कुछ ऐसा ही हुआ चमन लाल गुप्ता के साथ। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की व्यवस्था से अनजान जब वे अपने बेटे के साथ हॉस्पिटल पहुंचे तो गेट पर उन्हें मौजूद लोगों ने उन्हें हॉस्पिटल में डायलिसिस की उपलब्धता न होने की जानकारी दी। चमन लाल गुप्ता के बेटे अमित के मुताबिक अगर हमें पहले से ही इस बारे में पता होता तो हम कहीं और चले जाते। इससे न तो हमारा समय बर्बाद होता और न पैसा।
धूल फांक रही मशीन
सोर्स के मुताबिक लगभग दो साल पहले डायलिसिस यूनिट का इनॉग्रेशन किया था। इसे चलाने के लिए डॉ। आशू अग्रवाल को ट्रेनिंग भी दी गई थी, लेकिन कुछ समय पहले उनका ट्रांसफर अलीगढ़ कर दिया गया। उनके जाने के बाद से किसी डॉक्टर की पोस्टिंग यहां नहीं की गई। डायलिसिस को चलाने के लिए संविदा पर कर्मचारी को रखा गया था, लेकिन अब कोई नहीं है। लाखों की यह मशीन डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में धूल फांक रही है। डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन तीन बार और प्रमुख सचिव एक बार शासन को इस संबंध में लेटर भी लिख चुके हैं। उसके बाद भी डायलिसिस मशीन तालों में बंद है। सोर्स के मुताबिक हॉस्पिटल में डायलिसिस की कोई फैसिलिटी नहीं है। उसके बाद भी कोई आता है तो उनको एसजीपीजीआई लखनऊ रेफर कर दिया जाता है।
Case 1: सगीर बहेड़ी के रहने वाले हैं। उनकी उम्र 54 वर्ष है। पांच दिन पहले वाल्व की प्रॉब्लम के चलते उन्हें डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। उसे डायलिसिस की जरूरत है लेकिन हॉस्पिटल में ऐसी किसी तरह की कोई फैसिलिटी उपलब्ध नहीं है। पैसे की तंगी के चलते वो डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इलाज कराने को मजबूर हैं। इसी तरह कई पेशेंट को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
Case 2: चमन लाल गुप्ता बदायूं के रहने वाले हैं. अमित अपने पिता के साथ डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ट्रीटमेंट के लिए आए थे। वे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल डायलिसिस के लिए आए थे, लेकिन गेट पर ही जब उन्हें डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की असलियत के बारे में जानकारी मिली तो उनके बेटे ने उनको प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाने में भलाई समझी। यहां की स्थिति देखकर उन्हें काफी अफसोर हुआ।
इस बारे में शासन को लिखा जा चुका है लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई जवाब नहीं आया है। शासन की तरफ से जवाब आने के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी।
-सुभाष चंद्र शर्मा, डीएम
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में शासन के निर्देश पर डायलिसिस के लिए संविदा पर कर्मचारी रखे गए थे। उनके जाने के बाद से यूनिट बंद है। शासन को वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा चुका है।
-एके त्यागी, सीएमओ