(बरेली ब्यूरो)। कोविड संक्रमण कम होने के चलते एक बार फिर से 9वीं से 12वीं तक के स्कूल मंडे को ओपन कर दिए गए। जिससे सुबह को स्कूलों के बाहर रौनक दिखाई दी। स्कूल पहुंचे स्टूडेंट्स के चेहरों पर भी खुशी दिखी। वहीं स्कूलों ने भी कोविड गाइड लाइन को फॉलो करते हुए स्कूल में सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रखते हुए बच्चों की क्लास में एंट्री दी।

80 परसेंट रही उपस्थित
काफी दिनों बंद चल रहे स्कूल मंडे को ओपन हुए तो स्टूडेंट्स में स्कूल आने का उत्साह दिखाई दे रहा था। उपस्थित की बात करें तो स्कूल में 80 परसेंट स्टूडेंट्स उपस्थित रहे। इसके साथ ही प्रीबोर्ड एग्जाम के साथ अदर क्लासेस में शिक्षण कार्य किया गया.पढ़ाई को लेकर स्टूडेंट्स फिक्रमंद दिखे। स्टूडेंट़्स का कहना था कि अब अधिकांश स्टूडेंट्स को तो वैक्सीनेशन हो चुका है और अब स्कूल ओपन करना सरकार का फैसला ठीक है।


स्टूडेंट्स पढ़ाई को लेकर सख्त
पिछले दो सालों से बच्चों की शिक्षा में बहुत बड़ा फर्क पड़ा है। ऐसे में बच्चों ने भी बहुत बड़ी समस्या जताई है। स्कूल न खुलने की वजह से स्टडी में काफी नुकसान हुआ है। इसके साथ ही बताया कि पढऩे में तो वीक हुए हैं। इसके साथ ही लेखनी भी खराब हो रही।


एग्जाम के साथ लगी क्लासेज
प्री बोर्ड एग्जाम चल रहें हैं। जिसके चलते कुछ बच्चे एग्जाम में लगे हुए हैं। वहीं अगर एक तरफ एग्जाम चल रहें हैं वही दूसरी तरफ क्लासेज भी चल रहीं हैं। जिससे अन्य क्लासेज के बच्चों के स्टडी प्रभावित न हो। क्योंकि वहीं क्लास 10 व 12 के प्री बोर्ड एग्जाम चल रहें हैं। इन एग्जाम को लेकर कॉलेज भी अलर्ट है इसके साथ ही अन्य स्टूडेंट्स का ध्यान रखते हुए। 9 और 11 के क्लास लगाना जरुरी हो गया है। क्योंक पिछले दो सालों से ज्यादातर स्कूल बंद ही रहते हैं। जिसके चलते एग्जाम भी डिस्टर्व हो जाते थे।


थर्मल स्क्रीनिंग से एंट्री
सुबह को होने वाली स्कूलों में प्रेयर नहीं हुई। इसके अलावा सभी स्कूलों में थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही स्टूडेंट्स को एंट्री दी गई। स्कूल को सैनेटाइज भी कराया गया था। क्लासों में बच्चों को टीचर्स ने कोविड नियमों को भी समझाया, ताकि सभी बच्चे सभी नियमों का पालन करें। जिससे एक साथ पढऩे वाले सभी स्टूडेंट्स को कोई समस्या न हो।

वर्जन
स्कूल खुलने से एक दिन पहले ही सभी क्लासेज में सैनेटाइजेशन करा दिया गया था। इसके साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग भी कराई व सोशल डिस्टेंस का भी विशेष ध्यान रखा गया।
मोहम्मद खालिद, प्रिंसिपल पदमावती एकेडमी

बच्चों के स्कूल में एंट्री से पहले और जाने के बाद भी सैनेटाइजेशन कराया गया। जिसके बाद क्लास बंद कर दिए जाएंगे। अगले दिन बच्चों के आने के समय ही क्लास खोले जाएगें। जिससे किसी भी स्टूडेंट्स को कोई समस्या न हो।
डॉ। उर्मिला, प्रिंसिपल, सेक्रेट हार्टस

स्कूल में बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जिसमें सैनेटाइजेशन से लेकर मास्क का कंप्लसरी होना, सोशल डिस्टेंस का मेनटेन करना। जिसमें टीचर्स को भी स्टूडेंट्स को भी जागरुक करना होगा।
सौरभ अग्रवाल, निदेशक, माधवराव सिंधिया

इतने दिनों बाद स्कूल खुले हैं। तो बहुत अच्छा फील हो रहा है। क्योंकि घरों में बैठे-बैठे बोर हो चुके थे। अब जाकर स्कूल खुले तो ऐसा लग रहा है कि मानो सब कुछ मिल गया हो।
अतुल सिंह, स्टूडेंट जयनारायण स्कूल

ऑनलाइन स्टडी से कहीं ज्यादा बेहतर ऑफलाइन स्टडी है। क्योंकि क्लास में बैठकर पढऩा ज्यादा अच्छा होता है। जिसमेंं सबसे बड़ी बात यह है। कि ऑफलाइन में अध्यापक डर रहता है जिसकी वजह से पढऩा भी जरुरी हो जाता है।
आदेश गंगवार, स्टूडेंट

पिछले दो सालों से स्टडी बिल्कुल नाम मात्र की होकर रह गई है। ऐसे में स्टूडेंट्स का फ्यूचर भी अधर में दिख रहा है। ऐसे में स्कूल का लगातार खुलना बजहुत ही ज्यादा जरुरी है.क्योंकि यह बच्चों को पढऩे के लिए प्रभावित करता है।
अनुज, स्टूडेंट

ऑफलाइन लाइना क्लासेज से बच्चों का फ्यूचर अच्छा होता है। वहीं अगर बात करें ऑनलाइल स्टडी की तो कहीं न कहीं बच्चों को मोबाइल को आदी बला दिया है। ऐसे में बच्चों की स्टडी पर भी काफी गहरा असर पढ़ता है।
यज्ञत शर्मा, स्टूडेंट
=====================