- एडमिशन प्रोसीजर को लेकर डिसिजन नहीं ले पा रहा आरयू

- दो वर्ष का हुआ बीएड जबकि स्पेशल बीएड एक वर्ष का ही है

BAREILLY: एनसीटीई ने टीचिंग के लिए बीएड कोर्स के नियमों में बदलाव क्या किए आरयू के सामने बड़ी प्रॉब्लम शुरू हो गई है। बीएड स्पेशल कोर्स को लेकर आरयू असमंजस में है। वह डिसाइड नहीं कर पा रहा है कि इस कोर्स के लिए कौन सा एडमिशन प्रोसीजर अपनाया जाए। ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट से एडमिशन करे या फिर अपना खुद का एडमिशन टेस्ट कंडक्ट कराए। इसी ऊहापोह की स्थिति में आरयू न तो कोई डिसिजन ले पा रहा है और न ही एडमिशन को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर पा रहा है। आरयू ने जल्द इसपर कोई डिसिजन नहीं लिया तो एडमिशन प्रोसेस काफी लेट हो जाएगा।

चार सेमेस्टर का होगा बीएड

एनसीटीई ने टीचिंग कोर्स में अमेंडमेंट करते हुए इस वर्ष से बीएड दो वर्ष का कर दिया है। इससे पहले बीएड एक वर्ष का होता था, जिसमें दो सेमेस्टर होते थे। अब बीएड में चार सेमेस्टर होंगे। इस बार बीएड के लिए ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट कराने की जिम्मेदारी लखनऊ यूनिवर्सिटी को सौंपी गई है।

स्पेशल बीएड एक वर्ष का ही

एनसीटीई ने भले ही बीएड कोर्स दो वर्ष का कर दिया हो लेकिन स्पेशल बीएड के संबंध में नियम साफ नहीं है। आरयू ऐसा मानकर चल रहा है कि यह कोर्स एक वर्ष का ही होगा। बस इसी चक्कर में एडमिशन प्रोसेस फंस गया है। क्योंकि अब जो एंट्रेंस टेस्ट होगा उसे क्लियर करने वाले स्टूडेंट्स दो वर्ष का कोर्स करेंगे। आरयू अब तक बीएड के लिए पूर्व में हुए इंट्रेंस टेस्ट से ही स्टूडेंट्स की काउंसलिंग कराता आया है। अब आरयू को समझ में नहीं आ रहा है कि वह एडमिशन के लिए अपना इंट्रेंस कंडक्ट कराए या फिर स्टेट एंट्रेंस टेस्ट से ही स्टूडेंट्स को सेलेक्ट करे।

एक्सपर्ट की ली जा रही है राय

स्पेशल बीएड के लिए आरयू के एजुकेशन विभाग के टीचर्स के बीच मंथन का दौर चल रहा है। सोर्सेज की मानें तो आरयू बाहर के एक्सप‌र्ट्स से भी राय ले रहा है। स्पेशल बीएड कोर्स इक्का-दुक्का यूनिवर्सिटी में ही कंडक्ट किए जाते हैं। सोर्सेज की मानें तो आरयू इस संबंध में एनसीटीई के अधिकारियों से भी राय ले रहा है।