(बरेली ब्यूरो)। बहेड़ी के रामलीला मुहल्ला निवासी अविवाहित विनय महाजन उर्फ राजू अकेले रहते थे। उनके छोटे भाई राकेश पड़ोस के गांव सकरस और मनोज मां के साथ शाहजहांपुर के तिलहर में रहते हैं। स्वजन ने बताया कि बुधवार को साप्ताहिक बंदी होने के कारण मंगलवार रात को ही विनय गिरवी की गाठें आदि घर ले जाते थे। बुधवार शाम करीब पांच से छह बजे के बीच मुहल्ले वालों ने उन्हें देखा था। रात करीब 12 बजे पड़ोसी ङ्क्षरकू रस्तोगी एक शादी से लौटे तो देखा कि विनय के घर का मुख्य द्वार खुला हुआ है। उन्होंने आवाज दी मगर, अंदर से कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने मनोज को फोन कर स्थिति बताई। मनोज ने मुहल्ले में रहने वाले बाबू जायसवाल और विकास गुप्ता से कहा कि विनय मेरा फोन भी रिसीव नहीं कर रहे, इसलिए वहां जाकर देख लें। इस बीच राकेश और पुलिस को भी फोन कर दिया गया। जिसके बाद सभी अंदर गए तो ड्राइंग रूम के फर्श पर विनय का शव पड़ा था। पर्दे से उनके गले में फंदा लगाकर हत्या की गई। घर की दो अलमारी के दरवाजे तोडक़र गिरवी की गाठें, दुकान के जेवर, मनोज के करीब चार सौ ग्राम जेवर, पापुलर बिक्री के रखे नौ लाख 80 हजार रुपये आदि लूट लिया गया था। घर से लूटे गए जेवर, नकदी, गांठे समेत सभी की कीमत एक करोड़ रुपये के करीब आंकी गई है। सर्राफ विनय महाजन की हत्या के बाद करीब एक करोड़ का डाका डाला गया। बुधवार रात को उनका शव मिलने के बाद गुरुवार सुबह अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया। प्रथम ²ष्टया पुलिस मान रही है कि किसी करीबी ने ही वारदात को अंजाम दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर ही सर्राफ की हत्या की पुष्टि हुई है।

परिचित थे हत्यारे
विनय का शव जिस अवस्था में मिला, उसे देखकर पुलिस का मानना है कि वह कहीं बाहर से आए थे। पैरों में जूते व पैंट-शर्ट पहने थे। शव अकड़ा होने पर माना गया कि शाम को ही उनकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस का कहना है कि मुख्य द्वार खुला होने से स्पष्ट है कि हमलावर उनकी सहमति से घर के अंदर आए। उनका कद भारी होने के कारण किसी एक व्यक्ति के काबू में आना संभव नहीं, इसलिए तीन-चार लोगों ने जमीन पर गिराकर पर्दे से गला घोटा। हत्यारे पेशेवर नहीं थे। वह अलमारी तोडऩे के लिए कोई भारी वस्तु नहीं लाए, इसके बजाय पैरों का सहारा लेकर दरवाजे को इतनी जोर से खींचा कि लाक टूट गया। अलमारी के टूटे दरवाजों पर जूतों के निशान मिले। गुरुवार को पुलिस ने परिवार के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि 55 बीघा जमीन के बंटवारे में राकेश को 15 बीघा, शेष जमीन अन्य दोनों भाइयों को दी गई थी। पापुलर पेड़ बिक्री की पूरी रकम विनय के पास थी।

वर्जन
सर्राफ की हत्या के बाद जेवर-नकदी लूटी गई है। अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। कुछ लोगों से पूछताछ चल रही है।
- रोहित ङ्क्षसह सजवाण, एसएसपी