फाइल रिजेक्ट की बात कहकर हड़प लेते थे रकम

करीब डेढ़ सौ लोगों की फाइलें कर चुके थे रिजेक्ट

>

BAREILLY: सिविल लाइंस में चलने वाली कंपनी का नेटवर्क काफी बड़ा था। कंपनी प्रोसेसिंग और सर्विस फीस के नाम पर करोड़ों रुपये हड़प चुकी थी। अभी तक डेढ़ सौ लोगों की फाइल तैयार की गई थी लेकिन ज्यादातर की फाइल रिजेक्ट होने की बात कहकर पैसे हड़प लिए जाते थे। इस मामले में संगठन और पुलिस के लोग भी आरोपियों को छुड़ाने की सिफारिश में लगे हुए थे। पुलिस रैकेट में शामिल अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है। बता दें कि पुलिस ने आरोपियों को ट्यूजडे को सेटेलाइट के पास से गिरफ्तार किया था। जब उनसे पूछताछ की गई तो करोड़ों रुपए ऐठने का मामला सामने आया।

बड़े लोगों बना रखी थी पहचान

एसएफसी कंपनी का डायरेक्टर विविध कुमार सिंह काफी शातिर है। वह लंबे समय से ठगी का धंधा कर रहा है। पीलीभीत में दो एफआईआर दर्ज होने के बाद उसने अपना ठिकाना बरेली बना लिया था। यहां करीब एक साल से होटल के पास कंपनी चला रहा था। कंपनी में उसने कम ऐज के लड़के और लड़कियों का स्टाफ रखा हुआ था। ऐसा इस लिया किया, ताकि लोगों को लगे कि कंपनी सही है। यही नहीं कंपनी का ऑफिस भी काफी अच्छा बना रखा था। कोई कंपनी में हाथ न डाले इसके लिए उसने पुलिसकर्मियों और एक संगठन से भी जान पहचान बना रखी थी। छोटी-मोटी शिकायत आने पर वह मामले को रफादफा करा देता था।

सेंट्रल एड दिया जाता था

कंपनी में सिटी के बाहर लोगों को जोड़ने के लिए सेंट्रल एड न्यूज पेपर में दिया जाता था। इसके जरिए यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तराखंड के जरूरत मंद लोग लोन के लिए फोन करते थे। फिर उन लोगों से फाइल चार्ज, प्रोसेसिंग फीस, और सर्विस चार्ज के नाम पर दो से तीन लाख रुपये तक जमा करा लिए जाते थे। लोन की रकम के हिसाब से ही सारे चार्ज लिए जाते थे। उसके बाद फाइल रिजेक्ट की बात कहकर हड़प लिया जाता था।

फ् लाख रुपये तक लेते थे चार्ज

अभी तक जांच में क्ब्0 लोगों की फाइल रिजेक्ट होने की बात सामने आयी है। क्राइम ब्रांच में एक टोकरी भर के डॉक्यूमेंट भी जब्त किये हैं। यदि एक लोन पर चार्ज की रकम एवरेज फ् लाख रुपये भी लगायी जाए तो करीब ब् से भ् करोड़ रुपये तक लोगों से ठग चुके हैं। इसके अलावा भी कई और फाइलों के बनाने की बात सामने आयी है। ऐसे में साफ है कि कंपनी करोड़ों रुपये हड़प चुकी होगी।

छोड़ने के लिए की गइर् सिफारिश

जैसे ही क्राइम ब्रांच ने डायरेक्टर और दो साथियों को पकड़ा तो उन्हें छुड़वाने के लिए सिफारिशें शुरू हो गई। कंपनी के डायरेक्टर के साथ उठने वाले पुलिसकर्मी ने क्राइम ब्रांच को समझौता कराने तक की बात कही लेकिन क्राइम ब्रांच ने उन्हें आईजी और एसएसपी का हवाला देते हुए जमकर फटकार लगायी। यही नहीं प्रेम प्रकाश एक संगठन से जुड़ा हुआ था। संगठन के मुखिया भी उसे छुड़ाने के लिए एसपी क्राइम से भी मिलने पहुंचे, लेकिन बात नहीं बन सकी।

ख्--------------------

गिरफ्तारी न होने एसएसपी से शिकायत

वेडनसडे एसएसपी ऑफिस में नेटवर्किंग कंपनी के ठगों की कोर्ट के आदेश के बावजूद गिरफ्तारी न होने पर एसएसपी से शिकायत की गई। बारादरी निवासी सूरजपाल, रामचंद्र समेत कई लोगों का आरोप है कि कंपनी ने उनसे रकम दोगुनी करने के नाम पर ठगी की थी। कंपनी ने करीब 90 हजार लोगों के ब्0 करोड़ हड़प लिए थे। इस मामले में प्रेमनगर व इज्जतनगर में ख्0क्ख् में मुकदमें भी दर्ज किए गए थे।