- अब आरयू नहीं बढ़ा सकेगा पीएचडी की फीस
- डीन की मीटिंग में ऑर्डिनेंस के प्वाइंट्स पर चर्चा
BAREILLY: आरयू अपनी आवश्यकता के अनुसार पीएचडी की फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकता। राज्यपाल ने आरयू के इस गुजारिश को असेप्ट करने से मना कर दिया है। यूजीसी के रेगुलेशन ख्009 के आधार पर स्टेट ने ऑर्डिनेंस का ड्राफ्ट भेजा था, जिसे कुछ संशोधन के साथ आरयू ने स्टेट और राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा था। संशोधन में एक प्वाइंट फीस का भी था, लेकिन राज्यपाल ने आरयू के इस संशोधन को रिजेक्ट कर दिया है। मंडे को वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन की अध्यक्षता में आयोजित की गई सभी डीन की मीटिंग में ऑर्डिनेंस के प्वाइंट्स की चर्चा की गई।
कोर्स वर्क की फीस ख्भ्,000 रुपए
ऑर्डिनेंस के अनुसार कोर्स वर्क की फीस ख्भ्,000 रुपए निर्धारित की गई। एससी व एसटी के लिए यह फीस क्ख्,भ्00 रुपए है। आरयू ने अपने आवश्यकता के अनुसार संशोधन करने की मांग की थी, लेकिन राज्यपाल ने उसे मंजूरी नहीं दी। आरयू का तर्क यह था कि सभी इस फीस को अफर्ड नहीं कर सकते। इसलिए वह जरूरत के आधार पर विभिन्न वर्गो के लिए संशोधन कर सकें। इसके अलावा स्टूडेंट्स को थीसीस जमा करने के साथ उसे क्0,000 रुपए भी जमा करना होगा। थीसिस की चेकिंग और वाइवा का यह चार्ज होगा। एससी व एसटी स्टूडेंट्स को भ्,000 रुपए ही देना होगा।
एमफिल को नहीं मिली छूट
आरयू ने एमफिल के स्टूडेंट्स के लिए रिसर्च मैथडोलॉजी कोर्स से छूट की मांग की थी, लेकिन राज्यपाल इस प्वाइंट को भी भी रिजेक्ट कर दिया है। एमफिल स्टूडेंट्स को कोर्स वर्क कंप्लीट करना होगा और एग्जाम भी क्वालिफाई करना होगा। आरयू ने उन इंटरनेशनली फेम ऑथर्स पर रिसर्च कराने की मांग की थी, जिनकी एज 70 वर्ष से ज्यादा है और जो इंटरनेशनली अवार्डेड हों। राज्यपाल ने इस प्वाइंट को भी असेप्ट करने से मना कर दिया।
सीईटी देनी ही होगी
आरयू ने कंबाइंड इंट्रेंस टेस्ट से कई वर्गो के सब्जेक्ट्स के कैंडीडेट्स को छूट देने की मांग की थी। आरयू ने उसमें जियोग्राफी, हिस्ट्री समेत दूसरे वर्गो के कैंडीडेट्स को भी जोड़ा था, लेकिन राज्यपाल ने इस प्वाइंट को भी रिजेक्ट कर दिया है। यूजीसी ने जिन वर्गो को सीईटी से छूट दी है वही मान्य होगा। ऑर्डिनेंस फाइनल होने के बाद इसे कंपाइल कर जल्द ही वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा। साथ ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी स्टार्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।