'स्मार्ट स्टडी से स्माइल करेगा 'स्कोरकार्ड'---फ्रंट पेज
BAREILLY: बोर्ड एग्जाम की फीवर स्टूडेंट्स पर हावी होने लगा है। हो भी क्यों ना सीबीएसई और यूपी बोर्ड के एग्जाम्स का काउंटडॉउन जो स्टार्ट हो चुका है। असल में स्टडी तो हर स्टूडेंट करता है लेकिन जिसकी तैयारी स्मार्ट होती है, स्कोर वही करता है.् इसी को ध्यान में रखते हुए इंटरमीडियट के स्टूडेंट्स के लिए आई नेक्स्ट ने 'स्कोर मंत्र' तैयार किया है। इसमें सब्जेक्ट एक्सपर्ट स्टूडेंट्स को देंगे 'मंत्र'।
अब सोचने नहीं करने का टाइम है, बी केयर फुल----इनसाइड
इंग्लिश- सीबीएसई
बस रहें अलर्ट, खुश कर देगा स्कोर कार्ड
यूं तो इंग्लिश हमेशा से ही बाकी सब्जेक्ट्स के मुकाबले थोड़ा कम स्कोरिंग मार्क्स वाला सब्जेक्ट माना जाता रहा है। लेकिन कुछ ऐसे हिस्से हैं जिन पर ध्यान दिया जाए तो स्टूडेंट्स बेहतर परफॉर्म कर अपना ओवरऑल परर्सेटेज बढ़ा सकते हैं। इंग्लिश में खासकर कॉम्परिहेंसन, एडवांस राइटिंग स्किल्स और लिट्रेरी के पार्ट होते हैं। इनमें से कॉम्परिहेंसन और एडवांस राइटिंग स्किल्स सबसे ज्यादा स्कोरिंग वाले पार्ट्स माने जाते हैं। एडवांस राइटिंग स्किल्स ब्भ् का मार्क्स होता है। इसमें ग्रामर, लेटर्स, फैक्चुअल डिस्क्रिप्शन और नोटिस डिजाइनिंग जैसे पार्ट्स इंक्ल्यूड हैं। इनमें कुछ टेक्निकल बातें ध्यान में रखें तो ज्यादा मार्क्स स्कोर कर सकते हैं।
बॉक्स फार्मेट में डिजाइन करें
एडवरटाइजिंग, नोटिस, इनविटेशन, मैरिज कार्ड या फिर किसी नोटिस का रिप्लाई डिजाइन करन वाले क्वेश्चंस के ब् मार्क्स मिलते हैं। इसकी डिजाइनिंग बॉक्स फॉर्म में जरूर करें। पूरे डिजाइन को प्लान आउट कर लें। जैसे टाइटल, एड्रेस, डेट, टाइम जो भी मैटर के डिजाइन के लिए जरूरी हेडिंग्स व सबहेडिंग्स हैं उसको उनके सही फॉर्मेट में लिखना चाहिए.हां, पहले डिजाइन का उद्देश्य जरूर क्लियर कर लें। जैसे वह किस लिए और किसको लिखा जाना है। उसके अनुसार मैटर को क्लियर, शॉर्ट और टू दी प्वाइंट लिखना चाहिए। फैक्चुअल डिस्क्रिप्शन वाले क्वेश्चन में जो भी रिपोर्टिग लिखनी है,उसे सीधे और सरल शब्दों में घटनाक्रम के अनुसार ही लिखें। लेटर्स वाले क्वेश्चन क्0 मार्क्स के होते हैं। इसमें बिजनेस, लेटर टू एडिटर, एप्लीकेशन समेत कई फॉर्म में से किसी एक लेटर को लिखने को पूछा जा सकता है। इसमें भी लेटर लिखने का उद्देश्य तय करें और उसे सीधे और अपीलिंग शब्दाें में बिना लाग-लपेट के लिखें। पहले उसका फॉर्मेट जैसे एड्रेस, सब्जेक्ट, संबोधन और एंड करने के तरीके को उसी फॉर्म में लिखें।
प्वांट्स लिखें, नंबरिंग से बचें
मेन बॉडी को प्वाइंट्स के हिसाब से लिखें, पर नंबरिंग ना दें। अनसीन पैसेज 8 और क्ख् मार्क्स के आते हैं। इसे हल करने से पहले क्वेश्चंस जरूर समझ लें। उसके बाद पैसेज पढ़ेंगे तो आंसर खुद मिल जाएंगे। जैसा पैसेज में दिया है उसे वैसे ही आंसरशीट पर उतारें। लिट्रेरी के दो मेन पार्ट हैं। एक पार्ट में फ्लेमिंगों और विस्टास बुक्स में से फ्0 मार्क्स के क्वेश्चंस पूछे जाते हैं। दूसरा पार्ट नॉवेल का है जो पहली बार इंट्रोड्यूस किया गया है। यह क्भ् मार्क्स है। लिट्रेरी पार्ट में मार्क्स स्कोर करने के लिए बुक्स के लेशन के क्वेश्चंस पहले ही अच्छी तरह सॉल्व कर लें। साथ ही उन लेशन की समरी अच्छी तरह समझ लें। इसके बाद किसी भी क्वेश्चंस में कोई डिफिकल्टी नहीं आएगी। आंसर लिखते समय मेन प्वाइंट्स को हाईलाइट जरूर करें। ताकि एग्जामनर को एक नजर में सही फैक्ट्स नजर आ जाएं। वर्ल्ड लिमिट के अंदर ही मैटर समाप्त करें तो स्कोर करेंगे।
- राजीव ढींगरा, इंग्लिश टीचा, आल्मा मातेर
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इंग्लिश
यूपीबोर्ड
ग्रामर में वर्ड बैंक, लिट्रेरी में समरी अहम
यूपी बोर्ड में इंग्लिश सब्जेक्ट के दो पार्ट होते हैं। दोनों ही पार्ट भ्0-भ्0 मार्क्स के होते हैं। पार्ट फर्स्ट लिट्रेरी पोर्शन होता है। इसमें प्रोज, पोयट्री, ड्रामा, शॉर्ट राइटिंग जैसे हिस्से होते हैं। पार्ट सेकेंड ग्रामर का होता है। ग्रामर में प्रैक्टिस और वर्ड बैंक सबसे महत्वपूर्ण होता है। जबकि लिट्रेरी पार्ट में समरी और लिखने व समझाने की सरल कला ज्यादा मार्क्स दिलाती है। जो भी लिखें उनके मेन प्वाइंट्स को हाईलाइट जरूर करें। खासरक कोटेशंस को। इससे एग्जामिनर को समझ में आता है कि स्टूडेंट्स ने समरी को अच्छे से पढ़ रखा है।
हमेशा अपनी ही भाषा में टू दी प्वाइंट लिखें
प्रोज और पोयट्री में ब् और म् मार्क्स के दो क्वेश्चंस पूछे जाते हैं। सेंट्रल आइडिया हमेशा अपनी ही भाषा में टू दी प्वाइंट लिखें। उसके अर्थ से ना भटकें। लॉन्ग क्वेश्चंस को क्भ्0 शब्दों में सरलता से एक्सप्रेस करें। इसमें कोटेशन के साथ इंप्रेसिव भाषा का प्रयोग करें। मेन प्वाइंट को अंडरलाइन जरूर करें। ड्रामा पोर्शन में भी दो तरह के क्वेश्चंस पूछे जाते हैं। ड्रामा में स्कोर करने के लिए कैरेक्टर, उनके रोल और ड्रामा की थीम जरूर याद रखें। इससे किसी भी तरह के क्वेश्चंस का जवाब दे सकते हैं। ड्रामा के आंसर लिखते समय कैरेक्टर, उसका क्वोट और मेन प्वाइंट को हाईलाइट जरूर करें। इंग्लिश पार्ट सेकेंड में एसे राइटिंग क्0 मार्क्स का होता है। किसी भी टॉपिक पर एसे लिखते समय विषय वस्तु जरूर ध्यान में रखें। इंट्रो और कंक्लूजन में किसी व्यक्ति का कोटेशन लिखें तो सबसे ज्यादा प्रभावी होगा। यह म्0 वर्ल्ड से ज्यादा का ना हो। वहीं मिडल पार्ट को सिंपल लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हुए लॉजिकल लिखें। अनसीन पैसेज और प्रेसिज राइटिंग को हमेशा अपने शब्दों में ही लिखना चाहिए। क्वेश्चंस पढ़ने के बाद ही अनसीन पैसेज को पढ़ें। खासकर हाईलाइट वाले लाइन को ध्यान से पढ़कर उसका भाव समझना चाहिए।
फॉर्मेट के सभी रूल्स को उसी फॉर्म
लेटर राइटिंग में फॉर्मेट के सभी रूल्स को उसी फॉर्म में ही लिखें। जबकि मेन बॉडी में केवल उद्देश्य को अपीलिंग भाषा में व्यक्त करें। ज्यादा लंबी बॉडी ना लिखें। ग्रामर पार्ट में इनडायरेक्ट स्पीच, सिंटेक्स समेत ट्रांसलेशन का पोर्शन होता है। इसके लिए ग्रामर के रूल्स के इतर ना जाएं। इसलिए जरूरी है कि इन सभी रूल्स को प्रैक्टिस के माध्यम से ही याद किया जाए। इसके लिए पिछले कई वर्षो के क्वेश्चंन पेपर ज्यादा कारगर सिद्ध होते हैं।
- आरसी शर्मा, टीजीटी इंग्लिश, जय नारायण स्कूल