BAREILLY: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आरयू ने अपने यहां के एडमिशन प्रोसेस में ट्रांसजेंडर कैटेगरी की कोई व्यवस्था नहीं की है। इस कैटेगरी को लेकर सभी तरह के फॉर्म में अलग से कॉलम मेंशन करने के आदेश हैं। लेकिन आरयू ने न तो एडमिशन फॉर्म में इनके लिए कोई व्यवस्था की है न ही यूनिवर्सिटी और कैंपस में इनके लिए अलग से सुविधा प्रदान की गई है। जबकि इस वर्ष से देश के कई यूनिवर्सिटीज ने अपने यहां के एडमिशन प्रोसेस में अब इनको भी विशेष स्थान दिया है।

यूजीसी ने दिया था निर्देश

लास्ट ईयर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर के के लिए अलग से कॉलम मेंशन करने का आदेश दिया था। एडमिशन फॉर्म समेत सभी तरह के फॉर्म जिनमें मेल और फीमेल का कॉलम होता है, उसमें इनके लिए तीसरा कॉलम मेंशन करने का आदेश दिया था। ताकि ट्रांसजेंडर कैटेगरी को भी मुख्य धारा में पहचान मिल सके। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूजीसी ने देश के सभी यूनिवर्सिटीज को एडमिशन फॉर्म में इनके लिए अलग से कॉलम मेंशन करने का निर्देश जारी किया था। यही नहीं यूजीसी ने तो इनके लिए कैंपस में बाकायदा अलग से सुविधा भी प्रदान करने के निर्देश दिए थे।

एडमिशन नहीं की व्यवस्था

आरयू में एमएससी, एलएलबी, एलएलएम और एमएड के लिए एंट्रेंस टेस्ट हुआ। वहीं 1 जुलाई से एमएससी में एडमिशन के लिए काउंसलिंग शुरू होने वाली है। इसके अलावा विभिन्न कॉलेजेज में यूजी कोर्सेज में एडमिशन के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। न तो यूनिवर्सिटी ने और न ही किसी भी कॉलेज ने एडमिशन फॉर्म में ट्रांसजेंडर का कॉलम मेंशन किया है। बीसीबी में आवेदन की प्रक्रिया जोरों पर है। यहां पर भी फॉर्म में केवल मेल और फीमेल का कॉलम ही है।