- लास्ट ईयर ध्वस्त हो गई थी कोडिंग व्यवस्था
- इस बार कोडिंग व्यवस्था को और दुरूस्त किया गया है
BAREILLY: आंसर शीट के कोडिंग सिस्टम के दायर में अब आरयू के सभी सब्जेक्ट्स आएंगे। लास्ट ईयर आरयू मेन एग्जाम्स के सभी सब्जेक्ट्स को इस दायरे में लाने की कोशिश तो की लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पाई। लेकिन इस बार आरयू की तैयारी पूरी है। वो हर कॉपी का मूल्यांकन कोडिंग करने के बाद ही कराएगा। स्टूडेंट्स व आरयू के कर्मचारी इसमें छेड़खानी करना चाहें तो भी वे नहीं कर पाएंगे। पिछली गलतियों से सीख लेते हुए आरयू कोडिंग सिस्टम को और दुरूस्त करने वाला है। ताकि कर्मचारी और टीचर इसमें सेंधमारी न कर सकें। यह सिस्टम कई लेवल का होगा। कोई चाहे भी तो इसको ब्रेक नहीं कर पाएगा।
एलएलबी और बीबीए व बीसीए से हुई थी शुरुआत
आरयू में कोडिंग सिस्टम की शुरुआत एलएलबी, बीबीए और बीसीए सब्जेक्ट्स से हुई थी। वर्ष ख्0क्फ् में इन सब्जेक्ट्स में कोडिंग सिस्टम लागू हुआ था। शुरुआत में कोडिंग व्यवस्था लचर थी, लेकिन इसे बाद में और दुरूस्त किया गया। जिसके बाद असर यह देखने को मिला कि काफी संख्या में स्टूडेंट्स फेल हो गए। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर बीएड में कोडिंग सिस्टम लागू किया गया, जिसमें प्रैक्टिकल भी शामिल किया गया। धांधली की शिकायत आने के बाद ही कोर्ट ने आदेश दिया था।
ख्0क्ब् में हो गया था फेल
एलएलबी, बीबीए व बीसीए और बीएड में कोडिंग सिस्टम लागू होने के बाद आरयू ने मेन एग्जाम्स में भी कोडिंग सिस्टम लागू करने की ठानी। जिसको लेकर काफी हलचल मच गई थी। पहली बार बीए, बीएससी, बीकॉम समेत पीजी कोर्सेज के स्टूडेंट्स को एग्जाम्स में ओएमआर शीट वाली कॉपियां दी गई। लेकिन आरयू की यह मंशा फलीभूत नहीं हो सकी। स्टूडेंट्स, टीचर्स और आरयू के कर्मचारियों ने इसमें शुरू में ही सेंधमारी कर सिस्टम को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। केवल बीकॉम और बीएससी मैथ्स में काफी हद तक कोडिंग व्यस्था दुरूस्त रही।
अब नहीं हो सकेगी पहचान
मार्च में कंडक्ट होने वाले मेन एग्जाम्स में इस बार सभी कॉपियों की कोडिंग कराई जाएगी। ताकि कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान उनकी पहचान न हो सके। बीए, बीकॉम, बीएससी, एमए, एमकॉम, एमएससी समेत आने वाले मंथ में कंडक्ट की जाने वाले सभी एग्जाम्स में पूरी तरह से कोडिंग व्यवस्था लागू होगी। स्टूडेंट्स चाहे तो भी उसे भंग नहीं कर सकते। इसके लिए अलग से व्यवस्था की गई है। सभी कॉपियों को ही एक ही बिल्डिंग में एकत्रित कर उनकी कोडिंग की जाएगी। कोडिंग कई चरणों में रहेगी ताकि इस व्यवस्था में जुटे कर्मचारी और शिक्षक डीकोड न कर सकें। रजिस्ट्रार एके सिंह ने बताया कि इस बार के एग्जाम में सभी सब्जेक्ट्स में कोडिंग होगी। पिछली बार से ज्यादा दुरूस्त होगी।