Ear phone बनी मौत की वजह

बीते साल 15 जनवरी को थाना प्रेमनगर के गुलाबनगर में रहने वाले 24 साल के शादाब 22 साल के फैज के साथ पैदल जा रहा था। उन्होंने ईयर प्लग लगा रखा था। अलखनाथ मंदिर के पास रेल लाइन पार करते समय वे कासगंज-बरेली टे्रन की चपेट में आ गए और मौत हो गई।

Music सुनना पड़ा भारी

बीते 21 दिसंबर को सीबीगंज में रहने वाले दो दोस्त ट्रैक पार करते समय मोबाइल पर संगीत का मजा ले रहे थे। पीछे से आती ट्रेन की आवाज भी उन्हें साफ नहीं सुनाई दी। नतीजा दोनों की ट्रेन की चपेट में आने से तुरंत ही मौत हो गई।

कोहरे से नहीं दिखी train

बीते 7 दिसंबर को भिटारा रेलवे स्टेशन से 50 मीटर की दूरी पर स्थित फतेहगंज पश्चिम रेलवे क्रॉसिंग के पास ट्रेन की चपेट में आने से तीन बच्चों की मौत हो गई। कोहरे इतना ज्यादा था वे उस ट्रेन को नहीं देख पाए और ट्रेन की चपेट में आ गए।

Project under safety measures

-रेडियो बरेली और इलेक्ट्रॉनिक चैनलों की मदद से अवेयरनेस प्रोग्राम चलाने की तैयारी।

-कुछ जगहों पर रेलवे रोड अंडर ब्रिज का कंस्ट्रक्शन जारी।

-कुछ जगहों पर इस रेलवे अंडर ब्रिज और ओवर ब्रिज का काम प्रस्तावित।

Reasons behind accident

-जल्दबाजी में रेलवे लाइन क्रॉस करना।

-स्टेशन पर ओवर ब्रिज पर जाने की बजाए शॉर्टकट अपनाना।

-ईयर फोन सुनते हुए रेलवे लाइन क्रॉस करना।

-ट्रेन की सीढ़ी पर बैठकर ट्रैवल करते हैं.ं

सजा का प्रावधान

-मोटर व्हीकल एक्ट 131 और रेलवे एक्ट 1989(161) के मुताबिक, रेलवे फाटक पार करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। नियमों का उल्लंघन करने वालों को 1 साल की सजा या जुर्माना अथवा दोनों की सजा भुगतनी पड़ सकती है।

-सुसाइड करने वालों पर आईपीसी की धारा 304 और 306 के तहत मामला दर्ज किया जाता है, जिसमें कम से कम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।

Death on track

एक साल में रेलवे ट्रैक पर टोटल डेथ : 109

मीटर गेज ट्रैक पर डेथ : 11

ब्राड गेज ट्रैक पर डेथ : 82

ब्राड गेज पर सुसाइड केस : 16

Expert’s say

ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ। संदीप कुमार के अकॉर्डिंग

-कान में ईयर प्लग के इस्तेमाल करने से लोगों का ध्यान बंट जाता है। ये हादसों के होने की मेन वजह है।

-ईयर प्लग यूज करने से व्यक्ति बहरेपन का भी शिकार हो सकता है।

-ईयर प्लग यूज करने से जो कानों को नुकसान होता है। उसकी आसानी से भरपाई नहीं की जा सकती है।

Awareness campaigning

-पोस्टर, स्टीकर और हैंडबिल डिस्ट्रिब्यूशन।

-रेडियो और टीवी पर लोगों को विज्ञापन से अवेयर कराना।

-न्यूजपेपर्स पर भी अवेयरनेस विज्ञापन।

-मोबाइल से रेलवे क्रॉसिंग में सावधानी को लेकर एसएमएस।

हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं कि लोगोंं को किसी भी तरह की कोई असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके लिए हम अपने स्तर से काफी प्रयास करते भी रहे हैं और आगे भी करेंगे लेकिन लोगों को भी इस ओर जागरूक होना होगा।

-राजेंद्र सिंह, पीआरओ, एनईआर, इज्जतनगर मंडल