- आखिरी सोमवार के मौके पर सौ से ज्यादा कांवडि़यों के जत्थों ने किया जलाभिषेक

- मंदिरों के बाहर मेले सा रहा महौल, भक्तों ने दर्शन के बाद ग्रहण किया प्रसाद

BAREILLY: नाचते-गाते कांवडि़यों के जत्थे, हाथों में श्रद्धा सुमन लिए श्रद्धालु, भगवान का प्रसाद लेने को लगी भीड़सावन के आखिरी सोमवार पर मंदिरों में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। इस मौके पर सौ से भी अधिक जत्थों के करीब ख्0 हजार से भी ज्यादा कांवडि़यों ने जलाभिषेक किया। वहीं कई समितियों की ओर से शोभायात्रा निकाली गई और नाथ नगरी परिक्रमा भी की गई। शाम को मंदिरों में महाआरती, जलाभिषेक और रूद्राभिषेक का कार्यक्रम भी आयोजित हुआ।

मंदिरों में गुजारी रात

कछला और हरिद्वार से गंगाजल लाने वाले कांवडि़यों ने मंदिरों में उमड़ने वाली भारी भीड़ से बचने के लिए मंदिरों में ही रात गुजारी। इसके लिए मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। वहीं मंदिरों में भोर में पट खुलने के साथ ही शुरू हुआ जलाभिषेक का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। वहीं शिवभक्तों को राह में कहीं कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए शहर की तमाम संस्थाओं व समितियों ने व्यवस्था कर रखी थी। नाथ नगरी सेवा समिति ने रामगंगा पर मोर्चा संभाला तो उद्योग व्यापार मंडल की ओर से अयूब खां चौराहे पर फल वितरण किया गया। साथ ही कई अन्य समितियों ने शहर के अंदर कांवडि़यों को राह दिखलाई।

शोभायात्रा भी निकाली गई

सावन के आखिरी सोमवार के मौके पर डीडीपुरम, जोगीनवादा, कालीबाड़ी, जगतपुर समेत कई इलाकों से शोभायात्रा निकाली गई। सुबह नाथ नगरी समिति की ओर से जलाभिषेक यात्रा निकाली गई। जो सेठ गिरधारी लाल मंदिर से शुरू होकर शाहदाना, पुराना शहर, जगतपुर होते हुए पशुपतिनाथ मंदिर पहुंची। वहीं शिवसेना की ओर से नाथ नगरी की परिक्रमा की गई, जो मढ़ीनाथ से शुरू होकर तपेश्वरनाथ, धोपेश्वरनाथ होते हुए शाम छह बजे अलखनाथ मंदिर पहुंची।

महाआरती से गूंजे मंदिर

शहर के पशुपतिनाथ, तपेश्वरनाथ, धोपेश्वरनाथ, मढ़ीनाथ, टिबरीनाथ, वनखंडीनाथ, अलखनाथ समेत छोटे शिवालयों में शाम को महाआरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहीं, शहर की हिंदू जागरण एकता समिति, वीरजन कल्याण सेवा समिति, उप्र। उद्योग व्यापार मंडल व अन्य समितियों की ओर से भी शिवपूजन कर महाआरती की गई।