सबसे अधिक हथियार कोतवाली इलाके में

हथियार रखने का लाइसेंस लेने वालों में सिटी के लोगों की संख्या काफी अधिक है। सबसे ज्यादा लाइसेंसी हथियार कोतवाली एरिया में 3877 हैं। दूसरे नंबर पर बारादरी थाना में 1544 हैं जबकि सबसे कम लाइसेंस 266 सीबीगंज में रहने वालों के पास हैं।

इनमें सिंगल, डबल बोर बंदूक के साथ-साथ पिस्टल व रिवॉल्वर की संख्या अधिक है। सिटी में ही लोगों के पास 2200 रिवॉल्वर व पिस्टल के लाइसेंस हैं।

Stylish पिस्टल ने बनाई जगह

एक जमाना था जब लाइसेंस मिलने के बाद लोग दो या फिर एक नाल वाली बंदूक रखना ज्यादा पसंद करते थे। धीरे-धीरे इसकी जगह रायफल ने ली ली। अब लोग पिस्टल व रिवॉल्वर रखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। सिटी में पिस्टल व रिवॉल्वर की डिमांड अब ज्यादा बढ़ गई है।

Rural area में राइफल की डिमांड

बरेली में स्टेशन रोड पर कई गन हाउस हैं। गन हाउस ओनर्स की मानें तो बंदूकों की डिमांड बिल्कुल ही बंद हो गई है। अब तो लोग राइफल, रिवॉल्वर व पिस्टल की डिमांड ज्यादा कर रहे हैं। राइफल की डिमांड करने वालों में रूरल एरिया में रहने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। रिवॉल्वर रखने वालों में नेता, प्रॉपर्टी डीलर व बिजनेसमैन ज्यादा हैं। तीन लाख की रेंज की रिवॉल्वर व पिस्टल यहीं से मिल जाती हैं। नई स्टाइल व इंग्लिश पिस्टल के लिए लोग खुद ही कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री व मेरठ के मार्केट में डिमांड करते हैं।

Facts file

46011:    कुल लाइसेंसी हथियारों की संख्या अप्रैल 2012 तक बरेली में

10859:      हथियार लाइसेंस सिटी के  नौ थाना क्षेत्रों में

 9162:         लोग लाइसेंस के लिए  फिलहाल लाइन में

270 :          नए लाइसेंस दिए गए

सिटी के थाना वाइज लाइसेंसी हथियारों की संख्या

कोतवाली    3877

किला        1238

बारादरी      1542

कैंट          1083

इज्जत नगर    936

प्रेमनगर        799

सुभाष नगर    694

सीबीगंज        266

बिथरी चैनपुर    605

सिटी में गन की कैटेगरी वाइज हथियारों की संख्या

एसबीबीएल गन    3077

डीबीबीएल गन     3841

एसबीएमएल गन    146

डीबीएमएल गन    118

राइफल               1444

रिवाल्वर व पिस्टल    2200

Application का हो रहा verification

पुराने वारिसों के लाइसेंस के ट्रांसफर व रिन्यूवल का काम चल रहा है। काफी आवेदन पेंडिंग पड़े हैं। उनके वेरीफिकेशन का काम किया जा रहा है। नए आवेदन जरूरतमंद लोगों के ही स्वीकार किए जा रहे हैं। सिक्योरिटी परपज के नाम पर ही लोग अप्लाई करते हैं। जांच के बाद ही लाइसेंस जारी किया जाता है।

-शीलधर सिंह यादव, सिटी मजिस्ट्रेट, बरेली