-किसी भी ब्लॉक में अभी तक नहीं हुई है बैठक
-टीचर्स की व्यस्तता के चलते ठप पड़ गया अभियान
>BAREILLY: स्कूल चलो अभियान सिर्फ प्रतीकात्मक रैली रह गया है। टीचर्स की व्यस्तता और कमी से जूझ रहे स्कूल इस अभियान में खाना-पूर्ति करने में लगे हैं। पूरे मार्च चलने वाले इस अभियान के एक्शन प्लान के मुताबिक एक भी ब्लॉक में इस अभियान के तहत बैठक नहीं हुई है। परिषदीय स्कूल एनुअल व बोर्ड एग्जाम के चलते टीचर्स की व्यस्तता और कमी से जूझ रहे हैं।
रैली निकालकर कर रहे खानापूर्ति
अभियान के लिए रैली निकाल कर स्कूल अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति पाने की फिराक में हैं। स्कूल तो स्कूल जिला स्तर पर भी इस अभियान को लेकर कोई खास दिलचस्पी देखने को नहीं मिल रही है। आगामी क्9 मार्च को सिर्फ शहर में इस अभियान के तहत एक जागरूकता रैली निकाली जानी है। इसके अलावा बीएसए स्तर से अभी तक इस महत्वपूर्ण अभियान के लिए कोई खास कदम नहीं उठाया गया है। जबकि दमखोदा, आलमपुर जाफराबाद और बहेड़ी ब्लॉक के स्कूलों में जागरूकता रैली निकाली गई हैं। बीएसए इस इक्का-दुक्का रैलियों को ही अभियान की प्रगति के तौर पर देख रहे हैं। अब ऐसे में कितने नए बच्चों का दाखिला स्कूलों में हो पाता है इसका पता तो मार्च के बाद ही चल सकेगा।
बिन टीचर्स कैसे हो एक्टिविटी
नए सेशन के लिए बच्चों के एडमिशन और क्षेत्र में सौ फीसदी एडमिशन के टारगेट पर स्कूल हेडमास्टर टीचर्स की कमी का रोना रो रहे हैं। असल में क्क् मार्च से प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल के एनुअल एग्जाम शुरू हो चुके हैं। जो ख्0 मार्च तक चलेंगे। इसके साथ ही बेसिक के टीचर्स पिछले एक महीने से यूपी बोर्ड एग्जाम में कक्षनिरीक्षक की ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसे में स्कूल चलो अभियान के लिए टीचर्स की उपलब्ध नही है।