- आरयू ने नहीं जारी किया अलग से फॉर्म

BAREILLY: पीएचडी में रजिस्ट्रेशन को लेकर आरयू अभी किसी फाइनल नतीजे पर नहीं आ पा रहा है। ऑर्डिनेंस फाइनल होने के बाद आरयू अब जेआरएफ कैंडीडेट्स को रजिस्ट्रेशन देने के मसले पर उलझ गया है। दरअसल आरयू ने जेआरएफ के लिए अलग से आवेदन फॉर्म ही नहीं मंगाए हैं। इससे उनके रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पर ब्रेक लगता दिखाई दे रहा है। आरयू यह डिसाइड ही नहीं कर पा रहा है कि उनके लिए रजिस्ट्रेशन ओपन किया जाए कि नहीं। यदि रजिस्ट्रेशन ओपन नहीं किया तो इस बार जेआरएफ कैंडीडेट्स को अप्लाई करने का मौका भी नहीं मिलेगा।

JRF को नहीं मिली थी छूट

वर्ष 2012 में पीएचडी के लिए कॉमन इंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट कराया गया था। तब नेट और जेआरएफ कैंडीडेट्स को टेस्ट से एग्जेंप्ट नहीं किया गया था। उन्हें टेस्ट में बैठना पड़ा। नेट और जेआरएफ कैंडीडेट्स ने काफी विरोध भी किया था। अब जब ऑर्डिनेंस फाइनल हो गया है तो नेट और जेआरएफ के कैंडीडेट्स को इंट्रेंस टेस्ट में छूट दे गई है। उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए डायरेक्ट इंट्री मिलेगी।

अलग से नहीं जारी किया form

सीईटी का रिजल्ट 2012 में जारी कर दिया था। तब स्टूडेंट्स के दबाव में पीएचडी रजिस्ट्रेशन के लिए आनन-फानन में आवेदन मंगाए गए, लेकिन ऑर्डिनेंस फाइनल ना होने की वजह से रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू नहीं हुआ। जब आवेदन मंगाए गए तो अलग से नेट और जेआरएफ के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। उन्हें भी जनरल कैंडीडेट्स की तरह फॉर्म भरने के लिए कहा गया, क्योंकि तब वे भी इंट्रेंस टेस्ट में इंक्लूड किए गए थे। अब नए ऑर्डिनेंस में उन्हें डायरेक्ट रजिस्ट्रेशन की छूट दी गई है।

NET-JRF को लेकर उलझी

आरयू के नए ऑर्डिनेंस में रजिस्ट्रेशन प्रोसेस में नेट और जेआरएफ के कैंडीडेट्स को प्रियॉरिटी बेसिस पर प्रिफरेंस दी गई है। रजिस्ट्रेशन के समय उन्हें बाकी सीईटी कैंडीडेट्स से पहले जगह दी जाएगी। इसी रूल को लेकर अब आरयू उलझ गया है। रजिस्ट्रेशन के लिए पहले ही आवेदन मंगा चुका है। तब नेट और जेआरएफ के लिए अलग व्यवस्था नहीं की। अब उनके लिए दोबारा फॉर्म जारी करे कि नहीं इस पर एकराय नहीं बना पा रहा है। फॉर्म जारी करता है तो किस सेशन के कैंडीडेट्स के लिए जारी करे। सीईटी ख्0क्ख् में कंडक्ट की गई थी। अगर आरयू दोबारा फॉर्म जारी करेगा तो बाकी स्टूडेंट्स विरोध में उतर जाएंगे। इन्हीं सिचुएशन को देखते हुए आरयू जेआरएफ ओर नेट कैंडीडेट्स के संबंध में कोई डिसीजन नहीं ले पा रहा है। यदि आवेदन फॉर्म नहीं जारी किए तो उन्हें इस बार रजिस्ट्रेशन से बाहर भी रहना पड़ सकता है।