साइंस स्ट्रीम के पेपर्स में एजुकेशन माफिया ज्यादा एक्टिव, पिछले पेपर्स में सामने आयी कई बड़ी घटनाएं
आज बायोलॉजी का पेपर कराना होगा विभाग के लिए चुनौती, होली अवकाश के चलते हो सकती है इंविजिलेटर्स की भारी कमी
BAREILLY:
साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम के पेपर्स के दौरान नकल माफिया ज्यादा सक्रिय रहते है। पिछले दिनों हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के साइंस स्ट्रीम के जितने भी पेपर्स हुए है, उनमें सबसे ज्यादा नकल के केसेस सामने आये हैं। ऐसे में आज इंटरमीडिएट के बायोलॉजी-फर्स्ट पेपर से नकल माफियों को दूर रखना विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती होगा। सेंटर्स पर सिक्योरिटी के पुख्ता इंतजाम भी विभाग को सिरदर्द देंगे, क्योंकि होली का त्योहार होने से सभी टीचर्स अवकाश पर अपने घर गए हुए हैं। ऐसे में एग्जाम के दौरान इंविजिलेटर्स की भारी कमी परेशानियां खड़ी कर सकती है। हालांकि फर्स्ट मॉर्निग में हाईस्कूल में मानव विज्ञान का पेपर होने सेंटर्स पर ज्यादा भीड़ नही होगी। लेकिन बारिश की संभावना विभाग और सेंटर्स की परेशानी बढ़ा सकती हैं।
निशाने पर टफ एग्जाम
पिछले दिनों साइंस स्ट्रीम के एग्जाम्स पर निगाह डालें तो सबसे ज्यादा नकल की घटनाएं इन्हीं पेपर्स में हुई। ख्फ् जनवरी को हाईस्कूल के साइंस के पेपर में सबसे ज्यादा नकल की घटनाएं सामने आयी। हद तो तब हो गई जब इस पेपर के दौरान एमजीएम इंटर कॉलेज-बहेड़ी से एक छात्र क्वेश्चन पेपर और आंसर शीट लेकर घट भाग गया। इंटरमीडिएट के फिजिक्स के पेपर के दौरान नकल माफिया व सेंटर सुप्रिटेंडेंट की सांठगांठ से बाहर से कॉपियां लिखवाने का मामला सामने आया। विभाग ने इसके बाद मुस्तैदी बढ़ाने की बात कही। लेकिन केमेस्ट्री का पेपर आते-आते ये हालात और बदतर हो गए। आंवला के गौरी शंकर इंटर कॉलेज में पेपर लीक कर उसकी फोटो कॉपी बनाकर दो हजार रुपये में बेचने का मामला सामने आया। तो कुल मिलाकर टफ पेपर्स एजुकेशन माफिया के निशाने पर होते है, इनमें सेंध मारकर माफिया अपनी चांदी करने से बाज नही आने वाले। अब विभाग इस पर नकेल कसने में कितना सफल होता है, उसका पता तो पेपर खत्म होने के बाद ही लग सकेगा।