आज है महाशिवरात्रि
नाथ नगरी के सातों शिवालयों में तैयारी पूरी
BAREILLY: गेंदे-गुलाब के फूल की महक और झालर लाइट्स से जगमगाते शिवालयकुछ ऐसा ही नजारा रहा शिवरात्रि के पूर्व संध्या पर सिटी के सभी शिव मंदिरों का। महाशिवरात्रि के मौके पर बरेलिंयस के साथ ही शिवालय भी पूरी तरह से सज गए हैं। वेडनसडे को सिटी के सभी शिव मंदिरों में साफ सफाई के साथ ही लाइटिंग, सजावट व जलपान का इंतजाम पूरा हो गया। साथ ही नाथ नगरी के शिवभक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए वॉलंटियर्स और प्रशासन की ओर से भी सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। आज सेलीब्रेट किए जाने वाले महाशिवरात्रि के महापर्व पर बरेलिंयस बम बम भोले के नारों के साथ शिव दर्शन और पूजन का लाभ लेंगें। आइए आपको बताते हैं क्या हैं खास तैयारियां और प्रोग्राम
धोपेश्वरनाथ
कैंट स्थित धोपेश्वर नाथ सिटी के सबसे प्राचीन शिवालयों में से एक है। मुख्य पुजारी ने बताया कि मंदिर की साफ सफाई का काम पूरा कर लिया गया है। शिवालय कोगेंदे के फूलों से सजाया गया है। इस मंदिर में पूजन के लिए हरिद्वार से विशेष रूप से आग्रह कर सात ब्राहमण बुलाए गए हैं। सुबह तीन बजे शिव महाआरती के बाद सुबह चार बजे से मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगें। प्रशासन, वालंटियर्स और सीसीटीवी कैमरों से लैस इस मंदिर में भक्तों के लिए जलाभिषेक, रूद्राभिषेक, क्क् हजार दीपों से तालाब में दीपदान और कालसर्प पूजन का आयोजन किया जाएगा। आखिरी में महाभिषेक होगा। अगले दिन प्रदोष पूजन किया जाएगा। लेडीज के लिए कोई अलग लाइन नहीं है। ख्क् पुजारी मिलकर दिनभर पूजन कार्य में सहयोग करेंगें।
तपेश्वरनाथ
सुभाषनगर स्थित तपेश्वरनाथ भी सिटी का प्राचीन शिवालय है। पुजारी श्यामचंद्र शर्मा ने बताया कि परिसर की टूटी फूटी गैलरी, पुताई खराब पड़ी लाइट्स को चेंज कर दिया गया है। इस मौके पर छोटे से मेले का भी आयोजन होगा। सुबह तीन बजे महाआरती होगी। महाआरती के बाद भक्तों के लिए कपाट खोल दिए जाएंगे। 9 बजे के करीब सुभाषनगर, कालीबाड़ी, मॉडल टाउन सहित छह एरिया से झंडी अर्पण की जाएगी। पुलिस, वॉलंटियर्स और सीसीटीवी कैमरों की नजर सब पर रहेगी। रात बारह बजे के करीब महाआरती के साथ ही मंदिर के पट बंद किए जाऐंगे। लेडीज के लिए एक्स्ट्रा लाइन नहीं है।
वनखंडीनाथ
ऐसी मान्यता है कि जोगी नवादा स्थित वनखंडीनाथ शिवालय में स्थित शिवलिंग सुबह, दोपहर और शाम तीनों समय पर रूप परिवर्तन करता है। साथ ही द्रौपदी और पांचाली ने यहां शिवपूजन किया था। महंत कुमारानंद गिरी ने बताया कि पानी से पूरे मंदिर को नहलाया गया है। सुगन्धित फूलों और झिलमिलाती झालरों से मंदिर को डेकोरेट किया गया है। बैरीकेडिंग कर लेडीज और जेंट्स की अलग लाइन बना दी गई है। सुबह तीन बजे से रात तक चार बार शिव का विशेष श्रृंगार और महाआरती की जाएगी। सुबह चार बजे रूद्राभिषेक होगा। ख्भ् पुजारियों के सहयोग से भक्तों के चढ़ाए गए कन्दमूल व फलफूल को भक्तों में वितरित किया जाएगा।
पशुपतिनाथ
बरेलियंस को नेपाल स्थित पशुपतिनाथ लिंग के दर्शन सिटी में ही कराने के उद्देश्य से पीलीभीत बाईपास पर ख्00क् में इस शिवालय का निर्माण कराया गया। इसे नाम पशुपतिनाथ दिया गया। इस मंदिर में मुख्य शिवलिंग के साथ ही चारों दिशाओं में ख्7 की संख्या में क्08 लिंग स्थापित हैं। संस्थापक जगमोहन सिंह ने बताया कि शिवरात्रि के मौके पर समूचे मंदिर को गेंदाफूल से सजाकर परिसर स्थित तालाब के फव्वारे को ठीक कराया लिया गया है। ख्भ् पंडित पूजन व दर्शन और क्भ्0 वॉलंटियर्स संग प्रशासन के लोग सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगें। थर्सडे रात क्ख् बजे महाभिषेक और महाआरती होगी। जो दिन भर में 8 बार की जाएगी। क्008 दीपों से दीपदान किया जाएगा। दोपहर में शिव के प्रतीकात्मक रूप को नौका विहार कराया जाएगा। वहीं आयोजित रूद्र महायज्ञ फ्राइडे को समाप्त होने के बाद लंगर भोग वितरित होगा।
मढ़ीनाथ
फूलों की लडि़यों को समेटकर माला बनाते लोग, मंदिर की पुताई और साफ सफाई में जुटे कर्मचारी, गश्त करती पुलिसवेडनसडे को कुछ ऐसा ही नजारा रहा मढ़ीनाथ शिवालय का। महंत धर्मेद्र गिरी ने बताया कि सुबह तीन बजे महाआरती से शिवपूजन शुरू होगा। शाम को मंदिर परिसर में दीपदान होगा। मंदिर में पुलिस और वॉलंटियर्स रहेंगे। इसके साथ ही सीसीटीवी भी लगा जाएगा। जितने भी कन्दमूल फल चढ़ाए जाएंगे, उन्हें भक्तों में वितरित किया जाएगा।
अलखनाथ
सिटी के प्राचीनतम मंदिर अलखनाथ में जबरदस्त डेकोरेशन की गई है। बाबा बालक गिरी ने बताया कि रात बारह बजे महाआरती होगी। सुबह दो बजे भगवान विष्णु की पूजा के बाद अलखनाथ बाबा की आरती के बाद हलवे का भोग वितरित हेागा। उसके बाद भक्तों का शिव दर्शन शुरू होगा। बैरीकेडिंग की अरेंजमेंट नहीं होगा। कांवर वालों के लिए अलग से व्यवस्था होगी। भक्तों में वितरित करने के लिए फ्0 क्विंटल अलग-अलग फलों को लाया गया है। साथ ही दिनभर भांग, चिलम और ठंडाई का भोग चलेगा। मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए कछला, गढ़गंगा, हरिद्वार से गंगा जल लाया गया है। रात बारह बजे महाआरती के बाद कपाट बंद किए जाएंगें।
त्रिवटीनाथ
पुजारी मनोज मिश्रा ने बताया कि क्ब्7ब् में बनाए गए इस मंदिर की मान्यता है कि स्थापित लिंग स्वयंभू है, जो तीन वटवृक्षों के नीचे प्रकट हुआ था। इसलिए इसे त्रिवटीनाथ नाम से पुकारते हैं। समूचे मंदिर को फूलों और झालरों से सजाया गया है। वृंदावन से सभी देवी देवताओं के वस्त्र मंगाए गए हैं, जिन्हें शिवरात्रि के दिन धारण कराया जाएगा। सुबह चार बजे महाभिषेक और महाआरती होगी। दिन भर ठंडाई का भोग वितरित किया जाएगा। क्ख् लोग भक्तों के पूजन दर्शन का अरेजमेंट करेंगें। शाम सात बजे आरती होगी। फिर रात क्ख् बजे महाभिषेक के बाद मंदिर के कपाट बंद किए जाऐंगें। लेडीज और जेंट्स की अलग लाइन होगी।
डिफरेंट प्रोग्राम भी होंगे ऑर्गनाइज
महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर जिला समारोह समिति, ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन और उप्र कौमी एकता एसोसिएशन की ओर से भक्तिरस काव्यपाठ प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया गया। इस मौके पर अनिल श्रीवास्तव, जेसी पालीवाल, रितेश कुमार साहनी व अन्य लोग मौजूद रहे। वहीं शिवरात्रि पर श्री नाथ नगरी सेवा समिति सुबह क्क् बजे बाइक्स से सिटी के सभी शिवालयों की परिक्रमा करेगा। इसके अलावा सिंधी सेंट्रल पंचायत झूलेलाल ट्रस्ट व युवा सिंधी समाज की ओर से झूलेलाल मंदिर में सुबह हवन, साई की ज्योति प्रज्ज्वलन, भंडारा व अन्य कल्चरल प्रोग्राम के साथ शिवरात्रि मनाएगा।
मंदिरों में ये कार्य हैं वर्जित
- प्लास्टिक की थैली से जल न चढ़ाएं।
- शिवलिंग के पास ही जल चढ़ाएं।
- शिवालय में ज्यादा देर न ठहरें
- धूम्रपान व गुटका आदि का सेवन न करें।
- किसी प्रकार का अभद्र व्यवहार न करें।
- पुजारी कर्मचारी और दर्शनार्थी सभी का सहयोग करें।