बरेली(ब्यूरो)। एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार को नई दिल्ली के रूबरू थिएटर की ओर से संगीतमय नाटक मिर्जा साहिबा का मंचन हुआ। डॉ। शशि सहगल लिखित और काजल सूरी निर्देशित नाटक की कहानी है मिर्जा और साहिबा की। दोनों बचपन से एक संग खेल कूद कर बड़े हुए। यह साथ जवानी तक पहुंचते-पहुंचते मुहब्बत में बदल गया। लेकिन, साहिबा के अब्बू और भाइयों को यह रिश्ता किसी कीमत पर मंज़ूर नहीं। इसलिए उन्होंने साहिबा की शादी कहीं और तय कर दी। इसकी जानकारी पर मिर्जा घोड़े पर बैठ कर आता है और साहिबा को अपने साथ ले जाता है।
साहिबा को था विश्वास
घर से काफी दूर निकल कर दोनों एक जगह आराम करने के लिए रुकते हैं। एक पेड़ की छांव में मिर्जा कुछ देर के लिए सो जाता है। इसी बीच साहिबा अपने भाइयों को बचाने के लिए मिर्जा के सारे तीर तोड़ देती है। उसे पता है कि मिर्जा के तीरों के सामने उसके भाई नहीं टिकेंगे और वह अपने भाइयों को प्यार के लिए मना लेगी। तभी साहिबा के भाई, मिर्जा और साहिबा को घेर कर हमला कर देते हैं। मिर्जा अपने तीर उठाता है, लेकिन सारे तीर टूटे मिलते हैं। वह समझ गया कि यह साहिबा का काम है। मिर्जा मौत के घाट उतार दिया गया। साहिबा उसकी मौत बर्दाश्त नहीं कर सकी। उसने खुद को मार लिया। साहिबा बेवफा नहीं थी, बस वह सही गलत तय न कर पाई। उसे मिर्जा और अपने भाइयों दोनों से प्यार था। नाटक में दिखाया गया कि प्रेम मर कर भी जीतता है और दुनिया जीत कर भी हारती है। नाटक में मोहन यादव (मिर्जा), रवनीत कौर (साहिबा), जितेंद्र गुप्ता (खीवा), जसकीरन चोपड़ा (जिमियाब) ने बेहतरीन अभिनय किया। राहुल मल्होत्रा, दिनेश शर्मा, दीपक सिंह, शिवम, प्रियंका, मनन सद, संदीप कुशवाहा, शुभम शर्मा, नीरज तिवारी ने भी अपने किरदारों में जान डाल दी। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देवमूर्ति जी, आदित्य मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, ऋचा मूर्ति जी, डा। अनुज कुमार सहित तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे।