-तमिलनाडु के प्रसिद्ध कवि व दार्शनिक जीवन पर होंगे कम्पटीशन
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BAREILLY:
बरेली की नई पीढ़ी को साउथ की संस्कृतियों और देश की समृद्ध विरासत की इबारत लिखने वाले महान पुरुषों से रूबरू होने का मौका सीबीएसई की अनूठी पहल से मिलेगा। इसके तहत थर्सडे से सभी स्कूलों में एक एक्सप्रेशन
सीरीज 'तिरुवल्लुवर टूडे' की शुरुआत हो रही है। इसके जरिए सीबीएसई स्कूलों में क्लास 9 से क्ख् तक के स्टूडेंटस तमिलनाडु के प्रसिद्ध कवि और दार्शनिक तिरुवल्लुवर के बारे में जानेंगे।
छह दिनों तक चलेगा कार्यक्रम
सिटी के सभी सीबीएसई स्कूलों में क्भ् से ख्0 जनवरी तक 'तिरुवल्लुवर टूडे' नाम से एक हफ्ते तक एक्टिीविटीज आर्गनाइज कराई जायेंगी। इसके तहत तमिलनाडु के इन प्रसिद्ध कवि और दार्शनिक की किताब 'तिरुक्कुरल' और इनके जीवन पर कई एक्टिवीटिज कंडक्ट होंगे। क्भ् से क्7 जनवरी तक सेमिनार, डिबेट, एक्सटेंपोर, पोईट्री राइटिंग, ग्रुप डिस्कशन होगा। क्9 और ख्0 जनवरी को कम्पटीशन व एक्ट प्ले आयोजित किया जायेगा। इन सभी काम्पटीशंस में कक्षा 9 से क्ख्वीं तक के स्टूडेंटस भाग लेंगे।
तमिल के टैगोर हैं तिरुवल्लुवर
बरेली देश के पश्चिम में है और यहां के बच्चों को साउथ इंडिया की साहित्यिक विरासत से बहुत ज्यादा परिचित नही हैं, को तमिलनाडू के प्रसिद्ध कवि के बारे में जानेंगे। तिरुवल्लुवर को तमिलनाडू के रविंद्रनाथ टैगोर की संज्ञा दी जाती है। उनकी नीतिशास्त्र किताब 'तिरुक्कुरल' तमिल संस्कृति का प्रमुख अंग है। इसे बाइबिल, कुरान, गीता और प्रमुख दूसरे घर्मग्रांथों की तरह महत्वपूर्ण माना जाता है। यह किताब तमिल में है, जिसका बाद में हिंदी, अंग्रेजी के अलावा कई भाषाओं में किया गया।
तिरुवल्लुवर के लिए तमिलियन्स का प्यार और सम्मान इस कदर है कि साल ख्000 में इनके जन्म स्थान कन्याकुमारी में इनका क्फ्फ् फीट ऊंचा एक स्टेचू बनाया गया है।