सैटरडे रात भी हुआ था झगड़ा
सचिन बीसलपुर का रहने वाला है। उसके पिता छेदालाल बीसलपुर के चेयरमैन हैं। सचिन के तीन भाई आदेश जयसवाल, नितिन जयसवाल व एक अन्य हैं। सभी भाई मिलकर बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं। नितिन ने बताया कि यह मकान (126-ए सिविल लाइंस) उन्होंने निर्मल सिंह ग्रेवाल से करीब एक साल पहले सवा करोड़ रुपए में खरीदा था। फिलहाल मकान में उसका भतीजा अमर सिंह तथा एक नौकर ललित मोहन रहते हैं। सैटरडे शाम 6 बजे निर्मल सिंह व जसप्रीत ग्रेवाल उर्फ छोटू तथा तरनप्रीत ग्रेवाल उर्फ डिंपल मकान में हथियारों के बल पर घुस आए और अमन व ललित मोहन के साथ मारपीट की। उन्होंने दोनों को मकान खाली करने के लिए धमकाया और चले गए। इस बात की जानकारी अमर सिंह ने नितिन को दी। इस पर सचिन, उसका दोस्त गौरव चौहान, दो नौकर भगवान दास तथा वीर बहादुर सिंह रात में ही मकान पर पहुंच गए।
जान बचाकर भागे लोग
अचानक इतने सारे लोग और फायरिंग हेाते देख एरिया के लोग दहशत में आ गए। यहां तक कि वहां से गुजर रहे लोगों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। आस-पास के मकानों व संस्थानों में ड्यूटी कर रहे सिक्योरिटी गार्ड तक सहम गए। किसी तरह से मामले की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तब तक आरोपी भागने में कामयाब हो गए। फायरिंग में सचिन जायसवाल, उसका दोस्त गौरव चौहान तथा दो नौकर भगवान दास व वीर बहादुर इंजर्ड हो गए। पुलिस ने सभी को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया लेकिन सीरियस होने पर सभी को प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया। सचिन की हालत गंभीर है।
सवा साल पहले खरीदा था मकान
सचिन के भाई आदेश जयसवाल ने बताया कि उन्होंने 600 गज का यह मकान एडवोकेट निर्मल सिंह ग्रेवाल से करीब सवा साल पहले खरीदा था। तीन पार्ट में मकान की रजिस्ट्री कराई गई है। मकान एक करोड़ 60 लाख रुपए में खरीदा गया था। पूरा पेमेंट कर दिया गया है लेकिन एडवोकेट पिछले दो महीने से उन्हें परेशान कर रहे हैं। इसकी जानकारी पुलिस को भी दी गई थी। उनका कहना है कि निर्मल चेक बाउंस होने की जो बात कह रहे हैं, वह झूठी है। जिस डेट पर चेक बाउंस होने की बात कही जा रही है, उस दिन उनके बैंक एकाउंट में रुपए थे। निर्मल को 15 और 23 मार्च को पांच-पांच लाख रुपए नगद दिए गए थे। चेक से पेमेंट दिखाने के लिए चेक दिया गया था जिसे निर्मल ने बाद में वापस करने के लिए कहा था।
लेन-देन पर बिगड़ी बात
वहीं इस मामले में निर्मल सिंह की पत्नी लखविंदर का कहना है कि वह मकान में काफी दिनों से रह रहे हैं। मकान 75 लाख रुपए में बेचा गया था लेकिन सचिन की तरफ से जो चेक दिया गया वह बाउंस हो गया। जब मकान की रजिस्ट्री कराई गई थी तब उसमें एक प्वाइंट था कि अगर चेक बाउंस हुआ तो रजिस्ट्री कैंसिल हो जाएगी। सैटरडे शाम सचिन व उसके परिवार के लोग मकान पर कब्जा करने के लिए आए और झगड़ा किया। उसके बाद संडे सुबह सचिन की तरफ से घर में घुसकर हमला किया गया। बचाव में उनकी तरफ से फायरिंग की गई। मकान पर कब्जा करने के लिए जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर-ट्रॉली में बहुत लोग आए। फायरिंग में उनका बेटा तरनप्रीत भी घायल हुआ है। उसे इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया है।
ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर आए थे
स्थानीय लोगों व एरिया में तैनात सिक्योरिटी गाड्र्स का कहना है कि फायरिंग काफी देर तक होती रही। मकान पर दोनों तरफ से कब्जा करने की कोशिश की गई। 70-80 लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली व जेसीबी मशीन लेकर आए थे। फायरिंग से दीवारों में छेद हो गए हैं। यहां तक बताया जा रहा है कि लोग नई सीढ़ी भी लेकर आए थे। आरोपी दो गाडिय़ां मौके पर छोड़कर भाग गए हैं। गाडिय़ों के बारे में पुलिस का कहना है कि जो लोग अपनी गाडिय़ां छोड़कर गए हैं उन्होंने फायरिंग के डर से ऐसा किया है। गाडिय़ों के ओनर्स के बारे में जांच की जा रही है। मौके से एक राइफल व कुछ गोलियों के खोखे बरामद किए गए हैं। नितिन की तहरीर पर एडवोकेट निर्मल सिंह ग्रेवाल व उसके दोनों बेटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।
मकान पर कब्जा करने को कहा
नितिन का कहना है कि संडे सुबह करीब 6 बजे निर्मल व उसके दोनों बेटे राइफल व पिस्टल लेकर मकान में घुस आए। निर्मल ने अपने बेटों से फायरिंग करने तथा मकान पर कब्जा करने की बात कही। इतने पर तीनों ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग से सचिन, गौरव, भगवान दास तथा वीर बहादुर इंजर्ड हो गए। गौरव की कमर में गोली लगी है। वह नगर निगम में ठेकेदार है। वहीं सचिन के हाथ में तथा भगवान दास के पैर में गोली लगी है। सचिन की हालत ज्यादा गंभीर है।
सचिन के भाई नितिन की तहरीर पर एडवोकेट व उसके दो बेटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की सत्यता की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कोई एक्शन लिया जाएगा।
-एलवी एंटनी देव कुमार,
डीआईजी बरेली