- एडमिट कार्ड के स्कीम वाले पेज को फाड़ कर फेंक दे रहे हैं
- बिना फोटो के स्टूडेंट्स को एग्जाम में अपीयर होने से किया मना
BAREILLY: आरयू ने इस बार एडमिट कार्ड में नई व्यवस्था की शुरुआत की थी। जो स्टूडेंट्स को काफी सहूलियत प्रदान कर रही है, लेकिन यह सहूलियत बीसीसी को रास नहीं आ रही है। बीसीबी के टीचर्स स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड के उस पेज को फाड़ कर फेंक रहे हैं, जिस पर एग्जाम की स्कीम लिखी हुई है। यही नहीं जिन स्टूडेंट्स ने एडमिट कार्ड पर फोटो चस्पा नहीं की उनको तत्काल फोटो लगाने के लिए भी कहा। बिना फोटो के किसी भी स्टूडेंट को एग्जाम में अपीयर नहीं होने दिया। बीसीबी के इस कदम से वेडनसडे को सैकड़ों स्टूडेंट्स को परेशानी से जूझना पड़ा।
आरयू ने पहली बार मेन एग्जाम फॉर्म में ऑनलाइन व्यवस्था लागू की। पहली बार ही उसने स्टूडेंट्स को केवल ऑनलाइन एडमिट कार्ड जारी किया। एडमिट कार्ड पर नई व्यवस्था शुरू की गई है, जिससे स्टूडेंट्स को काफी फायदा मिल रहा है। उनके एडमिट कार्ड पर उनके सब्जेक्ट के एग्जाम की डेट मेंशन की गई है। इससे पहले ऐसी व्यवस्था नहीं थी। स्टूडेंट्स को स्कीम जानने के लिए भटकना पड़ता था। लेकिन शायद बीसीबी को यह व्यवस्था रास नहीं आ रही है। स्टूडेंट्स के मना करने के बावजूद टीचर्स एग्जाम्स की डेट लिखे पेज को फाड़ दे रहे हैं। इसके पीछे उनका तर्क यह है कि स्टूडेंट्स एडमिट कार्ड पर नकल लिख सकते हैं।
बिना फोटो के नहीं देने दिया एग्जाम
यही नहीं एडमिट कार्ड के पहले पेज पर स्टूडेंट्स की स्कैन फोटो चस्पा है। उसके नीचे ही स्टूडेंट्स को कलर फोटो चस्पा कर सिग्नेचर भी करना है। अधिकांश स्टूडेंट्स बिना फोटो चस्पा किए ही एग्जाम देने चले आए। बीसीबी के टीचर्स ने उन स्टूडेंट्स को एग्जाम देने से मना कर दिया। उन्हें तत्काल फोटो लगाने के लिए कहा। जिससे दूर-दराज से आए स्टूडेंट्स सकते में आ गए। स्टूडेंट्स ने साइबर कैफे से दोबारा कलर एडमिट कार्ड को डाउनलोड कर उसकी स्कैन फोटो काटकर एडमिट कार्ड पर फोटो चस्पा की। इससे स्टूडेंट्स को काफी परेशानी तो हुई ही साथ ही साइबर कैफे संचालकों ने जमकर अवैध वसूली भी की। उधर बीसीबी में शाम की पाली में एक छात्र नकल करता हुआ पकड़ा गया। वह पर्चियों के सहारे नकल कर रहा था। कॉलेज के फ्लाइंग स्क्वॉयड ने ही उसे रंगे हाथ पकड़ा।
फिर गलत आए क्वेश्चंस
एग्जाम्स की शुरुआत में ही आरयू की व्यवस्था ध्वस्त होते दिखाई दे रही है। एक तरफ नकल नहीं रुक पा रही है तो दूसरी एग्जाम पेपर में गलत क्वेश्चंस आने का सिलसिला थम नहीं रहा है। पहले ही दिन बीकॉम सेकेंड ईयर के पेपर में गलत क्वेश्चन पूछा गया था। वेडनसडे को भी बीकॉम सेकेंड ईयर और एमए उर्दू के पेपर में गलत क्वेश्चंस पूछा गया। बीकॉम सेकेंड ईयर के पेपर में वेडनसडे को एक बार फिर एक ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन गलत पूछा गया। क्वेश्चन था कि यदि किसी प्रक्रिया में सामान्य क्षय क्0 परसेंट, आमान्य क्षय ख्00 इकाइयां और उत्पादन क्0000 इकाइयां हों तो उक्त प्रक्रिया में लगायी गयी इकाइयों की संख्या होगी। इस क्वेश्चन के चारों विकल्प गलत दिए गए थे। इसके साथ ही एमए फर्स्ट व फाइनल ईयर के उर्दू के क्वेश्चन पेपर में ट्रांसलेशन गलत पूछा गए थे। इस पर स्टूडेंट्स ने हंगामा भी किया तो टीचर्स ने उन्हें समझा कर शांत कर दिया।