1 अप्रैल से शुरू हो चुका है नया सेशन, लेकिन प्राइमरी और इंटर कॉलेजों में नहीं चल रही क्लासेज
प्राइमरी स्कूलों के बच्चें किताबें न मिलने से गायब, जबकि इंटर कॉलेजों के टीचर्स मूल्यांकन के चलते नदारद
<क् अप्रैल से शुरू हो चुका है नया सेशन, लेकिन प्राइमरी और इंटर कॉलेजों में नहीं चल रही क्लासेज
प्राइमरी स्कूलों के बच्चें किताबें न मिलने से गायब, जबकि इंटर कॉलेजों के टीचर्स मूल्यांकन के चलते नदारद
BAREILLY:
BAREILLY:
प्रदेश में गिरते शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के लिए शासन ने कई कदम उठाए लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली। शासन ने इस बार सेशन क् अप्रैल से शुरू कर शेडयूल और क्वालिटी लेवल पर उठाने की कोशिश की। फिर भी नतीजा सिफर ही नजर आ रहा है। नया सेशन शुरू हुए छह दिन गुजर गए हैं लेकिन प्राइमरी और सीनियर सेकेंड्री स्कूलों की क्लासेज सूनी पड़ी हैं। क्या है इसकी वजह आइए बताते हैं।
बच्चे हैं बेखबर
क् अप्रैल को सेशन शुरू हो गया इसके बावजूद पढ़ाई अभी तक शुरू नहीं हुई है। वजह बच्चे स्कूल आ नहीं रहे हैं। प्राइमरी स्कूल गंगापुर-ख्, प्राइमरी स्कूल कालीबाड़ी-ख्, शहदाना, जूनियर हाईस्कूल वीरभट्टी और जूनियर हाईस्कूल करघट, प्राइमरी स्कूल-सूफीटोला में स्थिति चेक की गई तो रजिस्टर्ड संख्या के मात्र क्0 प्रतिशत बच्चे ही स्कूल में मिले। टीचर्स का कहना है कि ज्यादातर बच्चों को पता ही नहीं है कि सेशन अप्रैल से ही शुरू हो गया है।
बिन किताब कैसे हो पढ़ाई
सिर्फ यही वजह नहीं है कि बच्चों को पता ही नहीं है कि सेशन शुरू हो गया है। दरअसल बच्चों के पास किताबें भी नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग नए सेशन के लिए किताबे प्रिंट नहीं करा पाया, जिसका सीधा सा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। हालांकि किताबों के लिए विभाग ने यह व्यवस्था की थी कि पुराने बच्चों की किताबें नए सेशन के बच्चों को मुहैया कराई जाएगी लेकिन ज्यादातर स्कूल्स ये व्यवस्था भी नहीं कर सके। प्राइमरी स्कूल सूफीटोला के हेडमास्टर बताया कि बच्चे एक साल के अंदर ही अपनी कॉपी किताबे फाड़ देते हैं। ऐसे में बहुत कम बच्चों से ही किताबें कैसे वापस ली जाए।
टीचर्स भी हैं गायब
प्राइमरी स्कूलों में जहां बच्चे गायब हैं, वही सीनियर सेकेंड्री स्कूलों का हाल एक दम उल्टा है। यहां स्कूलों से टीचर ही गायब हैं, ऐसे में नया सेशन की पढ़ाई कैसे शुरू हो। शहर के अमूमन गवर्नमेंट, एडेड और प्राइवेट हाईस्कूल और इंटर कॉलेजेज में क्लासेज नहीं चल रही हैं। स्कूलों में नये सेशन के नाम पर बस एडमिशन प्रोसेस ही चल रहा है। कई स्कूल तो ऐसे हैं जहां क्लासेस तो दूर जो स्टूडेंट्स न्यू एडमिशन के लिए पहुंच रहे हैं, उन्हें भी भटकना पड़ रहा है। कई स्कूलों में सिर्फ एक क्लर्क के जरिए एडमिशन फार्म बांटने काम चल रहा है।
एडमिशन और मूल्यांकन की भेंट
स्कूल न खुलने को लेकर कई स्कूलों के प्रिंसिपल्स ने अपने कारण गिनाए, नाम न पब्लिश करने की शर्त पर प्रिंसिपल्स का कहना है कि विभाग की गलती की सजा स्टूडेंट्स भुगतेंगे। मूल्यांकन काम और नया सेशन एक साथ शुरू होने से ऐसा हो रहा है। मूल्यांकन ख्0 अप्रैल से पहले खत्म नहीं होगा, और अप्रैल भर सिर्फ नए एडमिशन ही हो सकेंगे। इसके बाद मई के ख्0 दिन भी बमुश्किल पढ़ाई हो पाएगी। ऐसे में जुलाई से ही हर साल की तरह विधिवत स्कूल खुल सकेंगे।
मैं अब चौथी क्लास में आ गई हूं, मैडम ने नई क्लास के लिए पुरानी किताब पढ़ने को दी हैं। लेकिन इसके शुरू के पन्ने फटे हैं, अब हम पहला लेसन कैसे पढ़े।
- रूबी, स्टूडेंट
हमारे यहां ख्क् टीचर्स का स्टाफ है, और सभी की ड्यूटी मूल्यांकन में लगी हुई है, ऐसे में हम क्लासेज कैसे चलाएं।
- बीना अग्रवाल, प्रभारी प्रिंसिपल-साहू गोपीनाथ इंटर कॉलेज