- आरयू के वीसी दो लालबत्ती वाहनों से कर रहे हैं निरीक्षण
- जबकि उन्हें एक भी इस्तेमाल करने की नहीं है परमीशन
BAREILLY: आरयू भले ही नकल रोकने में नाकाम साबित हो रहा है लेकिन वीसी साहब के वर्चस्व और रुतबे में कोई कमी नजर नहीं आ रही। उनकी लालबत्ती का भौकाल पूरी तरह से टाइट है। वो भी एक नहीं दो-दो। जबकि उन्हें लालबत्ती लगाने का अधिकार ही नहीं है। यहां पर लाख टके का सवाल यह है कि जब यूनिवर्सिटी के वीसी खुद ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं तो एग्जाम्स में कॉलेजेज से कैसे नकल विहीन परीक्षा कराने की अपेक्षा की जा सकती है।
दो लालबत्ती गाडि़यों से कर रहे हैं दौरा
वेडनसडे को आरयू के वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन ने अपनी टीम के साथ एग्जाम के दौरान कॉलेजेज का निरीक्षण किया। उनके साथ प्रो। अभय सिंह भी थी। वीसी ने पहले अवंतीबाई कॉलेज, उसके बाद बीसीबी, लक्ष्य और महाराजा अग्रसेन कॉलेज का निरीक्षण किया। वे अपनी टीम के साथ लालबत्ती लगी सरकारी गाड़ी में आए थे। वह भी एक नहीं दो। एक अम्बेसडर तो दूसरी इनोवा। लालबत्ती लगी गाडि़यों से फर्राटा भरते हुए कॉलेजेज में जैसे ही इंटर होते हर कोई एकबारगी उनके रुतबे को निहारता ही रहा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की उड़ा रहे हैं धज्जियां
लालबत्ती गाडि़यों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश हैं। दिसम्बर ख्0क्फ् को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था। जिसमें साफ कहा गया था कि लालबत्ती वाहन केवल कंस्टीट्यूशनल पोस्ट के उच्च अधिकारी ही इस्तेमाल कर सकते हैं। आरयू के वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन सरेआम सड़कों पर सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए दिखें। एक यूनिवर्सिटी का कुलपति दूसरों के लिए आदर्श स्थापित करता है। लेकिन वह जब खुद ही नियमों को धता बताए तो दूसरों से पालन करने की अपेक्षा करना बेमानी है। इस संबंध में वीसी से बात करने की कोशिश की गई लेकिन कोई रिस्पोंस नहीं मिला।
महज कोरम पूरा किया
वीसी अपनी टीम के साथ कॉलेजेज का निरीक्षण कर महज कोरम पूरा करते नजर आए। उन्हें कुछ ही रूम में निरीक्षण किया। बीसीबी में वेडनसडे को 7क् रूम्स में परीक्षा कराई जा रही थी। उन्होंने केवल फ् से ब् रूम्स का ही निरीक्षण किया। किसी भी कॉलेज में उन्हें कुछ आपत्तिजनक नहीं मिला। हालांकि बीसीबी में टीम को यह लगा कि स्टूडेंट्स ज्यादा पास बैठे हैं लेकिन इस बाबत कोई निर्देश जारी नहीं किया।