कॉमर्शियल वर्क में जा रही आपकी सब्सिडी

सब्सिडी वाला डोमेस्टिक सिलेंडर आम उपभोक्ता को तो बड़ी मुश्किल से मिल रहा है लेकिन रेस्टोरेंट और चाय के ठेलों पर बेखौफ यूज किया जा रहा है। सब कुछ जानते हुए भी फूड सेफ्टी एंड ड्रग डिपार्टमेंट इस पर लगाम नहीं लगा पा रही है। सब्सिडी का बड़ा एमाउंट कॉमर्शियल में यूज हो रहा है।

सब्सिडी हो रही वेस्ट

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से मिले आकड़ों के मुताबिक, शहर में होटल्स और रेस्टोरेंट्स की संख्या 635 है। वहीं सोर्सेज के एकॉर्डिंग, चाय के ठेले और हलवाई की दुकानों की संख्या 2,000 से ज्यादा बताई जा रही है। ऐसे में शहर में 2,635 फूड प्वॉइंट्स माने जा सकते हैं। दूसरी तरफ तीनों कंपनियों के कॉमर्शियल कनेक्शन महज 1,500 हैं। अब सिचुएशन क्रिस्टल क्लीयर है कि बाकी के 1,135 फूड प्वॉइंट्स पर डोमेस्टिक कनेक्शन यूज किए जा रहे हैं। संख्या हकीकत में इससे ज्यादा ही हो सकती है कम नहीं। अगर इन दुकानों पर चल रहे सब्सिडी के खेल को औसत आकड़ों में समझें तो 1,135 दुकानों पर लगभग 500 रुपए सब्सिडी के हिसाब से 5,67,500 रुपए की सब्सिडी हर महीने उनकी जेब में जा रही है, जिन्हें कॉमर्शियल कनेक्शन लेना चाहिए।

नहीं बना पा रहे दबाव

नगर निगम में पिछले साल तक सिर्फ 88 रेस्टोरेंट का रजिस्ट्रेशन किया गया था। इस साल से रजिस्ट्रेशन का राइट फूड सेफ्टी एंड ड्रग डिपार्टमेंट को दे दिया गया है। नए नियम के तहत सभी को फिर से लाइसेंस लेना अनिवार्य है। हाल ही में जारी हुए नए नियमों के तहत फूड सेफ्टी एंड ड्रग डिपार्टमेंट क   डिस्ट्रिक्ट यूनिट में इस साल 614 रेस्टोरेंट को लाइसेंस जारी किया गया है। कई अभी कतार में हैं। गैस एजेंसीज रेस्टोरेंट्स पर कॉमर्शियल गैस कनेक्शन लेने का दबाव नहीं बना पा रही हैं।

ऐसे पहुंचता है cylinder

मलूकपुर एरिया में इंडेन कंपनी के वेंडर ने बताया कि यहां लगभग हर हलवाई के पास 2 या 2 से ज्यादा डोमेस्टिक गैस कनेक्शन हैं। चंूकि ये दुकानें घरों में ही खोली गई हैं, इसलिए आसानी से अलग-अलग नामों पर इन्हें कनेक्शन मिल भी जाते हैं। वेंडर ने बताया कि मार्च से पहले तक हर कनेक्शन पर 3 सब्सिडी वाले सिलेंडर तो ये ले ही रहे हैं। लंबे समय से यहां डोमेस्टिक कनेक्शन ही यूज हो रहा है। वहीं एजेंसी होल्डर के एकॉर्डिंग, डोमेस्टिक कनेक्शन देते हुए फिजिकल वेरीफिकेशन का नियम है लेकिन इसका पूरी तरह से पालन नहीं किया जाता है। यही कारण है कि इन दुकानों पर आसानी से डोमेस्टिक कनेक्शन और सिलेंडर पहुंच जाते हैं। जबकि रेस्टोरेंट के केस में ये सिलेंडर कुछ एकस्ट्रा एमाउंट के साथ पहुंचते हैं।

सजा का है प्रावधान

आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/ 7 के तहत अगर कोई ओनर डोमेस्टिक गैस का यूज कॉमर्शियल परपज के लिए करता पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है। इसके बाद कोर्ट डिसाइड करता है कि दोषी के खिलाफ क्या कार्रवाई करनी है।

Domestic cylinder use [ live ]

सब्सिडी के मिसयूज के खेल को कैमरे में कैद करने के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने सुभाषनगर एरिया से शुरुआत की। सुभाषनगर की गलियों में हलवाई और चाय के ठेलों पर खुलेआम डोमेस्टिक गैस पर काम हो रहा है। आलम ये था कि एक दुकान पर दो से ज्यादा डोमेस्टिक सिलेंडर रखे हुए थे। फिर चौपुला होते हुए कुंवरपुर की गलियों में दाखिल हुए तो वहां और भी हैरान कर देने वाला नजारा सामने था। एक्चुअली इस गली में हर दस कदम पर एक हलवाई की दुकान है। हर दुकान पर डोमेस्टिक गैस सिलेंडर से पकवान बनाए जा रहे थे। यहां काम देखकर लगा कि शायद ही कोई हलवाई कॉमर्शियल सिलेंडर का नाम जानता है। आगे बढ़े तो मलूकपुर में भी सेम कंडीशन मिली। हर दुकान पर डोमेस्टिक गैस यूज हो रही थी। बिहारीपुर ढाल, पुराना शहर, बड़ा बाजार, श्यामगंज, राजेन्द्र नगर, कालीबाड़ी, सिंधुनगर सभी जगह यही हाल था।

हालिया gas connection की condition

कॉमर्शियल

हिंदुस्तान पेट्रोलियम     224

इंडेन                      900

भारत                      376

घरेलू

एचपी                     40,000-45,000

इंडेन                      1,00,000

भारत                     25,000-30,000

Number of food points

 संस्थान                                                  संख्या

 होटल्स टर्नओवर (12 लाख से ज्यादा)          21

 रेस्टोरेंट टर्नओवर (12 लाख से कम)            614

 ओपन रेस्टोरेंट और चाय के ठेले (लगभग)      2,000 से ज्यादा

रेस्टोरेंट और होटल्स में अगर डोमेस्टिक कनेक्शन यूज किए जा रहे हैं, तो ये एक गंभीर मामला है। ऐसे ओनर्स के खिलाफ विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। हम फेस्टिवल सीजन पर पहले से छापेमारी कर रहे हैं। कुछ मामले प्रकाश में आए हैं।

-केबी सिंह, डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर

लंबे समय से डोमेस्टिक सिलेंडर्स का कॉमर्शियल यूज चल रहा है। मेरा सुझाव है कि गैस डीलर्स के साथ एडमिनिस्ट्रेशन को संयुक्त अभियान चलाना चाहिए। साथ ही दोषियों के खिलाफ मुकदमे के अतिरिक्त ऑन स्पॉट जुर्माने की व्यवस्था होनी चाहिए।

-रंजना सोलंकी, प्रेसिडेंट, गैस डीलर एसोसिएशन