- स्ट्राइक के चलते पेरेंट्स रहे परेशान

- वाहनों के कार्रवाई तक जारी रहेगी स्ट्राइक

<- स्ट्राइक के चलते पेरेंट्स रहे परेशान

- वाहनों के कार्रवाई तक जारी रहेगी स्ट्राइक

BAREILLY:

BAREILLY: स्कूली वैन ओनर्स का स्ट्राइक ट्यूजडे को भी जारी रहा। वाहन ओनर स्ट्राइक कर पेरेंट्स और ऑफिसर्स पर दबाव बनाने के प्रयास में हैं। इस संबंध में ऑफिसर्स भी पहल नहीं कर रहे हैं, जिसका खामियाजा पेरेंट्स और बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। वाहन ओनर्स कार्रवाई का विरोध कर स्ट्राइक पर चले गए हैं। शासन के आदेश के मुताबिक अभी और कुछ दिन एलपीजी तथा अनऑथराइज्ड तरीके से सीएनजी किट लगे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई होनी है। ऐसे में कोई रास्ता नहीं निकलने पर बच्चों और पेरेंट्स को कुछ दिनों तक स्ट्राइक का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

वाहनों का स्ट्राइक जारी

स्ट्राइक पर गए वाहन ओनर्स से कोई भी ऑफिसर्स या स्कूल मैनेजमेंट ने बीच का कोई हल निकालने के लिए कांट्रैक्ट नहीं किया। इल्लीगल तरीके से बच्चों को ढो रहे वाहन ओनर अपनी मनमानी पर तुले हुए हैं। दो दिनों से वाहनों के स्ट्राइक पर होने से पेरेंट्स बच्चों को स्कूल ले जाने और लाने में परेशान हैं। शासन के निर्देश के मुताबिक क्फ् अगस्त तक स्कूली वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाकर कार्रवाई की जानी है। ऐसे में एक बात तो साफ है कि वाहन ओनर क्फ् तक स्ट्राइक पर रहेंगे। यह स्ट्राइक और लंबा भी खिच सकता है। सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक जिन वाहनों को सीज किया गया है उन्हें भी छोड़े जाने की मांग वाहन ओनर कर रहे हैं। अगर आरटीओ ऑफिसर्स द्वारा वाहनों को मुक्त नहीं किया जाता है तो स्कूली वाहनों की स्ट्राइक शायद जारी रहेगी।

पिछले साल भी यही हाल रहा

स्कूली वाहनों के स्ट्राइक करने का सिलसिला बहुत पुराना है। पिछले साल भी स्कूली वैन, स्कूली ऑटो और विक्रम ओनर्स ने भी स्ट्राइक कर दिया था। तब ट्रैफिक एसएसपी, आरटीओ और पेरेंट्स फोरम ने मिलकर कुछ अहम मुद्दों पर समझौता किया था।

दो में मिले एलपीजी किट

स्कूली वाहनों के खिलाफ ट्यूजडे को भी विभिन्न रूट पर चेकिंग अभियान चलाए गए। इस दौरान एआरटीओ इंफोर्समेंट ऑफिसर्स ने एक दर्जन से अधिक गाडि़यों के खिलाफ कार्रवाई की। इस दौरान क्9 स्कूली वाहनों का चालान हुआ और क्ख् को सीज कर दिया गया। वहीं फरीदपुर में दो वाहनों में एलपीजी किट लगे हुए पाए गए, जिन्हें सीज कर दिया गया।

इन प्रमुख बिंदुओं पर पिछले साल बनी थी सहमति

- बच्चों के लिए स्कूली वाहनों में मेडिकल किट लगाएं जाए।

- बिना किसी पूर्व सूचना के नहीं बढ़ाए जाए वाहनों का किराया।

- ऑटो और वाहन ओनर्स की पूरी डिटेल पेरेंट्स और स्कूल मैनेजमेंट के पास मौजूद रहेगी।

- किसी भी कीमत पर एलपीजी किट लगे वाहन में बच्चे नहीं बैठेंगे।

- कोई भी पेरेंट्स ओवरलोड वाहनों में बच्चों को न भेजे नहीं तो स्कूली मैनेजमेंट की ओर से नोटिस मिलेगा।

- वाहन ओनर्स प्रॉपर ड्राइवर्स के कांटैक्ट में रहेंगे।

- मानक पूरे नहीं करने पर स्कूली वाहन का स्कूल मैनेजमेंट बायकॉट करेंगे।

- चेकिंग के दौरान वाहनों के कागज सीज करने के बजाय स्कूल मैनेजमेंट को इंफॉर्म करें।

- स्कूल के बाहर वाहन लाइन में खड़े हों।

- हर एक वीक स्कूलों में जाकर वाहनों की जांच की जाए।

शासन के आदेश के बाद कार्रवाई की जा रही है। हमारा काम लॉ को इम्पिलिमेंट करना है। स्ट्राइक करना किसी भी समस्या का हल नहीं है। वाहन ओनर को खुद समझना होगा कि वे लीगल तरीके से वाहनों का संचालन करें।

संजय सिंह, आरटीओ, इंफोर्समेंट