- सांसद निधि से क्यारा ब्लॉक के रोंधी को महरूम कर अन्य ब्लॉकों में करा रहे विकास
- गेट पर टंगी 'मिलने के समय' की तख्ती देख वापस लौट जाते हैं फरियादी
BAREILLY:
सांसद ने गांव गोद लिया तो उम्मीद जगी कि अब कायाकल्प हो जाएगा, लेकिन आज भी यह गांव बिजली, पानी, साफ-सफाई और रोजगार की राह देख रहा है। हाइवे से क् किमी। दूर क्यारा में सांसद के गोद लिए गांव रोंधी कला में विकास ढूंढे नहीं नजर आता है। लिहाजा, आई नेक्स्ट ने गांव के लोगों से विकास का हाल जानना चाहा तो उन्होंने समस्याओं की लंबी सूची थमा दी। लिस्ट में योजनाओं को लागू करना, लाभार्थियों का चयन, गड्ढों में सड़केंव स्ट्रीट लाइट का अभाव की लंबी फेहरिश्त मिली।
मूलभूत सुविधाओं की दरकार
रोंधी कलां में मूलभूत सुविधाएं बिजली, पानी, सड़क और आवासों का टोटा है। एक अदद शौचालय और चिकित्सा सुविधाएं भी मयस्सर नहीं हैं। रामदेवी ने बताया कि महिलाओं को शौच के लिए गंगा पार जाना पड़ता है। साफ-सफाई के लिए दो-दो सफाई कर्मी हैं, लेकिन वह शायद ही कभी आते हैं। हाइवे से बायीं ओर बसे रोंधी गांव का मुख्य मार्ग ही विकास की कहानी बयां करने के लिए काफी है। गांव में एंट्री करने से पहले सड़क पर धूल के गुबार का सामना करना पड़ेगा। यही नहीं गड्ढों में छिपी सड़क पर हिचकोले खाते हुए राहगीर गांव में दाखिल होते हैं।
चार खंभों से दौड़ती है बिजली
गांव में बिजली का कनेक्शन है लेकिन केवल ब् खंभों के जरिए ब् हजार की जनसंख्या को बिजली प्रोवाइड कराई जा रही है। खंभों के न होने से ग्रामीणों के घरों से सटाकर बिजली के तार गए हैं, जिससे अक्सर बारिश में घरों में करंट उतरने लगता है। कई बार तार टूट कर गिरने से मवेशियों की जान भी जा चुकी है।
गांव से हो रहा भेदभाव
रोंधी ग्राम सभा में मिलख, फरीदाबाद, रोंधी तीन मजरे आते हैं। गांव की प्रधान शारदा कश्यप तो घर से बाहर नहीं निकली और प्रधानपति भी मौजूद नहीं थे। प्रधान के देवर रामअवतार कश्यप ने बताया कि प्रधान के पति राधेश्याम कश्यप बीडीसी हैं। लेकिन विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा गांव के विकास में भेदभाव किया जा रहा है। कई बार शौचालयों की आवश्यकता के लिए अधिकारियों को बताया गया लेकिन साढ़े चार साल के कार्यकाल में एक भी शौचालय किसी को नहीं मिला है। जबकि अन्य मजरों को शौचालय मिले हैं। हालांकि बेसलाइन सर्वे होने के बाद रामअवतार को थोड़ी उम्मीद है।
अपना घर भी संवार नहीं सके
सांसद धर्मेद्र कश्यप का निवास क्यारा ब्लॉक के कांधरपुर में है। सांसद होने के बावजूद उन्होंने कांधरपुर का भी कायाकल्प नहीं किया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वोट के लिए घर घर पहुंचने वाले सांसद अब लोगों से मिलने से भी कतराते हैं। तमाम ब्लॉकों के गांवों में सीसी रोड और नाली की व्यवस्था के लिए सांसद निधि सौंपने वाले सांसद ने कांधरपुर को तवज्जो नहीं दी। कांधरपुर में निकासी की सुविधा न होने से सड़कों पर नालियों का गंदा पानी जमा रहता है। सड़क पर बने गहरे गड्ढे में गिरकर आए दिन लोग चोटहिल हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि अपना घर संवार नहीं सके सांसद, तो और गांवों का कितना विकास करेंगे।
सांसद निधि से महरूम रोंधी
सांसद निधि से विभिन्न ब्लॉकों के गांवों के लिए धर्मेद्र कश्यप ने झोली खोल दी, लेकिन गोद लिए गांव को फूटी कौड़ी भी नहीं दी। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। जारी हुए ख्.भ् करोड़ की सांसद निधि से क् करोड़ की राशि दातागंज संसदीय क्षेत्र में चला गया, जिससे सांसद के हिस्से में क्.भ् करोड़ की निधि आई। इसमें करीब क्.ब्क् करोड़ रुपए खर्च हो गए। जबकि 9 लाख शेष हैं। सांसद निधि से कहां क्या हो रहा है काम आइए आपको बताते हैं-
- क्फ् लाख रुपए से चौबारी में नाला
- ख्.ख्म् लाख से चनेहटी में सीसी रोड
- भ् लाख से गजनेरा और रहभुताना में सीसी
- क्ख्.फ्8 लाख से भुता रसूलपुर मे सीसी
- भ् लाख से अन्नरपुर खंगरिया में सीसी
- 9.ख्फ् लाख से केसरपुर में सीसी
- ब्.88 लाख से जागृति नगर बदायूं में सीसी
- क्.म्8 लाख से मोहल्ला बालाजी नगर में सीसी और नाला
- 8.7ब् लाख से करगैना में 8 सड़कें
- 8.फ्भ् लाख से प्रेमराजपुर में सीसी
- भ्.ब्फ् लाख से चम्पतपुर में सीसी
- 7.80 लाख से रफियावाद में सीसी
- 7.ब्ब् लाख से मझगवां के ढकावा में सीसी और खड़ंजा
- ख्म् लाख से अखा में सीसी
- क्ख्.भ्म् लाख से उमरसिया में सीसी
सांसद ने दिया भरोसा
ग्रामीणों ने बताया कि सांसद बनने के बाद एक बार भी रोंधी का दौरा नहीं किया, लेकिन जब से गांव गोद लिया है करीब चार बार दौरा कर चुके हैं। हर बार उन्हें शिकायतों और जरूरतों से अवगत भी कराया जाता है। जवाब मिलता है कि विकास के लिए केवल सर्वे हो रहा है।
मांगें
- बिजली के करीब क्00 खंभे
- लोहिया और इंदिरा आवासों की सूची को लाभार्थी बनाना
- बीपीएल कार्ड धारकों को शौचालय
- प्राथमिक चिकित्सा केंद्र
- साफ-सफाई के लिए करीब चार सफाई कर्मी
- सड़कों की मरम्मत और निर्माण
- पानी निकासी के लिए नालियां
- पीने के पानी की नियमित जांच
- तालाब का सौंदर्यीकरण
- ग्रामीणों को रोजगार के लिए सुविधा
- प्राथमिक स्कूल में चहारदीवारी
- आंगनबाड़ी भवन की मरम्मत
क्या हैं समस्याएं
- गांव में साफ सफाई न होना
- नालियां न होने से सड़कों पर फैला गंदा पानी
- गड्ढों में तब्दील होती सड़क
- गंगा पुल बनने से खेती का चौपट होना
- फसल बर्बाद होने पर लेखपाल की गलत रिपोर्ट
- शासन से जारी चेकों के वितरण में दिक्कत
- कोटेदार द्वारा राशन का सही वितरण न होना
- आवास निर्माण के लिए लाभार्थियों की दूसरी किश्त मिले
- अल्प कुपोषित बच्चों को भी बाल पुष्टाहार देने
गोद लेने के बाद कार्य
- पंचायत भवन का निर्माण
- सौंदर्यीकरण के लिए तालाब का चयन
- करीब ख्00 शौचालय निर्माण को मंजूरी
- लोहिया और इंदिरा आवासों के लाभार्थियों की संख्या का बढ़ना
- सड़कों, गलियों और नालियों को बनाने के लिए सर्वे
गांव में नालियां न होने से गंदा पानी सड़कों पर जमा हो गया है। हल्की सी हवा से घर के भीतर बदबू पहुंच जाती है।
दीपा जोशी
काफी मुसीबतें हैं यहां, क्योंकि रहने को जगह नहीं है। राशन कार्ड न होने से कोटा से राशन नहीं मिल पा रहा।
रामदेवी
पन्नी की छत बनाकर रहने की मजबूरी है। लोहिया आवास के लिए अप्लाई किया था, लेकिन लाभार्थी नहीं बन सकी।
राजूदेवी
गांव के किसी भी घर में शौचालय नहीं है। लोगों को गंगा पार करके शौच के लिए जाना पड़ता है।
घनश्याम
क्0 वर्ष हो गए गांव में रहते लेकिन अभी तक राशन कार्ड वोटर आईडी कार्ड कुछ भी प्रधान ने नहीं बनवाया है।
मुन्नी देवी
सांसद ने गांव गोद लिया है लेकिन गांव के साथ सांसद और अधिकारी दोनों ही उपेक्षित व्यवहार कर रहे हैं।
मुरारीलाल
फ् माह पहले बेसलाइन सर्वे किया जा चुका है लेकिन जमीनी स्तर पर कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही। हालांकि कई चीजों में प्रगति आई है।
रामअवतार कश्यप
ख्0 साल पहले बनाई गई सड़कों की मरम्मत न होने से गांव की सड़कें की हालत जर्जर हो गई हैं। बारिश में चलना दूभर हो जाता है।
पूरनलाल
क्7 वर्षों बाद मुझे इंदिरा आवास का लाभार्थी बनाया गया है। अभी इंदिरा आवास बनाने के लिए रकम नहीं मिली है।
रामलली
गांव में बिजली भ् घंटे भी नहीं टिक पाती। खंभा न होने से घरों से बिजली के तार गुजारने को हम लोग मजबूर हैं।
रामचंद्र