-स्कॉलरशिप के जरूरी डॉक्यूमेंट्स बनवाने के लिए मांगी जाती है रिश्वत

-बैंक भी नहीं खोलते अकांउट, न अप्लाई करना ही बेहतर समझते हैं स्टूडेंट्स

BAREILLY: वैसे तो गवर्नमेंट ने सरकारी स्कूल्स के स्टूडेंट्स के लिए स्कॉलरशिप की फैसिलिटी अवेलेबल करा रखी है, लेकिन मोस्टली बच्चे सरकार की इस 'हेल्प' का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। चाह कर भी स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई नहीं कर रहे हैं, वजह है वही पुराना करप्शन का कीड़ा। दरअसल स्कॉलरशिप के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट्स चाहिए होते हैं, उनको बनवाने के लिए स्टूडेंट्स ने रिश्वत की मांग की जाती है। वहीं बैंक्स भी इन स्टूडेंट्स का अकाउंट खोलने में इट्रेस्ट नहीं दिखाते। नतीजतन स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप का सपना छोड़ना ही प्रिफर करते हैं। इस साल भी सिटी के कई स्कूल्स के मोस्टली स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई नहीं कर पाए हैं।

Account नहीं खोलते बाबू

स्टूडेंट्स के लिए बैंकों में अकाउंट खुलवाना टेढ़ी खीर साबित होता है। स्टूडेंट्स अकाउंट जीरो बैलेंस पर खुलता है लेकिन बैंक कर्मचारी जीरो बैलेंस पर खाता नहीं खोलते। ज्यादातर बैंकों के कर्मचारी इन स्टूडेंट्स के खातों को अपने बिजनेस का हिस्सा नहीं समझते। वजह है कि अकाउंट से स्कॉलरशिप निकालने के बाद स्टूडेंट्स फ्चूयर में बैंक से लेन-देन जारी नहीं रखते।

Certificates बनवाने में problems

स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप पाने के लिए दो सर्टिफिकेट बनवाना मेंडेटरी होता है। इनकम और कास्ट सर्टिफिकेट के बिना स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई नहीं किया जा सकता है। लेकिन इन सर्टिफिकेट्स को बनवाना किसी सिरदर्द से कम नहीं है। सिर्फ 20 रुपए सरकारी चार्जेज पर बनने वाले इनकम सर्टिफिकेट तहसील में अप्लाई करना पड़ता है। यहां से लेखपाल स्टूडेंट्स का इंक्वॉयरी करता है। लेखपाल डॉक्यूमेंट्स को आगे बढ़ाने के नाम पर स्टूडेंट्स से सैकड़ों रुपए वसूल करते हैं। तब जाकर कहीं डॉक्यूमेंट्स तहसीलदार के पहुंचते हैं। डॉक्यूमेंट्स कई दिनों तक फाइलों में दबे रहने के बाद एसडीएम के यहां पहुंचते हैं। एसडीएम से ओके होकर ही सर्टिफिकेट स्टूडेंट्स को जारी किया जाता है। इस दौरान चक्कर काटने में ही स्टूडेंट्स का काफी पैसा और टाइम वेस्ट हो जाता है।

गरीब बच्चों पर भारी 'रिश्वत'

राम प्रताप देवती इंटर कॉलेज में हाईस्कूल के 150 स्टूडेंट्स की एप्लीकेशन डेट खत्म होने के नाम पर डिपार्टमेंट ने वापस कर दीं। बताया जा रहा है कि यहां के स्टूडेंट्स का बैंक में खाता खोलने से साफ मना कर दिया गया। वहीं बालजती कन्या इंटर कॉलेज में हाईस्कूल की स्टूडेंट्स का आवेदन प्रमाण पत्र की कमी से नहीं हो सका। ग‌र्ल्स का कहना है कि डॉक्यूमेंट्स तैयार करने के लिए सरकारी कर्मचारी पांच से छह सौ रुपए तक रिश्वत मांगते हैं।

Applications in DIOS office

इस बार डीआईओएस ऑफिस में स्कॉलरशिप के लिए क्लास 6 से लेकर हाईस्कूल तक के 34,979 स्टूडेंट्स की एप्लीकेशंस पहुंचीं। इनमें एससी के 11,352, ओबीसी के 9,660, जनरल 4,603 और माइनॉरिटी के 9,660 स्टूडेंट्स हैं। वहीं इंटरमीडिएट के स्टूडेंट्स के कुल 17,735 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें एससी के 3,423, ओबीसी के 3,045, जनरल 4,116 और माइनॉरिटी के 7,151 आवेदन शामिल हैं। माना जा रहा है कि यह संख्या स्कूल्स में रजिस्टर्ड कुल स्टूडेंट्स के नंबर का मात्र छोटा सा हिस्सा है। मोस्टली स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर पाए।

Scholarship for students

गवर्नमेंट ने क्लास छह से आठवीं तक स्टूडेंट्स के लिए एनुअल स्कॉलरशिप ब्80 रुपए, हाईस्कूल में 7ख्0 और इंटर में एक हजार ब्भ्0 रुपए फिक्स कर रखी है।

हाईस्कूल में क्भ्0 स्टूडेंट्स की एप्लीकेशन डेट समाप्त होने के नाम पर रिसीव नहीं की गई। बैंकों में समय से खाता न खुलने की वजह से यह प्रॉब्लम क्रिएट हुई।

-राम प्रताप, मैनेजर, राम प्रताप देवती इंटर कॉलेज।

सर्टिफिकेट्स बनवाने में कर्मचारियों द्वारा पैसे की डिमांड और बैंक्स की तरफ से बरती जाने वाली लापरवाही की वजह से हमारे स्कूल की कई स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप की लिस्ट से बाहर हो गई।

-डॉ। हरबीर सिंह, मैनेजर, बालजती कन्या इंटर कॉलेज।

आय और जाति प्रमाण पत्र के लिए घरवालों ने काफी चक्कर काटा। कर्मचारी पैसे की डिमांड करते हैं।

- लक्ष्मी, स्टूडेंट हाईस्कूल।

बैंक में अकाउंट न खुलने की वजह से मेरा आवेदन समय से जमा नहीं हो सका। हमारे क्लास में कई स्टूडेंट ऐसे हैं जिन्होंने सर्टिफिकेट्स न होने की वजह से अप्लाई नहीं किया।

-अवधेश, हाईस्कूल स्टूडेंट

गवर्नमेंट ने अपनी पॉलिसी के तहत इनकम और कास्ट सर्टिफिकेट्स मेंडेटरी कर रखे हैं। वहीं स्टूडेंट्स का बैंक में अकाउंट होना भी कंपलसरी है। बिना इन डॉक्यूमेंट्स के हम स्टूडेंट्स की एप्लीकेशन अस्सेप्ट नहीं कर सकते हैं।

- केपी सिंह, डीआईओएस बरेली।