- हेल्थ डिपार्टमेंट ने जारी किया आदेश
- वैक्सीनेशन वेस्टेज कम करने की भी कवायद जारी
बरेली : कोरोना का पहला टीका लगने के समय ही अस्पताल से प्रमाण पत्र लेना चाहिए। यह प्रमाण पत्र हार्ड कॉपी या ऑनलाइन लिया जा सकता है। यदि कोई अस्पताल निशुल्क प्रमाणपत्र देने में आनाकानी करता है, तो इसकी शिकायत स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों को या टोल फ्री नंबर पर की जा सकती है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस बाबत आदेश जारी किए हैं।
इसलिए प्रमाण पत्र जरूरी
मंत्रालय के अनुसार हर लाभार्थी के लिए यह प्रमाणपत्र लेना जरूरी है। वजह, प्रमाण पत्र पर ही टीकाकरण की तिथि और वैक्सीन का नाम अंकित होता है। जिसके आधार पर लाभार्थी को टीके की दूसरी डोज दी जाएगी। सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को टीकाकरण का निशुल्क प्रमाणपत्र देना अनिवार्य किया है। यदि कोई प्राइवेट अस्पताल प्रमाण पत्र देने से इन्कार करता है, तो लाभार्थी टोल फ्री हेल्पलाइन 1075 पर शिकायत दर्ज करा सकता है।
एक अप्रैल से 45 प्लस के सभी लोगों का टीकाकरण
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ आरएन सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा कोरोना टीकाकरण को लेकर जारी की गई नई गाइडलाइन के अनुसार एक अप्रैल से 45 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। इसके तहत एक जनवरी 1977 से पहले जन्मे सभी लोगों को टीकाकारण अभियान में शामिल किया जाएगा । यह लोग कोविन पोर्टल पर पहले से ऑनलाइन पंजीकरण कराकर या टीकाकरण केंद्र पर तत्काल पंजीकरण कराकर कोरोना का टीका लगवा सकते हैं। इसके बाद उन्हें टीकाकरण का प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा ।
कोविशील्ड की दो डोज के बीच अंतराल बढ़ा
कोविशील्ड वैक्सीन के लिए दो डोज के बीच का अंतराल पहले चार से छह हफ्ते था। अब इसे बढ़ाकर चार से आठ हफ्ते कर दिया गया है। फिर भी कोरोना वायरस के खिलाफ अधिकतम प्रतिरक्षा पाने के लिए 6 से 8 हफ्तों के बीच ही दूसरी डोज लगवाना जरूरी होगा। इसके बाद प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ेगा।
18.87 फीसदी लोगों ने कराया वैक्सीनेशन
त्योहार की तैयारियों का असर अब वैक्सीनेशन पर पड़ता हुआ दिख रहा है। फ्राइडे को जिले में महज 18.87 फीसदी लोगों ने टीकाकरण कराया। डॉ। आरएन सिंह ने बताया कि 26200 लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य था। इनमें से महज 4945 लोगों ने टीकाकरण कराया। इनमें 146 स्वास्थ्यकर्मियों और 153 फ्रंटलाइन वर्कर्स ने पहली डोज लगवाई। वहीं, 31 स्वास्थ्यकर्मियों और 165 फ्रंटलाइन वर्कर्स ने दूसरा टीका लगवाया। 45 से 60 वर्ष के बीच के 2248 मरीजों का टीकाकरण हुआ। वहीं, 2202 वृद्धजनों ने वैक्सीन लगवाई।