सेक्शुअल पावर बूस्ट के लिए धड़ल्ले से हो रहा वियाग्रा दवाओं का यूज

बिना डॉक्टरी कंसल्ट दवाओं के यूज से सेक्स लाइफ पर पड़ रहा बुरा असर

इंटरनेट, पॉर्न और भ्रामक एड ने बढ़ाई मुश्किलें, युवाओं में बढ़ी दिक्कतें

BAREILLY:

प्यार के रिश्तों में गर्माहट लाने और दूरियां मिटाने में कारगर मानी जाने वाली 'अचूक दवाओं' पर आंख बंद कर भरोसा करना बड़ी चूक साबित हो सकती है। दरअसल सेक्शुअल ताकत बढ़ाने का दावा करने वाली वियाग्रा (सिडनाफिल) और इस जैसी अन्य पॉवर बूस्टर दवाओं का बेतहाशा इस्तेमाल करना बरेली के कई शौकीनों पर भारी पड़ गया है। लगातार ऐसी 'जोशीली' दवाएं खाकर बेदम और खोखले होने की हालत ने शौकीनों के होश उड़ा दिए हैं। बिना डॉक्टरी कंसल्ट के सीधे मेडिकल स्टोर से इन दवाओं की रेगुलर खरीद और यूज का शौक कइयों को इंफर्टिलिटी और इंपोटेंसी (नपुसंकता) की कगार तक ले आया है।

चाहत, डर और भ्रम बनी वजह

वियाग्रा या इसी की तर्ज पर सेक्शुअल पॉवर बढ़ाने वाली दवाओं की खपत बीते कुछ वर्षो में बरेली में बेहद बढ़ गई है। इसके लिए पॉर्नोग्राफी व वल्गर कटेंट, पार्टनर को संतुष्ट न कर पाने की आशंका और दवाओं से अनूठा अनुभव हासिल होने की धारणा बड़ी वजह है। चाहत, डर और भ्रम में फंसकर ही ज्यादातर लोग बिना सोचे समझे या डॉक्टर्स की सलाह के बेतहाशा इन दवाओं का इस्तेमाल कर रहे। एक्सपर्ट का कहना है कि खुद में भरोसे की कमी और पॉर्न कंटेट से असल तजुर्बे की तुलना ने भी इन दवाओं की खरीद में बढ़ोतरी कर दी है।

पांच साल में ब् गुना बढ़े केस

शहर के सेक्सोलॉजिस्ट डॉ। संजीव कुमार ने बताया कि बीते कुछ वर्षो में पॉवर बूस्टर दवाओं के लगातार इस्तेमाल से सेक्शुअली 'बीमार' पड़ने वाले केसेज में जबरदस्त इजाफा हुआ है। बीते पांच साल में ही ऐसे केसेज में ब्-भ् गुना बढ़ोतरी हो गई है। एक्सपर्ट के मुताबिक पांच साल पहले तक सेक्शुअल प्रॉब्लम से परेशान रोजाना ख्-फ् केसेज ही औसतन देखने को मिलते थे। लेकिन अब यह आंकड़ा डेली क्0-क्ख् तक पहुंच गया है। इसमें सबसे ज्यादा भ्0 फीसदी तादाद ख्भ्-भ्0 साल एजग्रुप के लोगों की है। वहीं कुल मामलों का एक तिहाई हिस्सा उन युवाओं का है, जिनकी उम्र ख्भ् साल से कम है।

'डॉ। गूगल' ने बिगाड़ी सेहत

ताकत बढ़ाने वाली दवाओं के एड के झांसे में आकर अपनी नेचुरल ताकत भी गवां देने वालों की इस हालत का जिम्मेदार डॉ। गूगल भी हैं। डॉ। गूगल यानि इंटरनेट का बढ़ता प्रभाव और इस पर आसानी से हर तरह की जानकारी और कंटेट मिलने की सुविधा ने सेक्शुअल प्रॉब्लम्स के शिकार लोगों की तादाद बढ़ा दी। इंटरनेट पर ताकत बढ़ाने वाली दवाओं की जानकारी लेकर, इसे मेडिकल स्टोर से सीधे बिना डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन के खरीदने की सुविधा ही आगे चलकर मुसीबत बन रही। वहीं इंटरनेट पर आसानी से मुहैया पॉर्न ने भी ऐसी दवाओं के यूज की ललक लोगों खासकर युवाओं में बढ़ाई।

आगाज फायदेमंद, अंजाम जानलेवा भी

मेडिकल स्टोर पर आसानी से अलग अलग ब्रांड व नाम से अवेलबल इन दवाओं के शुरुआती रिजल्ट तो बड़े ही फायदेमंद और चौंकाने वाले नजर आते हैं। लेकिन समय बीतने के साथ ही इन दवाओं का अंजाम बेहद खतरनाक रूप में सामने आ रहा है। समय बीतने के साथ ही इन दवाओं की रेगुलर डोज में असर न होने पर शौकीन इसकी डोज बढ़ा देते हैं। इन दवाओं के इस्तेमाल से आदमी के ब्रेन, दिल और प्राइवेट पार्ट पर सीधा असर पड़ता है। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है, जिससे दिल पर ज्यादा खून पंप करने का दबाव भी बढ़ता है। ओवरडोज होने से इंसान का ब्रेन हैमरेज और हार्ट अटैक जैसी स्थिति का खतरा बढ़ जाता है। वहीं दवाओं का रेगुलर यूज हॉर्मोस को हमेशा के लिए सप्रेस्ड कर इंपोटेंसी व इनफर्टिलिटी की बड़ी वजह बन रहे।

पॉवरफुल दवाओं के साइड इफेक्ट्स

क्- इरेक्टाइल की प्रॉब्लम होना

ख्- सेक्शुअल डिजायर खत्म होना

फ्- प्री मेच्योर इजैकुलेशन

ब्- इंफर्टिलिटी

भ्- इंपोटेंसी

म्- ब्रेन हैमरेज व हार्ट अटैक का खतरा

7- बार बार के यूज से लीवर में सूजन

8- महिलाओं में यूट्रस के कैंसर का खतरा

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बिना एक्सपर्ट की सलाह के मेडिकल स्टोर से इन दवाओं की खरीद और यूज से परहेज करें। इंटरनेट की जानकारी का दुरुपयोग न करें। किसी तरह के भ्रम या डर के चलते इन दवाओं का यूज बाद में बेहद खतरनाक है। इससे हॉर्मोस सप्रेस्ड होते हैं और नेचुरल सेक्शुअल पॉवर हमेशा के लिए डैमेज हो रहे हैं। - डॉ। संजीव कुमार, सेक्सोलॉजिस्ट