- खुल गए सिटी के सभी स्कूल्स, पेरेंट्स के साथ पहुंचे बच्चे
- पेरेंट्स ने बच्चों को स्कूल में अच्छे से रहने की दी हिदायत
BAREILLY: करीब एक महीने से सूने पड़े सिटी के स्कूल्स के आंगन आखिरकार मासूमों की रौनक से खिलखिला उठे। ट्यूजडे का सिटी के सभी स्कूल ओपेन हो गए। लंबी छुट्टी के बाद बच्चे कंधों पर बस्ता लादे अपने पेरेंट्स के साथ स्कूल पहुंचे। बिशप कोनरॉड, सेंट मारिया, डीपीएस सहित सिटी के कई विभिन्न स्कूलों के गेट पर मेले जैसा माहौल नजर आ रहा था। फर्स्ट डे स्कूल की पि्रंसिपल और सिस्टर भी बच्चों के वेलकम के लिए स्कूल गेट पर नजर आई। वहीं खुशगवार मौसम ने भी बच्चों के मूड को डबल हैप्पी कर दिया। इसके अलावा लास्ट मोमेंट तक पेरेंट्स बच्चों को स्कूल में अच्छे से रहने की हिदायत देते नजर आए।
खुद ड्रॉप करना किया प्रिफर
ट्यूजडे को स्कूल का फर्स्ट डे होने की वजह से मैक्सिमम पैरेंट्स बच्चों को खुद स्कूल छोड़ने के लिए पहुंचे। वहीं सुबह-सुबह सिटी की सड़कों और कॉलोनीज में कुछ बच्चे स्कूली ऑटो और बस का वेट करते हुए भी नजर आए। स्कूल और बस स्टैंड पर जब फ्रेंड्स एक दूसरे से इतने दिन बाद मिले तो अपनी खुशी को गले मिलकर जाहिर किया। साथ ही घर से स्कूल तक के रास्ते में ही बच्चों ने आपस में अपने समर वैकेशंस में की गई मस्ती को भी शेयर किया।
बच्चों को मिली खूब नसीहत
स्कूल गेट पर बच्चों को ड्रॉप करते वक्त पेरेंट्स उनको काफी कुछ कहते हुए नजर आए। हर कोई अपने लाडले को कोई न कोई नसीहत कर रहा था। किसी ने कम शरारत करने की ताकीद की तो किसी पेरेंट्स ने झगड़ा न करने का ऑर्डर दिया। वहीं क्लास में ज्यादा बातें ना कर मन लगाकर पढ़ाई करने की भी नसीहतें बच्चों को पहले दिन मिलीं। मैक्सिमम पेरेंट्स को इसी बात का डर था कि कहीं उनका बच्चा गर्मी के दौरान की गई मस्ती को स्कूल टाइम में भी ना शुरू कर दे।
ताकि बच्चा दिखे स्मार्ट
फर्स्ट इंप्रेशन इज लास्ट इंप्रेशनजी हां पेरेंट्स इन्हीं लाइंस को फॉलो करते हुए लास्ट मोमेंट तक बच्चों के ड्रेस और हेयरस्टाइल को करेक्ट करते नजर आएं। शूज पर लगी गंदगी को पेरेंट्स स्कूल के गेट पर ही साफ करने लगे तो सॉक्स सही करना और बालों की कंघी भी वही शुरू हो गई। घर से रेडी होकर स्कूल आए बच्चों का पेरेंट्स स्कूल के बाहर रीड्रेस कर रहे थे। हर कोई चाहता था कि उनका लाडला क्लास में सबसे नीट-क्लीन और स्मार्ट दिखे।
उम्र छोटी लेकिन साथ बड़ा
एलकेजी और नर्सरी क्लास में पढ़ने वाले नन्हें मुन्हे का पेरेंट्स का खास ध्यान देना पड़ रहा था। स्कूल में फर्स्ट डे होने के चलते कुछ बच्चे रो रहे थे तो कुछ काफी नर्वस हो रहे थे। इन बच्चों को स्कूल के बाहर छोड़ते वक्त पेरेंट्स की आंख भी भर आ रही थी पर कुछ छोटे उस्तादों ने अपने फ्रेंड्स को स्कूल के अंदर तक ले जाने का जिम्मा उठाया। अपने फ्रेंड्स को चियर कर उन्हें हाथ पकड़कर क्लास रूम में इंट्री की और सबको अपनी मासूम फ्रेंडशिप से इंप्रेस कर दिया।
फर्स्ट डे होने से थोड़ी बहुत प्रॉब्लम्स होती हैं। बच्चों को लेकर टेंशन रहती है कि बच्चा स्कूल में कैसे रहेगा, स्कूल में कुछ शैतानी ना करे। रूटीन में शामिल होने के बाद उतनी प्रॉब्लम्स नहीं होती है।
-युनुस खान, पेरेंट
मैं मार्निग में लेट उठा हूं। सुबह उठने के बाद यह एहसास हुआ कि अलाइना को स्कूल भी छोड़ने जाना है। जल्दी-जल्दी रेडी होकर उसे स्कूल लेकर आया।
-अमित, पेरेंट
मैं सेंट मारिया में टीचर हूं। जबकि मेरा बेटा बिशप में पढ़ता है। ऐसे में थोड़ी बहुत दिक्कत होती है। बेटे को टाइम पर स्कूल छोड़ने के बाद खुद स्कूल टाइम पर पहुंचने का प्रेशर मुझ पर रहता है।
-इंदिरा, पेरेंट
बेटी को स्कूल जाने से पहले काफी कुछ सिखाया है। जैसे कम बातें करना, अच्छे से रहना, कोई शैतानी न करना। स्कूल का फर्स्ट डे होने से टेंशन लग रही है।
अंकिता गुप्ता, पेरेंट
मेरे दोनों बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ते है। बच्चों को समय से तैयार कर स्कूल छोड़ना लंबी छुट्टी के बाद थोड़ा अजीब सा लग रहा है, लेकिन रूटीन में शामिल होने के बाद सब ठीक जाएगा।
आरके गुप्ता, पैरेंट्स