। बीबीए स्टूडेंट हिमांशु गुप्ता कहते हैं कि वे दो सिम यूज करते हैं। एक पर ज्यादा बात होती है, जबकि दूसरे पर कम बात होती है। उनके दूसरे कनेक्शन पर कुछ दिन पहले ऑटोमेटिक कॉलर ट्यून एक्टीवेट हो गई और पैसे भी कट गए। इसके अलावा कई दफा रिचार्ज का पैसा न आने पर कम्पलेंट की, लेकिन सुनवाई नही हुई। मजबूरी ये है कि सभी रिलेटीव के पास यही नम्बर है इसलिए नम्बर बदलने में भी दिक्कत है।
लाइफ टाइम वैलिडिटी स्कीम
टेलीकम्यूनिकेशन कम्पनियों ने कन्ज्यूमर्स को अट्रैक्ट करने के लिए मंथ वैलिडिटी रिचार्ज फैसिलिटी को मार्केट से रिप्लेश करते हुए लाइफ टाइम वैलिडिटी सिम लांच किया था। लांचिंग के टाइम कस्टमर को बताया गया कि सिम एक्टीवेट रखने के लिए िसक्स मंथ
में कम से कम एक बार रिचार्ज कराना
जरूरी है। इसके लिए अलग-अलग कंपनियों ने रिचार्ज एमाउंट अलग-अलग निर्धारित किए थे।
Excuse of companies
नाम न छापने की शर्त पर प्राइवेट कम्पनी के अधिकारी ने बताया कि कम्पनी सिर्फ उन सिमों को बंद कर रही है, जो दो से तीन मंथ से बंद पड़े हैं। ऐसा करने के पीछे एक रीजन यह भी है कि कम्पनियों पर एक्सट्रा नम्बरों का बोझ बढ़ता जा रहा है। सिम से अगर आउटगोइंग कॉल्स और एसएमएस किए जा रहे हैं तो सिम बंद करने का सवाल ही नहीं उठता।
बीएसएनएल कंज्यूमर का 6 मंथ करती है वेट
बीएसएनएल का दावा है कि वह बीएसएनएल अपने कंज्यूमर्स का वेट करती है। स्टार्टिंग 15 दिनों को ग्रेस पीरियड मानते हैं। अगले 165 डेज को काउंटिंग में लिया जाता है। ओवर ऑल कन्ज्यूमर का 180 डेज तक वेट किया जाता है। अगर कंज्यूमर इसके बाद भी रिस्पॉन्स नहीं करता तब कंज्यूमर को इन्फार्म करके उसका फोन काटते हैं।
हम हर हाल में कंज्यूमर का 180 दिन या छह महीने तक वेट करते हैं। यदि इसके बाद भी फोन बंद रहता है तो हम उसे इंफार्म करके ही कनेक्शन काटने जैसा कोई हार्ड स्टेप उठाते हैं।
-मनीराम, जीएम, बीएसएनएल
Report by: Abhishek Mishra