- कोर्स वर्क की थ्योरी क्लासेस केवल वीकेंड पर चलाने का हुआ डिसिजन

- यूजीसी के नियमों के खिलाफ आरयू ने बनाया शेड्यूल

BAREILLY: यूजीसी ने पीएचडी का नया ऑर्डिनेंस जारी कर पूरे देश में लागू करने का फरमान जारी किया था। पीएचडी वर्क की घटती क्वालिटी ने यूजीसी को अपने रेगुलेशन में बड़े पैमाने पर बदलाव करने के लिए मजबूर कर दिया था। ऑर्डिनेंस में कई ऐसी गाइडलाइंस हैं जो कॉपी पेस्ट पीएचडी वर्क पर लगाम लगाने के साथ इसे रेगुलर कोर्स के रूप में स्थापित करती हैं। लेकिन आरयू ने यूजीसी की मंशा पर पलीता लगाने की पूरी योजना तैयार कर ली है। आरयू ने अपने पुराने ढर्रे पर चलते हुए पीएचडी को पार्ट टाइम बना दिया है। जो यूजीसी के नियमों के खिलाफ है।

विरोध के बावजूद हुआ डिसीजन

पीएचडी में रजिस्ट्रेशन के लिए म् महीने का कोर्स वर्क करना जरूरी है। जिन सब्जेक्ट्स में काउंसलिंग खत्म हो चुकी है उनमें रजिस्ट्रेशन के लिए इसी मंथ में कोर्स वर्क शुरू करना है। कोर्स वर्क का शेड्यूल डिसाइड करने के लिए ट्यूजडे को डीन, एचओडी और पीएचडी कोऑर्डिनेटर्स की मीटिंग वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन की अध्यक्षता में ऑर्गनाइज की गई। मीटिंग में कोर्स वर्क को सैटरडे और संडे कंडक्ट कराने का प्रपोजल रखा गया। जिसपर अधिकांश मेंबर्स ने विरोध किया। मेंबर्स ने बताया कि किसी भी रूप में कोर्स वर्क को पार्ट टाइम में कंडक्ट नहीं किया जा सकता। वे इसकी मंजूरी नहीं दे रहे थे। बावजूद इसके वीसी ने शेड्यूल को मंजूरी दे दी।

थ्योरी क्लासेस केवल दो दिन

शेड्यल के अनुसार कोर्स वर्क की थ्योरी क्लासेस सैटरडे और संडे को ही कंडक्ट किए जाएंगे। पीएचडी कोऑर्डिनेटर प्रो। वीपी सिंह ने बताया कि कोर्स वर्क को पढ़ाने के लिए जो भी एक्सपर्ट आएगा, उनके लिए वीकेंड कनवीनिएंट लग रहा है। उन्होंने बताया कि आ‌र्ट्स के सब्जेक्ट्स को छोड़कर बाकी सभी के कोर्स वर्क का इनॉग्रेशन ख्क् फरवरी को कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हफ्ते के बाकी दिनों में स्टूडेंट्स लाइब्रेरी विजिट करेंगे, नोट्स बनाएंगे और असाइनमेंट के लिए प्रैक्टिकल वर्क करेंगे।

रिसर्च मैथडोलॉजी एक जैसा

रिसर्च मैथडोलॉजी को लेकर भी उंगलियां उठ रही हैं। स्टूडेंट्स अलग-अलग सब्जेक्ट्स में रिसर्च करेंगे। जबकि कोर्स के लिए जो रिसर्च मैथडोलॉजी है, उसका कंटेंट एक ही है। जो मैथ्स, हिंदी, फिजिक्स समेत अन्य सब्जेक्ट्स में पीएचडी करेगा उसके लिए कोर्स वर्क का कंटेंट एक ही जैसा है। फिलहाल इस पर कोई बोल रहा है। प्रो। वीपी सिंह का कहना है कि कई यूनिवर्सिटीज के कोर्स वर्क को देखकर ही तैयार किया गया है। यही नहीं कैंडिडेट के अटेंडेंस की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

क्या है नियम

यूजीसी के नियमों के अनुसार कोर्स वर्क की क्लास डेली चलना चाहिए। कैंडिडेट्स के लिए कम से कम 70 परसेंट अटेंडेंस जरूरी है। कोर्स वर्क में रेगुलर की भांति ही इंटरनल टेस्ट, असाइनमेंट, समेत कई एकेडमिक कार्य कराने हैं। हर पेपर में भ्0 परसेंट लाना भी अनिवार्य है। दो वर्ष की पीएचडी और म् महीने के कोर्स वर्क के दौरान कैंडिडेट को रेगुलर अटेंड करना होगा। जॉब के साथ-साथ कोई पीएचडी नहीं कर सकता। प्रो। वीपी सिंह ने बताया कि कोर्स वर्क को फिलहाल शुरू कर दिया जा रहा है। जैसे-जैसे टाइम बढ़ता जाएगा, शेड्यूल में बदलाव कर दिया जाएगा।